जावेद अहमद पर झूठा मुकदमा दर्ज किया गया : डॉ. सुशील गुप्ता
जावेद अहमद घटना के समय पुन्हाना में था, मुंबई हाइवे के सीसीटीवी में जावेद की तस्वीरें : डॉ. सुशील गुप्ता
बीजेपी का मतलब भारतीय जलाओ पार्टी, मणिपुर की तर्ज पर हुई हिंसा: डॉ. सुशील गुप्ता
10 दिन पहले मुख्यमंत्री खट्टर को दिया गया था हिंसा का इनपुट: अनुराग ढांडा
मुख्यमंत्री खट्टर ने सीआईडी से मिली दंगे की जानकारी क्यों छुपाई : अनुराग ढांडा
मुख्यमंत्री खट्टर ने गृहमंत्री विज को क्यों नहीं दी जानकारी: अनुराग ढांडा
चंडीगढ़, 6 अगस्त – आम आदमी पार्टी प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता और सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने रविवार – को आप नेता जावेद अहमद पर झूठा मुकदमा दर्ज करने को लेकर खट्टर सरकार को घेरा। डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि बीजेपी का मतपब भारतीय जलाओ पार्टी है। बीजेपी मणिपुर की तर्ज पर हरियाणा को भी हिंसा की आग में धकेल देना चाहती है। खट्टर सरकार निर्दोष को फंसा कर उनकी छवि खराब करना चाहती है। उन्होंने कहा कि आप नेता जावेद अहमद घटना के समय पुन्हाना में था, वहीं इसकी सारी रिकॉर्डिंग मुंबई हाइवे के सीसी टीवी कैमरों में दर्ज है। इसमें उनके जाने की वीडियो और अपने रिश्तेदार के यहां पहुंचने के वीडियो भी हैं।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि सब कुछ झूठ है, बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने बताया कि जिस समय की घटना है उस समय से 3 घंटे पहले ही करीब 7 बजे जावेद अहमद सोहना से निकल गया था। वहीं 1 अगस्त को सुबह 8 बजे वापस अपने घर आया था, घटना के समय लगभग 100 किलोमीटर दूर था।
उन्होंने बताया कि बकौल जावेद उनकी लगातार ऑफीसरों से बात होती रही। वहीं समुदाय के लोगों से भी शांति बनाने को लेकर बात चलती रही। वो खुद पुलिस के पास गया और सारे सबूत पुलिस को सौंपे और दोषी को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि किसी का नाम लेने से कोई आदमी मुजरिम नहीं बन जाता। आम आदमी पार्टी भी मांग करती है ऐसे कृत्य के जिम्मेदार व्यक्ति के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं आम आदमी पार्टी के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अनुराग ढांडा ने कहा कि खट्टर सरकार प्रदेश के लोगों के दिल से उतर चुकी है। जब कोई भी काम नहीं कर पा रही तो खट्टर सरकार ने एक षड्यंत्र के तहत नूंह में हिंसा करवाने का काम किया। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता जावेद अहमद पर जिस वक्त का आरोप लगा है, उस वक्त वो उस जगह से 100 किलोमीटर दूर एक गांव में मौजूद थे। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मुहैया करवा दी गई है और मोबाइल लोकेशन पुलिस के पास पहले से ही है। पुलिस अच्छे से इस मामले की तफ्तीश करे। उन्होंने कहा कि जिस दिन नूंह में यह घटना हुई उस दिन जिले के सैकड़ों पुलिसकर्मियों को सीएम खट्टर ने वीआईपी ड्यूटी पर जिले से बाहर भेज दिया। इसके अलावा जिले के एसपी को छुट्टी पर भेज दिया गया, जबकि ऐसी संवेदनशील स्थिति में बड़े अधिकारियों की छुट्टी को रद्द कर दिया जाता है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सीआईडी के द्वारा दी गई सूचना को मुख्यमंत्री ने 10 दिन तक अपने पास छिपाकर क्यों रखा? उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इसकी जांच की मांग करती है कि इस हिंसा को फैलाने में कहीं मुख्यमंत्री खट्टर तो शामिल नहीं हैं। अगर जांच ही हो रही है तो इस बात की भी हो कि कहीं इस हिंसा को फैलाने में भाजपा नेताओं और मुख्यमंत्री का भी हाथ तो नहीं?
उन्होंने कहा कि जब ये जांच कर ही रहे हैं तो सीएम खट्टर पर भी जांच करें कि दंगे के दिन 100 पुलिसकर्मियों को अपनी सुरक्षा के लिए जिले से बाहर बुला लिया और पुलिस अधीक्षक को छुट्टी पर भेज दिया। इसके अलावा अनट्रेंड होमगार्ड को फतेहाबाद से नूंह मरने के लिए भेज दिया और गृहमंत्री व पुलिस को सीआईडी की सूचना साझा नहीं की।