कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने दी बधाई।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 2 सितम्बर : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. पवन कुमार (लाइट ऑफ होप-II) को प्रतिष्ठित ललित कला अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। 63 वीं राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी 2023 ललित कला अकादमी के राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन कमानी ऑडिटोरियम नई दिल्ली में किया गया था।

इस अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बधाई देते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के लिए यह गर्व का विषय है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के शिक्षक अपने शिक्षण एवं विषय विशेषज्ञ में विशिष्टता प्राप्त है तथा अपनी विशिष्टता के द्वारा वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को समय- समय पर गौरवान्वित करते हैं। केयू कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा ने भी डॉ. पवन शर्मा को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी।

लोक सम्पर्क विभाग के उप-निदेशक डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि ललित कला अकादमी ने इस बार की राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी और पुरस्कारों के लिए देश भर से 2291 कलाकारों की 5714 प्रविष्टियां प्राप्त की थी। इन प्रविष्टियों में से 20 कलाकारों को पुरस्कारों के लिए चुना गया था, जिसमें फोटोग्राफी के क्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के ललित कला विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. पवन कुमार को ललित कला अकादमी राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया वहीं विभाग के ही सहायक प्राध्यापक आनंद जायसवाल की फोटोग्राफी प्रदर्शनी के लिए चिन्हित की गई ।

डॉ. दीपक राय बब्बर ने बताया कि कार्यक्रम का उद्घाटन अभिनेता मनोज जोशी, लेखक चंद्रप्रकाश द्विवेदी और कलाकार वासुदेव कामथ नई दिल्ली स्थित कमानी ऑडिटोरियम में किया। मुख्यातिथि के रूप में भारत के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार राम वनजी सुतार रहे। उन्होंने कई महापुरुषों की बहुत विशाल मूर्तियाँ बनायीं है जिनमें स्टेचू ऑफ़ यूनिटी भारत के संस्थापक सरदार वल्लभभाई पटेल की है उनके द्वारा बनाई गई महात्मा गांधी की प्रतिमा अब तक विश्व के तीन सौ से अधिक शहरों में लग चुकी हैं। राष्ट्रीय कला प्रदर्शनी (एनईए) हर साल पेंटिंग, मूर्तिकला, प्रिंट मेकिंग, फोटोग्राफी, डिजिटल कला, वीडियो कला और इंस्टॉलेशन सहित विभिन्न शैलियों से दृश्य कला के कार्यों को आमंत्रित करती है। इस बार प्रदर्शनी में देशभर से कुल 20 कलाकारों के कार्यों का प्रदर्शन किया गया।

इस समारोह में एक ताम्रफलक, एक शॉल, एक प्रमाण पत्र और 2 लाख रुपये के नकद पुरस्कार के रूप में पुरस्कृत किया गया। निश्चित रूप से यह देश का सबसे प्रतिष्ठित कला कार्यक्रम है और अकादमी पुरस्कार कलाकारों को नाम, प्रसिद्धि और भविष्य के अवसर प्रदान करता है।

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