जनता की तकलीफें जाननी ही हैं तो प्रदेश में सरकार की अनदेखी और जुल्मों से दुखी होकर दिए जा रहे धरनों पर पहुंच कर सुनें उन लोगों की समस्याएं

12/8/2023 :- ‘सीएम खट्टर के जनसंवाद कार्यक्रम की गरिमा उन्ही के द्वारा कहे गए संवादों से समझी जा सकती है, जिसमें एक बुजुर्ग महिला जिसने ड्रग्स की वजह से अपने बेटे को खो दिया, वह नशाखोरी बंद करने के लिए गुहार लगा रही है, तो मुख्यमंत्री उसे बेशर्मी से कह रहे हैं कि किसी ने उन्हें ऐसा कहने के लिए सिखाया है। एक और फरियादी को बेइज्जत करते हुए कहते हैं की इसको उठा कर बाहर फेंको और इसकी पिटाई करो वहीं एक अन्य कार्यक्रम में एक शिकायती से कहते हैं की ‘अब तू रुक जा, बैठ जा, कहीं से सिखा के भेजी हुई है तू, फिर चुप कर।’ ये है इनका जनसंवाद?” उक्त बातें हरियाणा कांग्रेस सोशल मीडिया की स्टेट कॉर्डिनेटर सुनीता वर्मा ने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति में कही। उन्होंने कहा कि जनसंवाद कार्यक्रम में समस्या का समाधान चाहने वाले लोगों को अपनी तकलीफें सीएम के सामने रखने पर उन्हें दूसरी पार्टियों का भेजा हुआ और माहौल खराब करने वाला व्यक्ति बता कर फरियादियों को दबाया जा रहा है, उन्हें धमकाया और डराया जा रहा है।

महिला कांग्रेस नेत्री ने सीएम के इस जनसंवाद कार्यक्रम को ड्रामा बताते हुए कहा की यदि वो सच में प्रदेश की जनता से संवाद करना चाहते ही हैं तो उन्हें हड़ताली क्लर्कों, किसानों, आशा वर्करों, अन्य विभागों के कर्मचारियों, सरपंचों, गेस्ट टीचरों, बेरोजगार युवाओं से संवाद करना चाहिए ताकि वो जान सकें की प्रदेश की जनता आखिर चाहती क्या है? उन्होंने कहा की अगर वो जनता का भला करना ही चाहते हैं तो वो प्रदेश का और प्रदेशवासियों का सबसे बड़ा भला अपने पद से त्यागपत्र देकर कर सकते हैं ताकि प्रदेश ‘धरना प्रदर्शन प्रदेश’ बनने के अभिशाप से मुक्त हो जाए।

वर्मा ने कहा कि प्रचार मैनेजमेंट में माहिर बीजेपी अपने इन इवेंटबाजी के कार्यक्रम में कुछ बनाई गई पेंशनों का खूब जोरशोर से बखान करती हैं, किंतु ये नही बताया जाता की अब तक पेंशन बनाने में हुई देरी पर किस दोषी को दंडित किया गया? और क्या प्रदेश के मुख्यमंत्री का काम केवल गांव की गली पक्की करवाना, बीपीएल कार्ड, बुढ़ापा और विधवा पेंशन बनाने का ही रह गया? क्या सीएम इतने निठल्ले हो गए? उन्होंने कहा कि इन कथित जनसंवाद कार्यक्रमों में जनता की न सुन कर सीएम खुद के मन की और पार्टी के चुनाव प्रचार की ज्यादा बात करते हैं।

कांग्रेस नेत्री ने इन जनसंवाद कार्यक्रमों को स्टेज मैनेज्ड प्रायोजित कार्यक्रम बताते हुए कहा की खुद अधिकारी सीएम को गुमराह कर रहे हैं, आम जनता के इन कार्यक्रमों में नही आने से विभिन्न महकमों के कर्मचारियों को जबरदस्ती आम पब्लिक बता कर इस कार्यक्रम में सम्मिलित किया जा रहा है, यहां तक की सवाल करने वालों को भी पहले ही चुन लिया जाता है। ऐसा करने से अधिकारी और बीजेपी के बड़े नेता भी अपनी लूट और झूठ की पोल खुलने से बच जाते हैं। उन्होंने प्रेस के नाम जारी विज्ञप्ति के माध्यम से मुख्यमंत्री के उस बयान की भी कड़ी आलोचना की जिसमें उन्होंने सेट पेपर बनाने की जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए इसका ठीकरा एक प्राइवेट एजेंसी के माथे मढ दिया, उन्होंने इस पर मुख्यमंत्री को गैरजिम्मेदार और उनके बयान को बचकाना तथा अपरिपक्व सोच वाला नादानी भरा बयान बताते हुए कहा कि सरकार चल ही भ्रष्टाचार के दम पर रही हैं। भ्रष्टाचार से एकत्रित काला धन मिल बाँट कर खाया जा रहा है। अगर भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाए तो ये गठबंधन कल ही टूट जाएगा।

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