गुरुग्राम व फरीदाबाद में पुलिस आयुक्त के साथ महेंद्रगढ़ और सिरसा के एसपी को भी बदला गया
क्या मुसलमानों के बहिष्कार के खिलाफ चेतावनी देने पर बदले गए रेवाड़ी के उपायुक्त?

भारत सारथी/ कौशिक

चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने पुलिस महकमे में बड़ा बदलाव किया है। 20 आईपीएस अधिकारियों को बदला गया है। शत्रुजीत कपूर के डीजीपी बनने के बाद यह पहला बड़ा बदलाव है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विभाग में और भी बड़े स्तर पर पुलिस अधिकारियों के तबादले होंगे। गुरुग्राम व फरीदाबाद में पुलिस आयुक्त के साथ महेंद्रगढ़ और सिरसा के एसपी को भी बदला गया है। स्टेट क्राइम ब्रांच के एडीजीपी ओमप्रकाश सिंह को हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो का एडीजीपी लगाया है। साथ ही उन्हें एससीआरबी के निदेशक का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है। एडीजीपी (साइबर) भी ओपी सिंह होंगे। एंटी करप्शन ब्यूरो में एडीजीपी अजय सिंघल को स्टेट क्राइम ब्रांच का एडीजीपी नियुक्त किया है। एडीजीपी (प्रशासन) डॉ़ एएस चावला अब हरियाणा स्टेट इंफोर्समेंट ब्यूरो के एडीजीपी होंगे। एडीजीपी (टेलीकॉम-आईटी) की जिम्मेदारी उनके पास पहले की तरह बनी रहेगी।

वहीं पंचकूला पुलिस मुख्यालय में एडीजीपी (प्रशासन) की जिम्मेदारी अब कला रामचंद्रन संभालेंगी। कला रामचंद्रन वर्तमान में गुरुग्राम की पुलिस आयुक्त थीं। एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) ममता सिंह के पास यह जिम्मेदारी बनी रहेगी। स्टेट इंफोर्समेंट ब्यूरो की एडीजीपी का कार्यभार उनसे लिया है। वहीं आरटीसी भौंडसी की एडीजीपी का जिम्मा उनके पास पहले की तरह बना रहेगा। साउथ रेंज, रेवाड़ी के एडीजीपी डॉ़ एम रवि किरण को यहां से बदल कर जेल विभाग में एडीजीपी लगाया है।

सीपीटी एंड आर भौंडसी में एडीजीपी कृष्ण कुमार राव को रोहतक रेंज का एडीजीपी लगाया है। मधुबन में हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के आईजीपी अमिताभ सिंह ढिल्लों को एंटी करप्शन ब्यूरो में आईजीपी नियुक्त किया है। ढिल्लों के पास आईजीपी (आधुनिकीकरण एवं वेलफेयर) की जिम्मेदारी भी रहेगी। संजय सिंह से पंचकूला के पुलिस आयुक्त का कार्यभार वापस लिया है। वे आईजीपी (प्रशासन) बने रहेंगे। साथ ही, आईजी (कानून एवं व्यवस्था) भी होंगे।

स्टडी लीव से लौटने के बाद नियुक्ति आदेशों का इंतजार कर रहे मनीश चौधरी को सीआईडी की आईजीपी नियुक्त किया है। हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन में डीआईजी अरुण सिंह के मधुबन में हरियाणा आर्म्ड पुलिस के डीआईजी का काम भी देखेंगे।

शिव चरण को सरकार ने पीटीसी, सुनारियां का डीआईजी लगाया है। गुरुग्राम में ट्रैफिक के डीसीपी वीरेंद्र कुमार को डीसीपी-ईस्ट की भी जिम्मेदारी दी है। अभी तक डीसीपी-ईस्ट की जिम्मेदारी संभाल रहे नितिश अग्रवाल को महेंद्रगढ़ का नया एसपी लगाया है। वहीं महेंद्रगढ़ के एसपी विक्रांत भूषण को यहां से बदल कर सिरसा का नया एसपी बनाया है।

फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा को यहां से बदल कर अब गुरुग्राम का नया पुलिस आयुक्त लगाया है। सीएम फ्लाइंग स्कवॉयड के आईजीपी राजेंद्र कुमार को सरकार ने साउथ रेंज, रेवाड़ी का आईजी नियुक्त किया है। अंबाला रेंज के आईजी सिबास कविराज यह जिम्मेदारी पहले की तरह देखते रहेंगे। साथ ही, उन्हें पंचकूला का पुलिस आयुक्त बनाया है और उनका मुख्यालय अंबाला ही रहेगा। रोहतक रेंज के आईजी राकेश अर्य को बड़ी जिम्मेदारी देते हुए उन्हें फरीदाबाद का पुलिस आयुक्त लगाया है। राकेश आर्य एससीआरबी के आईजीपी भी होंगे। भौंडसी में स्पेशल टॉस्क फोर्स के डीआईजी सिमरनदीप सिंह यह जिम्मेदारी निभाते रहेंगे। सरकार ने उन्हें जेल विभाग में भी डीआईजी की जिम्मेदारी अलग से सौंपी है।

गुरुग्राम पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन को सीएम खट्टर ने क्यों हटाया?

हरियाणा सरकार ने 20 आईपीएस अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति आदेश जारी किए। तबादला एक सामान्य प्रक्रिया है जो हर राज्य में चलती रहती है। लेकिन हरियाणा में तबादला किए गए अफसरों में गुड़गांव की पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन भी शामिल हैं। कला रामचंद्रन की वजह से हरियाणा सरकार पर तमाम सवाल उठ रहे हैं। तबादला आदेश इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि नए डीजीपी के रूप में शत्रुजीत कपूर की नियुक्ति के कुछ ही दिनों बाद यह फेरबदल हुआ। कपूर ने 16 अगस्त को कामकाज संभाला था।

कला रामचंद्रन को अब एडीजीपी, प्रशासन (हरियाणा) नियुक्त किया गया है, जिससे अरशिंदर सिंह चावला को इस प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर विकास अरोड़ा को अब गुड़गांव का नया पुलिस कमिश्नर नियुक्त किया गया है। अरोड़ा का स्थान फरीदाबाद में आईजीपी, रोहतक रेंज राकेश कुमार आर्य लेंगे।

कहा जा रहा है कि कला रामचंद्रन को दरअसल गुड़गांव हिंसा के दौरान सुदर्शन न्यूज चैनल के संपादक पर कार्रवाई के आरोप में हटाया गया है। हुआ यह था कि 31 जुलाई से पहले ही सुदर्शन न्यूज मेवात को लेकर तमाम नफरती कार्यक्रम कर रहा था। 31 जुलाई की हिंसा के बाद उसने फेक न्यूज फैलाना शुरू कर दी। गुड़गांव में साम्प्रदायिक उन्माद भड़काने वाली खबरें जब बढ़ गईं तो ठोस सूचना पर पुलिस कमिश्नर कला रामचंद्रन ने सुदर्शन चैनल के संपादक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। यह कार्रवाई तो हो गई लेकिन हरियाणा सरकार इस कार्रवाई से खुश नजर नहीं आई।

इस तबादला सूची में एडीजीपी ममता सिंह का नाम भी शामिल है, जिनसे एडीजीपी एनफोर्समेंट का काम ले लिया गया है। ममता सिंह, एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) जिनके पास एडीजीपी, हरियाणा एनफोर्समेंट ब्यूरो और एडीजीपी, क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, भोंडसी, गुड़गांव का अतिरिक्त प्रभार था, अब सिर्फ एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) और एडीजीपी, आरटीसी, भोंडसी का काम देखेंगी। ममता सिंह वही पुलिस अधिकारी हैं जिन्होंने नूंह हिंसा के बाद कहा था कि इस घटना में पाकिस्तान की साजिश की बात कहना गलत है। ममता सिंह ने नूंह के नल्हर मंदिर में बहुसंख्यक समुदाय के लोगों को बंधक बनाए जाने की घटना का भी खंडन किया था। बंधन बनाने की खबर सुदर्शन चैनल ने चलाई थी। लेकिन खुद मंदिर के पुजारी ने भी इसका खंडन किया था।

हालांकि इन तबादलों को सरकार रुटीन तबादले बता रही है लेकिन राज्य के राजनीतिक क्षेत्रों में कला रामचंद्रन, ममता सिंह और इमरान रजा के तबादलों की खासी चर्चा है।

क्या मुसलमानों के बहिष्कार के खिलाफ चेतावनी देने पर बदले गए रेवाड़ी के उपायुक्त?

इस दौरान रेवाड़ी के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) इमरान रजा का तबादला भी चर्चा का विषय बना हुआ है। नूंह हिंसा के बाद रेवाड़ी जिले के कुछ पंचायत क्षेत्रों में इस तरह के पोस्टर नजर आए थे, जिनमें समुदाय विशेष का बहिष्कार और समुदाय विशेष के दुकानदारों से सामान नहीं खरीदने की नफरती बातें लिखी थीं। रेवाड़ी के डीसी इमरान रजा ने ऐसी पंचायतों को नोटिस जारी करते हुए कार्रवाई की चेतावनी दी थी। सरकार ने इसी घटनाक्रम के बाद इमरान रजा का तबादला कर दिया।

इमरान रजा 2015 आईएएस काडर के अधिकारी हैं। इमरान वही आईएएस हैं, जिन्होंने पिछले दिनों अपनी बेटी का एडमिशन गुड़गांव के झाड़सा आंगनवाड़ी केंद्र में कराया था। उनकी पत्नी सदफ माजिद गुड़गांव में ही पेशे से डॉक्टर हैं।

इन तबादलों ने बरेली के एसएसपी प्रभाकर के तबादले की याद दिला दी, जब उन्होंने कुछ ऐसे कावंड़ियों पर कार्रवाई की थी, जिन्होंने बरेली में रूट का उल्लंघन किया, कुछ ने शराब पी रखी थी और कुछ के पास हथियार भी थे। बरेली के एसएसपी की कार्रवाई पर यूपी सरकार ने अगले ही दिन उनका तबादला कर दिया। जबकि बरेली के लोगों का कहना था कि एसएसपी प्रभाकर ने ऐसी कार्रवाई करके बरेली को साम्प्रदायिक हिंसा से बचा लिया।

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