अहीरवाल की जनता इस सच्चाई से भी वाकिफ है कि यदि वे संघर्ष नही करते तो मुख्यमंत्री की 8 साल पूर्व मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा मात्र घोषणा ही बनकर रह जाती : विद्रोही माजरा के ग्रामीणों ने अभूतपूर्व त्याग दिखाकर अपनी करोडों की जमीन सरकार को कोडियों के भाव में देकर ना केवल एम्स निर्माण का रास्ता साफ किया : विद्रोही 1 सितम्बर 2023 – माजरा एम्स शिलान्यास की प्रशासन द्वारा की जा रही तैयारियों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि वे तो सार्वजनिक रूप से पिछले एक साल से कह रहे है कि लोकसभा चुनाव से ठीक 4-6 माह पूर्व ही एम्स शिलान्यास भाजपा सरकार करेगी ताकि एम्स के नाम पर अहीरवाल में वोटों की फसल काटी जा सके। विद्रोही ने कहा कि अब उनका यह अनुमान सच साबित हो रहा है। प्रधानमंत्री मोदीजी 23 सितम्बरे को शहीदी दिवस पर या किसी अन्य दिन माजरा एम्स का शिलान्यास करेंगे यह तो भाजपा सरकार व उसके रणनीतिकार जाने, लेकिन अहीरवाल की जनता विगत 8 सालों से जिस बेसब्री से एम्स निर्माण की आशा जोंह रही है, वह समय आने पर आमजनों को खुशी ही मिलेगी। वहीं अहीरवाल की जनता इस सच्चाई से भी वाकिफ है कि यदि वे संघर्ष नही करते तो मुख्यमंत्री की 8 साल पूर्व मनेठी में एम्स बनाने की घोषणा मात्र घोषणा ही बनकर रह जाती। विद्रोही ने कहा कि माजरा के ग्रामीणों ने अभूतपूर्व त्याग दिखाकर अपनी करोडों की जमीन सरकार को कोडियों के भाव में देकर ना केवल एम्स निर्माण का रास्ता साफ किया, अपितु एम्स के लिए प्रस्तावित जमीन को सरकार के नाम करवाने में आई सभी बाधाओं को भाजपा सरकार प्रशासन द्वारा दूर करने की बजाय खुद अपने स्तर पर ही ग्रामीणों ने इन बाधाओं को दूर किया। माजरा गांव के लोगों के त्याग, जब्जे का भी एम्स निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है। अब यह तो तय हो गया कि माजरा एम्स बनेगा, कब बनेगा और किस दिन बनेगा, कब धरातल पर आकार लेगा यह तो भाजपा सरकार की नियत पर निर्भर है। लेकिन एम्स शिलान्यास से पहले विद्रोही ने प्रधानमंत्री मोदीजी से सार्वजनिक आग्रह किया कि वे जिस दिन एम्स का शिलान्यास करे, उसी दिन यह भी सुनिश्चित करे कि वर्ष 2023-24 में माजरा एम्स में प्रथम वर्ष की एमबीबीएस यूजी कोर्स की विधिवत कक्षाएं व ओपीडी भी किसी अस्थाई भवन में शुरू हो ताकि एम्स निर्माण कहीं बीरबल की खिचडी न बन जाये। Post navigation कैसा महिला सम्मान ! प्रदेश की लगभग 20 हजार आशा वर्कर बहनों को आंदोलन करना पड़ रहा : विद्रोही एंटी करप्शन ब्यूरो की भ्रष्ट कर्मचारियों के विरुद्ध मुहिम तेज