रेवाड़ी-06 अगस्त – लिपिकों द्वारा अपने मूलवेतनमान 35400 रूपये की मांग को लेकर गत 5 जुलाई से क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल रविवार को 33वें दिन में प्रवेश कर गई। कई दिन बीत जाने के बाद भी प्रदेशभर के लिपिकीय वर्ग कर्मचारी पूरे जोश व उत्साह के साथ अपनी जायज मांग को पूरा करवाने के लिए धरने पर डटे हुए है। लेकिन प्रदेश सरकार लिपिकों की मांगों के प्रति मौजूदा सरकार गंभीर नजर नहीं आ रही है। कर्मचारियों का कहना है कि यह बड़ी हैरानी की बात है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री एक ओर जहा सरकारी योजनाओं की जानकारी देने व लोेगों से इन योजनाओं के फीडबैक लेने के लिए विभिन्न तरह के मुद्दों पर विशेष चर्चा कार्यक्रमों के जरिये हजारों लाभार्थियों से सीधा संवाद कर रहे है। वहीं इन सरकारी योजनाओं को धरातल पर उतारने में अहम भूमिका निभाने वाले सबसे कमेरे वर्ग लिपिकीय कर्मचारियों की जायज मांग को पूरा करने को लेकर मुख्यमंत्री अपना समय ही नहीं निकाल पा रहे है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार जानबूझकर पिछले लंबे समय से संघर्षरत लिपिक कर्मचारियों की हड़ताल को लंबा खींचकर हड़ताली कर्मचारियों का मनोबल तोड़ने का प्रयास कर रही है। अपने हकों की लड़ाई के लिए पिछले कई वर्षो से संघर्षरत लिपिकीय वर्ग की अनदेखी का मौजूदा सरकार को बड़ा खामियाजा भुगतना पडे़गा। सरकार द्वारा नो वर्क नो पे का नियम लागू करने के बाद हड़ताली लिपिकीय कर्मचारियों को जुलाई माह का वेतन भी नहीं मिल पाया। इसके बावजूद भी कर्मचारी अपनी मांग को पूरा करवाने के लिए दोगुने उत्साह व जोश के साथ धरनास्थल पर डटे हुए है। सरकार की उदासीनता व मनमानी तथा मौजूदा हालातों के चलते प्रदेश के अनेक जिलों में कर्मचारियों द्वारा रोषस्वरूप थाली बजाकर सोई हुई सरकार को जगाने, मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने, शव यात्र निकालने तथा काला दिवस मनाने आदि कार्यक्रम आयोजित किये जा चुके है। जिला रेवाड़ी में धारा 144 लगाए जाने के कारण सीमित संख्या में कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठकर सोई हुई सरकार को जगाने का कार्य कर रहे है। रविवार को क्रमिक भूख हड़ताल के 16वें दिन शिक्षा विभाग के विभिन्न विभागों के लिपिकीय वर्ग कर्मचारियों तहसील कार्यालय के जनक सिंह, सीएचसी बावल के अशोक कुमार, रोजगार कार्यालय के टेकचंद, राजकीय कॉलेज बावल के चरण सिंह ने भूख हड़ताल पर बैठकर नारेबाजी करते हुए सरकार के खिलाफ रोष जताया। सरकार की लापरवाही से आमजन हुआ बेहद परेशान लिपिकीय एसोसिएशन के जिला महासचिव मधुसूदन ने कहा कि प्रदेश सरकार हठधर्मिता की नीति अपनाकर लंबे समय से संघर्षरत कर्मचारियों की मांगों जानबूझकर अनदेखा कर रही है। कार्यालयों में कर्मचारियों के न होने से जनता को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है और सरकार की इस लापरवाही से आमजन बेहद परेशान हो चुका है और कार्यालयों का कार्य ठप्प होने से सरकार को भी रोजाना करोड़ों रूपये का नुक्सान हो रहा है। लेकिन इसके बाद भी सरकार टस से मस नहीं हो रही। उन्होंने सरकार को आगाह किया कि सरकार ने जल्द से जल्द हमारी मांगे नहीं मानी तो सरकार को इसके परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना चाहिए। जिला उपप्रधान राज सिंह ने कहा कि आज पूरे प्रदेश का लिपिकीय वर्ग अपनी जायज मांगों को लेकर पूरी तरह से संगठित व अडिग है और सरकार से अपनी मांगों को मनवाने के लिए पूरी तरह से सक्षम है और अपने हक 35400 रूपये मूल वेतनमान की मांग को पूरा करवाकर ही दम लेगा। सरकार डराकर, धमकाकर व भ्रमित करके लिपिकों का आत्म विश्वास और जोश कम करके आंदोलन को कमजोर करना चाहती है। लेकिन लिपिकीय वर्ग अपनी मांगों को पूरा नहीं होने तक किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटने वाला है। उन्होंने लिपिक साथियों से अनुरोध किया कि वे अपने हक की लड़ाई के लिए हौंसला, धैर्य और संयम बनाए रखिए। प्रदेश सरकार से हम अपनी 35400 रूपये मूल वेतनमान की मांग को पूरा करवाकर ही धरने से उठेंगे। Post navigation मुख्यमंत्री मनोहरलाल व उनके मंत्री-संतरी, अधिकारी रोज मीडिया बयान दाग कर प्रदेशवासियों को ठगते है : विद्रोही भाजपा-संघ ध्रुवीकरण, नफरत की राजनीति से चुनावी वैतरणी पार करने की रणनीति बना रहे है : विद्रोही