भारत सारथी

चंडीगढ़। नूँह, मेवात; मानेसर व गुडग़ाँव से आ रही हिंसा, आगजऩी, तोडफ़ोड़ और दंगे की खबरें अत्यंत चिंताजनक भी हैं और दिल दहलाने वाली भी। 

ये सीधे सीधे कानून व्यवस्था का फेल्यर है, खट्टर सरकार की नाकामी का नतीजा है।

भाजपा-जजपा सरकार ने प्रदेश को पहले जातीय दंगों की आग में धकेला और अब धार्मिक दंगों की ज्वाला में हरियाणा का अमन चैन झुलसाया जा रहा है। 

आज़ादी के 75 साल में पहली बार हरियाणा की धार्मिक दंगों की भेंट चढ़ाने की साज़िश हो रही है। ये शान्तिप्रिय हरियाणा के इतिहास में काला दिन है।

हमारी माँग है कि दंगाई चाहे किसी भी धर्म या जाती से हों उनके ख़िलाफ़ कड़ी से कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए। ख़ुद मुख्यमंत्री श्रीमान खट्टर को आगे बढ़ क़ानून व्यवस्था स्थापित करने व शांति बनाने का कार्य करना चाहिए।

सीएम खट्टर जी को जानना चाहिए कि ये वक़्त हाथ धर कर बैठने का नहीं। वक्त की माँग है कि ष्टरू आगे आयें, सभी पक्षों से वार्तालाप करें, शांति बनाएँ, दोषियों के ख़िलाफ़ कार्यवाही करें तथा स्तिथि को समझ राजधर्म निभायें।

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