प्रधानमंत्री व एक राजनेता के रूप में मोदीजी महिलाओं की अस्मिता, गरिमा की रक्षा करने में तो असफल हुए ही है, साथ में भाजपा-संघ से जुड़े यौन शोषण आरोपियों को सत्ता दुरूपयोग से बचाने वाले नेता के रूप में भी उभरे है : विद्रोही
चंडीगढ़ पुलिस सीधे प्रधानमंत्री मोदीजी व गृहमंत्री अमित शाह के अधीन है। विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी का 9 वर्ष का कार्यकाल गवाह रहा है कि उन्होंने यौन शोषण आरोपी भाजपाई-संघीयों को सत्ता दुरूपयोग से बचाने का हरसंभव कुप्रयास किया है : विद्रोही

28 अगस्त 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदीजी का हरियाणा पानीपत की धरती पर दिया गया बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा एक जुमला और महिलाओं को भावनात्मक रूप से ठगने की नौटंकी साबित हुआ। विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री व एक राजनेता के रूप में मोदीजी महिलाओं की अस्मिता, गरिमा की रक्षा करने में तो असफल हुए ही है, साथ में भाजपा-संघ से जुड़े यौन शोषण आरोपियों को सत्ता दुरूपयोग से बचाने वाले नेता के रूप में भी उभरे है। इसका ताजा प्रमाण हरियाणा भाजपा सरकार के मंत्री संदीप सिंह को यौन शोषण आरोप से बचाने का कुप्रयास सबके सामने है। लगभग 8 माह पूर्व दिसम्बर 2022 में हरियाणा खेल विभाग की एक महिला कोच ने उस समय के खेल मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ यौन शोषण, छेड़छाड़, अटेम्प टू रेप के आरोप में चंडीगढ़ पुलिस के पास जो एफआईआर दर्ज करवाई थी, उस एफआईआर के आधार पर चंडीगढ़ पुलिस ने हरियाणा के मंत्री संदीप सिंह के खिलाफ जो चार्टशीट दायर की है, उसमें संदीप सिंह के खिलाफ छेड़छाड़ की हल्की धाराएं तो लगाई है लेकिन अटेम्प टू रेप की धारा को गोल कर दिया।

विद्रोही ने कहा कि चंडीगढ़ पुलिस का संदीप सिंह पर दायर एफआईआर पर विगत 8 माह में ऐसा रवैया रहा है कि मानो मंत्री तो पीडि़त हो और यौन शोषण की शिकार जूनियर महिला कोच आरोपी हो? चंडीगढ़ पुलिस इतने संगीन आरोप में भी संदीप सिंह को गिरफ्तार करने की बजाय 8 माह की जांच की नौटंकी बाद हल्की-फुल्की धाराओं में चार्जशीट दायर करके मंत्री को बचाने का कुप्रयास कर रही है। उल्लेखनीय है कि  चंडीगढ़ पुलिस सीधे प्रधानमंत्री मोदीजी व गृहमंत्री अमित शाह के अधीन है। विद्रोही ने कहा कि प्रधानमंत्री के रूप में मोदी जी का 9 वर्ष का कार्यकाल गवाह रहा है कि उन्होंने यौन शोषण आरोपी भाजपाई-संघीयों को सत्ता दुरूपयोग से बचाने का हरसंभव कुप्रयास किया है। यहां तक यौन शोषण आरोप में घिरने वाले सांसद, विधायकों के खिलाफ मोदी सरकार ने तब तक पुलिस एफआईआर दर्ज नही करने दी जब तक किसी कोर्ट ने हस्ताक्षेप न किया हो। विद्रोही ने कहा कि जब देश के सर्वोच्च पद पर बैठे प्रधानमंत्री मोदीजी यौन शोषण आरोपी सांसदों, विधायकों, नेताओं को सत्ता दुरूपयोग से इस तरह बचाने का कुप्रयास करेंगे तब यौन शोषण पीडि़त लडकी व महिला को न्याय क्या खाक मिलेगा? ऐसी स्थिति में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का जुमला उछालकर महिलाओं को भावनात्मक रूप से ठगने का क्या औचित्य है?

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