बाजरे की सरकारी खरीद एमएसपी पर तुरंत शुरू कराए सरकार
 किसानों को निजी हाथों में फसल बेचने से हो रहा नुकसान

चंडीगढ़, 8 सितंबर। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हरियाणा कांग्रेस की पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कुमारी सैलजा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार ने बाजरे की सरकारी स्तर पर खरीद अभी तक शुरू नहीं की है जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। मंडी में किसान बाजरा लेकर आ रहे हैं, उसे एमएसपी से कम दाम पर व्यापारियों को बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों को प्रति क्विंटल 500-600 रुपये का नुकसान हो रहा है। प्रदेश सरकार को ऐसे में तुरंत प्रभाव से सरकारी स्तर पर मंडियों में खरीद का ऐलान करना चाहिए।

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि तीन काले कृषि कानूनों के विरोध के बाद गठबंधन सरकार किसानों को परेशान करने का कोई भी मौका नहीं छोड़ रही है। किसी न किसी बहाने से किसानों का शोषण कराने का कोई न कोई तरीका खोज ही लेती है। कभी जरूरत के समय उन्हें खाद्य, बिजली, मुहैया नहीं कराए जाते तो कभी खाद्य के साथ जबरन कीटनाशक थमा दिए जाते हैं। कभी तैयार फसल की खरीद का भी इंतजाम नहीं किया जाता, तो कभी बीज के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी कर दी जाती है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दक्षिण हरियाणा में बाजरे की फसल जल्द तैयार होकर मंडी पहुंच जाती है, लेकिन इसकी खरीद कब शुरू होगी, इसकी घोषणा अभी तक नहीं की गई है। किसानों के पास इतनी जगह नहीं होती कि वे फसल को स्टोर कर सकें। इसलिए इसे लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। तय एमएसपी के मुताबिक बाजरा 2500 रुपये प्रति क्विंटल बिकना चाहिए, लेकिन इसे 1900-2000 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को मजबूर हैं।

कुमारी सैलजा ने कहा कि जब समय पर खरीद ही शुरू नहीं होगी तो फिर एमएसपी पर खरीददारी करना ढकोसला ही कहा जाएगा। किसानों को किसी भी सूरत में एक नए पैसे का भी फायदा न हो, इसलिए ही आज तक एमएसपी की गारंटी का कानून नहीं बनाया गया। जबकि, किसान आंदोलन की समाप्ति के दौरान भाजपा की केंद्र सरकार ने कानून बनाने का वादा किया था। इसकी सच्चाई तो यह है कि इसके लिए बनाई कमेटी की आज तक कोई बैठक भी नहीं हुई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार किसानों को परेशान करना बंद करे। क्योंकि, मौसम की मार से वे पहले ही बेहाल हैं। कम उत्पादन के कारण पहले ही परेशान हैं। इसलिए मंडियों में बाजरे की सरकारी खरीद तुरंत प्रभाव से शुरू कराने के आदेश दे।