तकनीकी सहायता  के नाम पर विदेशी मूल के लोगों को ठगने का खेल
01 महिला सहित कुल 10 आरोपी पुलिस ने किया  गिरफ्तार    
कब्जा से 03 मोबाईल फोन, 10  लैपटॉप, 01मॉडम व 10 लाख  नगद बरामद   

 फतह सिंह उजाला                                     

गुरुग्राम 17 अगस्त । 16/17. अगस्त.2023 की रात को निरीक्षक जसवीर, प्रबंधक थाना साईबर पूर्व, गुरूग्राम की टीम पुलिस टीम को अपने विश्वशनीय सूत्रों के माध्यम से एक सूचना मकान नंबर 1183, सैक्टर-43, गुरुग्राम में अवैध/फर्जी तरीके से कॉल सैन्टर चलाकर विदेशी नागरिकों को कस्टमर सर्विस देने के नाम पर धोखाधड़ी करते हुए ठगी करने के सम्बन्ध में प्राप्त हुई। 

प्राप्त सूचना  विपिन अहलावत सहायक पुलिस आयुक्त साईबर अपराध, गुरुग्राम के निर्देशन में एक रेडिंग पुलिस टीम गठित की गई और उपरोक्त सूचना में बताए गए स्थान पर चलाए जा रहे कॉल सेंटर पर रेड़ की गई। रेड़ के दौरान उक्त स्थान पर फर्जी/अवैध तरीके से कॉल सैन्टर संचालित होना पाया गया और कॉल सैन्टर के संचालक/मालिक द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर विदेशी नागरिकों को तकनीकी सहायता देने के नाम पर धोखाधड़ी करके ठगी करने पर कॉल सैन्टर से 01 महिला सहित कुल 10 आरोपियों को कॉल सेंटर से काबू किया गया। आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धारा  के तहत थाना साईबर अपराध पूर्व, गुरुग्राम में मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

आरोपियों से पुलिस पूछताछ में ज्ञात हुआ कि कॉल सेंटर का मालिक अपने साथी/कर्मचारियों के साथ मिलकर इस कॉल सैंटर का संचालन करते है और इन्होनें कस्टमर सर्विस के लिए कर्मचारियों को सेलरी व कमीशन पर रखा हुआ है। कॉल सेंटर के मालिक/संचालक से पुलिस पूछताछ में यह भी बताया कि यह अगस्त-2022 से अपने साथी आरोपियों के साथ मिलकर यह काम कर रहा है व इसने विदेशी मूल के नागरिकों को टेक सपोर्ट की कस्टमर केयर सर्विस प्रदान देने के लिए इसने वर्चुवल  टीएफएन नंबर लिए हुए है, जिन नम्बरों पर यह कॉल लैंड करवाता है तथा एक्स लाइट डायलर के माध्यम से आने वाली कॉल को इसके साथी कर्मचारी सुनते है, जिस ग्राहक  अमेजॉन पाल इबे से संबंधित कोई असुविधा होती है तो वो इनके टीएफएन नंबर  पर  कॉल करते है, ये कॉलर से उनकी शिकायत पूछते है व अगर कॉलर/कस्टमर कोई असुविधा/समस्या बताता है, तो ये खुद को उस कम्पनी का प्रतिनिधि बताकर पहले उन्हें अपने विश्वास में लेते है और उसकी समस्या को दूर करने के लिए एनीडेस्क टीम विवर आदि एप्लिकेशन के माध्यम से उसके सिस्टम का रिमोट एक्सेस प्राप्त कर लेते है।

ये ग्राहक/पीङित को वास्तविक बात ना बताकर उनसे अन्य समस्याओं के बारे में भी बात करते है और उन्हें उनकी निजी जानकारी का रिस्क, हैकर द्वारा अकाउंट हैक करना, डिवाइस असुरक्षित, फाइनेंसियल इनफार्मेशन लीक व चाईल्ड पोर्नोग्राफी इत्यादि के बारे में बताते है, फिर उस समस्या को दूर करने के नाम पर ये कॉलर से 100-500 डॉलर की ठगी करते है। इनके द्वारा ठगी हुई अमाउंट को ये अलग-अलग आईडी में डलवा लेते है व बाद मे ब्लॉकर के माध्यम से कैश करवाकर अपना हिस्सा प्राप्त कर लेते है। कॉलर द्वारा कमाई गई ठगी की राशि के आधार पर उन्हें इंसेंटिव के तौर पर एक डॉलर पर 12 से 15 रुपए दिए जाते थे। पुलिस टीम ने उपरोक्त आरोपियों द्वारा इस जालसाजी में प्रयोग किए जाने वाले 03 मोबाईल फोन, 10 लैपटॉप, 01 मॉडम व 10 लाख रुपयों की नगदी आरोपियों के कब्जा से बरामद की गई है।

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