कर्मचारियों ने काले कपडे़ पहन भूख हड़ताल पर बैठकर सरकार के खिलाफ जताया रोष

लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से अनेक विभागों में जुलाई माह का वेतन रूक गया है।
लिपिकों द्वारा ही एचआरएमएस व ई-सैलरी पोर्टलों के माघ्यम से सैलरी बिल बनाए जाते है। इन पोर्टलों पर लिपिकों के नाम से यूजर आईडी होने के कारण सैलरी बिल नहीं बन पा रहे है

रेवाड़ी-05 अगस्त – लिपिकों द्वारा अपने वेतनमान बढ़ोतरी को लेकर गत 5 जुलाई से क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले चली आ रही अनिश्चितकालीन हड़ताल को शनिवार को 32वें दिन एक महीने का समय पूरा हो चुका है। इससे पहले लिपिकीय एसोसिएशन व सरकार के बीच बेनतीजा रह चुकी तीन असफल वार्ताओं के बाद सरकार ने चौथी वार्ता करने के लिए अभी तक तिथि निर्धारित नहीं की है। जिससे कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ लगातार रोष बढ़ता जा रहा है।

 रेवाड़ी जिला में धारा 144 लगाए जाने के कारण सीमित संख्या में कर्मचारी सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठकर सोई हुई सरकार को जगाने का कार्य कर रहे है। शनिवार को क्रमिक भूख हड़ताल के 15वें दिन शिक्षा विभाग के लिपिकीय वर्ग कर्मचारी राजेश कुमार, नरेशपाल, इंद्रजीत व सुलतान सिंह काले कपडे़ पहनकर भूख हड़ताल पर बैठे और सरकार के खिलाफ जोरदार नारे लगाकर कड़ा रोष प्रकट किया। शहीद भगत सिंह यादगार कमेटी, धारूहेड़ा की ओर से कर्मचारियों की जायज मांग को पूर्ण समर्थन देते हुए मुख्यंत्री के नाम खुला पत्र लिखकर लिपिक कर्मचारियों का 35400 रूपये मूलवेतनमान लागू करने की मांग की।     

वहीं शनिवार को नारनौल में क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी द्वारा आयोजित मुख्यमंत्री पुतला दहन व काला दिवस कार्यक्रम में रेवाड़ी जिला से राज्य कार्यकारिणी सलाहाकर एवं जोनल कोर्डिनेटर हेमचंद हरितश व दर्जनभर लिपिक कर्मचारियरों ने शामिल होकर सरकार के खिलाफ कड़ा रोष जताया।

प्रदेशभर में काला दिवस मनाकर किया रोष प्रदर्शन       

 राज्य सलाहकार ने बताया कि एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी के आह्वान पर पूरे प्रदेशभर के अन्य विभिन्न जिलों में धरनारत लिपिकीय वर्ग कर्मचारी काला दिवस मनाकर व प्रदेश सरकार की शव यात्र निकालकर तथा पुतला दहन करके प्रदेश सरकार के खिलाफ कड़ा रोष प्रकट कर रहे है। इस कड़ी में नारनौल में शनिवार को लिपिक कर्मचारियों द्वारा काले कपडे़ डालकर पूरे शहरभर में मुख्यमंत्री की शव यात्र निकालकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करके पुतला दहन किया गया। उन्होंने बताया कि लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से अनेक विभागों में जुलाई माह का वेतन रूक गया है। लिपिकों द्वारा ही एचआरएमएस व ई-सैलरी पोर्टलों के माघ्यम से सैलरी बिल बनाए जाते है। इन पोर्टलों पर लिपिकों के नाम से यूजर आईडी होने के कारण सैलरी बिल नहीं बन पा रहे है जिसके चलते बाकी कर्मचारियों की भी परेशानी बढ़ गई है। सरकार की हठधर्मिता व मनमानी के कारण जनता की परेशानी हर रोज बढ़ती जा रही है तथा कर्मचारियों के साथ-साथ आमजन में भी सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है।       

एसोसिएशन के जिला कोषाध्यक्ष वीर सिंह यादव ने कहा कि महंगाई के इस दौर में लिपिकों को मिल रहा मामूली सा वेतनमान उनका शोषण ही है। हड़ताल करने से हमारा उद्देश्य जनमानस को परेशान करना नहीं है अपितु सरकार अपनी हठधर्मिता व मनमानी के चलते हमें ऐसा करने को मजबूर कर रही है। बढ़ती महंगाई के मददेनजर जब लिपिकों के समकक्ष अन्य पदों का वेतनमान बढ़ाया जा सकता है तो फिर पिछले कई वर्षो से लिपिकों के साथ ये भेदभाव क्यों किया जा रहा है। सरकार को बिना किसी देरी के लिपिकों को भी कार्य समीक्षा के आधार पर 35400 रूपये का मूलवेतन देने की मांग को पूरा करना चाहिए। अन्यथा लिपिकीय वर्ग की अनिश्चितकालीन हड़ताल आगे भी जारी रहेगी और वे अपने हकों के लिए संघर्ष से किसी भी सूरत में पीछे नहीं हटेंगे।

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