करीब साढ़े तीन दशक से श्री जयराम विद्यापीठ में भव्य गीता जयंती महोत्सव का आयोजन हो रहा है।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक

कुरुक्षेत्र, 18 नवम्बर : भगवान श्री कृष्ण से श्री मुख से उत्पन्न हुई पावन गीता की जन्मस्थली धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 1989 से श्री जयराम विद्यापीठ परिसर में परम पूज्य ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से गीता जयंती महोत्सव की शुरुआत की गई थी। करीब साढ़े तीन दशक से अधिक समय में श्री जयराम विद्यापीठ में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाला गीता जयंती महोत्सव भव्य एवं विशाल रूप ले चुका है। इस वर्ष भी बड़े उत्साह से गीता जयंती महोत्सव 2024 के कार्यक्रमों का आयोजन होगा। देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की अध्यक्षता में श्री जयराम गीता जयंती आयोजन कमेटी की एक महत्वपूर्ण बैठक विद्यापीठ में हुई।

बैठक के शुभारम्भ से पूर्व विद्यापीठ से वर्षों से जुड़े सदस्य विलायती राम नरूला के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए। बैठक में ब्रह्मचारी ने चर्चा करते हुए कहाकि इस वर्ष गीता जयंती महोत्सव का पुरे उमंग एवं आस्था के साथ आयोजन किया जाएगा। गीता जयंती के कार्यक्रमों को भी नए स्वरूप के साथ आमजन को जोड़कर किया जाएगा। गीता जयंती महोत्सव 2024 के ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के निर्देशानुसार अलग अलग कार्यक्रम कमेटियों का गठन किया गया। जिसमें श्रवण गुप्ता, के.के. कौशिक, राजेंद्र सिंघल, ईश्वर गुप्ता, खरैती लाल सिंगला, कुलवंत सैनी, पवन गर्ग, सुरेंद्र गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला व एस.एन. गुप्ता को शामिल किया गया है।

ब्रह्मचारी ने इसी अवसर पर गीता जयंती महोत्सव 2024 के आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के संबंध में बताया कि गीता जयंती के कार्यक्रमों के शुभारम्भ से पूर्व 30 नवम्बर को विद्यापीठ में हरवर्ष की भांति भूमि पूजन तथा परम्परागत खूंटा गाड़ने का कार्यक्रम होगा। साथ ही श्री हनुमान चालीसा का सामूहिक पाठ होगा। 2 दिसम्बर को गीता जयंती के निर्विघन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान का आह्वान कर ध्वजारोहण होगा। 2 दिसम्बर को विद्यापीठ में गीता जयंती के कार्यक्रमों के साथ ही गुरु परम्परा के अनुसार मंदिरों की वार्षिक मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा उत्सव एवं विधिवत पूजन होगा। उन्होंने बताया 5 दिसम्बर से 7 दिसम्बर तक विद्यापीठ में राज्य स्तरीय अंतर विद्यालय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिताएं नए स्वरूप एवं नए अंदाज से आयोजित होंगी। इन सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रतियोगिताओं में विभिन्न जिलों के करीब 4 हजार से अधिक स्कूली विद्यार्थी अपनी प्रतिभा दिखाएंगे।

ब्रह्मचारी ने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष 5 दिसम्बर से 11 दिसम्बर तक संगीतमयी श्री मदभागवत कथा का आयोजन होगा, जिसमें कथाव्यास वृन्दावन मथुरा से विख्यात कथावाचक संजीव कृष्ण ठाकुर होंगे। ब्रह्मचारी ने बताया कि कथा के शुभारम्भ से पूर्व कथास्थल तक भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने बताया कि 9 दिसम्बर को संत महापुरुषों के आशीर्वाद से गरीब परिवारों की कन्याओं का 33 वां सामूहिक विवाह समारोह होगा। ब्रह्मचारी ने बताया कि 10 दिसम्बर को हरवर्ष की भांति विशाल हास्य कवि सम्मेलन होगा। इस कवि सम्मेलन में देश कई महान एवं विख्यात हास्य कवि अपनी प्रस्तुतियां देंगे। उन्होंने बताया कि 11 दिसम्बर को गीता जयंती उत्सव समापन पर नगर की विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ भव्य शोभा यात्रा निकलेगी।

गीता जयंती के अवसर पर ही 121 ब्रह्मचारियों द्वारा नियमित गीता पाठ तथा गीता यज्ञ होगा। बैठक में श्रवण गुप्ता, ईश्वर गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, टेक सिंह, के.के. कौशिक, डा. नरेंद्र पाल गुप्ता, खरैती, सुशील कंसल, पवन गर्ग, यशपाल, राजेश सिंगला, कपिल मित्तल, सुरेंद्र गुप्ता, विनोद कुमार, के.सी. रंगा, मुनीश मित्तल, डी.के. गुप्ता, विशाल सिंगला, संगीता शर्मा, सतबीर कौशिक व रोहित कौशिक इत्यादि मौजूद रहे।

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