आजादी के 76 साल बाद एकबार फिर लोकतंत्र संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व संवैद्यानिक संस्थाओं पर फासीजम का गंभीर खतरा मंडरा रहा है : विद्रोही
विगत 9 वर्षो से भारत में धीरे-धीरे लोकतंत्र के नाम पर संघी फासीजम थोपा जा रहा है। लोकतंत्र व तिरंगे की दुहाई तो दी जाती है, पर वास्तव में उसका मान-सम्मान नही किया जाता : विद्रोही

14 अगस्त 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने एक बयान में कहा कि भारत अपनी आजादी के 76 वर्ष पूर्ण करके आजादी के 77वें वर्ष में प्रवेश कर गया, पर दुर्भाग्य यह है कि आजादी के 76 साल बाद एकबार फिर लोकतंत्र संविधान, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व संवैद्यानिक संस्थाओं पर फासीजम का गंभीर खतरा मंडरा रहा है। विद्रोही ने कहा कि विगत 9 वर्षो से भारत में धीरे-धीरे लोकतंत्र के नाम पर संघी फासीजम थोपा जा रहा है। लोकतंत्र व तिरंगे की दुहाई तो दी जाती है, पर वास्तव में उसका मान-सम्मान नही किया जाता। 

विद्रोही ने कहा कि आजकल हरियाणा में आजादी अमृत महोत्सव के नाम पर भाजपा कथित तिरंगा यात्राएं कर रही है, पर इन तिरंगा यात्राओं में राजनीति व संघी महिमामंडन का तडक़ा तो है, पर शहीदों के सम्मान की भावना दूर-दूर तक कहीं नजर नही आती। शहीदों की तस्वीरों के नाम पर प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर केन्द्रीय मंत्रीयों, हरियाणा सरकार के मंत्री, भाजपा सासंदों, विधायकों की तस्वीरे है, मानो वे ही देश को आजाद करवाने के लिए बड़ी कुर्बानिया देने वाले स्वतंत्रता सेनानी हो। 

विद्रोही ने कहा कि आजादी अमृत महोत्सव के नाम पर भाजपाई-संघी ना केवल आजादी आंदोलन के इतिहास व स्वतत्रंता सेनानियों का मजाक उड़ाया।  इन कथित तिरंगा यात्राओं का शहीद सम्मान से कोई लेना-देना नही है अपितु उक्त यात्राएं जनता को बरगालकर वर्तमान में व्याप्त समस्याओं, महंगाई, बेरोजगारी, कुव्यवस्थाओं, किसान आंदोलन, पेगागस जासूसी, पैट्रोल-डीजल व रसोई गैस की बढ़ती कीमते, भ्रष्टाचार, संघी लूट से आममजनों का ध्यान हटाकर नकली मुद्दों पर ध्यान बटाकर भाजपा-संघ की नफरत, बटवारे, धु्रवीकरण की राजनीति को सत्ता दुरूपयोग से आगे बढ़ाकर जनता को उल्लू बनाकर ठगना है। वहीं मीडिया इन भाजपाई-संघी तिरंगा यात्राओं के महिमामंडन की सभी हदे पार रहा है और इन यात्राओं की वास्तविकता बताने वाले बयानों को गोल कर रहा है। 

विद्रोही ने कहा कि एक ओर आजदी अमृत महोत्सव मनाने का भाजपा पांखड करती है, वहीं आजादी आंदोलन का नेतृत्व करके भारत को आजादी दिलाने वाली कांग्रेस को आजादी अमृत महोत्सव कार्यक्रमों से दूर रखा गया और विपक्ष के लोकतांत्रिक अधिकारों को कुचलने व दबाने का हरसंभव प्रयास किया। यह कैसा आजादी अमृत महोत्सव है जहां महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार सहित जनमुद्दे उठाकर आंदोलन व प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं का स्वयं प्रधानमंत्री मोदीजी मजाक उडा रहे है और महंगाई-बेरोजगारी के आंदोलन को काले जादू जैसी अंधविश्वासी बातों से जोडकर भारत की जनता के साथ क्रूर मजाक कर रहे हैै। जब देश का प्रधानंमत्री ही विपक्ष को कुचलकर-दबाकर साम्पदायिक उन्माद पैदा करके संघी फासीजम फैलायेगा तो देश में संविधान, कानून, लोकतंत्र व धर्मनिरपेक्षता कहा रह जायेगी?

विद्रोही ने कहा कि देश में संविधान, लोकतांत्रिक परम्पराओं व मर्यादाओं की धज्जियां उड़ाकर किस तरह लोकतंत्र को ही कुचला जा रहा है, इसका प्रमाण संसद के मोनसून सत्र में प्रधानमंत्री पर तीखे सवाल उठाने वाले लोकसभा में कांग्रेस-विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी का निलम्बन है। भारत के प्रजातांत्रिक इतिहास में कभी भी प्रमुख विपक्षी दल के नेता को निलम्बित करने का पाप बहुमत के बल पर किसी भी सरकार ने आज तक नही किया, पर मोदी ने ऐसा पाप करके भारत के लोकतंत्र को ही कलंकित कर दिया।

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