06 और 07 अगस्त के पेपर में 100 में से 41 सवाल कॉमन पाए गए, यानि चहेतों के लिए खुली हेराफेरी और गुणी युवाओं की जिंदगी बर्बाद
HSSC को बर्खास्त किया जाए, ग्रुप 56 और 57 का पेपर रद्द हो, तथा पूरे गड़बड़झाले की न्यायिक जाँच हो

चंडीगढ़, ​​​7 अगस्त, 2023 – खट्टर सरकार व उसके “हेराफेरी साँठगाँठ सर्विस कमीशन” – HSSC के रोज़ बदलते ‘तुगलकी फ़रमान’ व ‘मनमर्ज़ी की दुकान’ ने हरियाणा के नौजवानों की ज़िंदगी को बर्बादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। CET की परीक्षा के चार साल से चल रहे खेल के “मनोहर जाल” ने हरियाणा के बच्चों की ज़िंदगी को बदहाल बना दिया है। हरियाणा के युवाओं से आये-दिन नौकरी के नाम पर हो रहे मज़ाक़ ने युवाओं की रोज़गार पाने की हर उम्मीद को धराशायी कर दिया है। इसके लिए सीधे-सीधे श्री मनोहर लाल खट्टर व श्री दुष्यंत चौटाला ज़िम्मेदार हैं।

04 अगस्त, 2023 को भी हाईकोर्ट ने CET का रिवाईज़्ड रिज़ल्ट खारिज कर दिया। नतीजा यह था कि ग्रुप 56 और ग्रुप 57 के लिए एडवरटाईज़ सभी नौकरियों का पेपर अपने आप टल गया। इसके बावजूद आनन-फानन में खट्टर सरकार ने हाईकोर्ट के दो जजों की खंटीक से पेपर करवाने की इजाजत ले ली। ग्रुप 57 का रिटन एग्ज़ाम 6 अगस्त को हुआ। ग्रुप 56 का रिटन एग्ज़ाम आज यानि 7 अगस्त को हुआ।

ग्रुप 57 के पेपर की प्रतिलिपि संलग्नक A1 है। ग्रुप 56 के पेपर की प्रतिलिपि संलग्नक A2 है।

दोनों पेपर यानि 6 व 7 अगस्त, 2023 को हुए पेपर का अवलोकन किया जाए, तो 100 में से 41 सवाल, जो 6 अगस्त के पेपर में आए, वही 7 अगस्त के पेपर में भी आए हैं। इन सवालों की एक कंपैरेटिव लिस्ट संलग्नक A3 है।

जब दोनों पेपर में 41 सवाल कॉमन हैं, तो मतलब साफ है कि खट्टर सरकार व उसके हेराफेरी साँठगाँठ सर्विस कमीशन ने अपने चहेतों को पहले से ही सूचित कर दिया ताकि हेराफेरी से पूरी भर्ती प्रक्रिया में घोटाला किया जा सके।

वैसे भी ग्रुप 57 में पेपर का लेवल 12वीं कक्षा का था, तथा ग्रुप 56 में ग्रेजुएशन बेस्ड पेपर था, तो ऐसे में दोनों पेपर का स्तर एक तरह का कैसे हो सकता है। यह सीधे-सीधे हेराफेरी नहीं तो क्या है?

हमारी सीधी मांग हैः-
1. ग्रुप 57 व ग्रुप 56 के 6 तथा 7 अगस्त, 2023 को हुए दोनों पेपर को रद्द किया जाए।
2. पेपर सेट करने वाले एग्ज़ामिनर तथा एजेंसी को न केवल ब्लैकलिस्ट किया जाए, बल्कि उन पर एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
3. HSSC को तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया जाए, तथा उसके चेयरमैन एवं मेंबर्स पर इस नौकरी घोटाले में एफआईआर दर्ज करवाई जाए।
4. मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर तथा उपमुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला की पूरे मामले में संदिग्ध भूमिका की न्यायिक जाँच करवाई जाए।
खट्टर सरकार को अब झोला उठाकर चलता करने का समय आ गया है।

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