रेवाड़ी-29 जुलाई – लिपिकों द्वारा अपनी वृद्धि की मांग को लेकर क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले चल रही अनिश्चितकालीन हड़ताल के 25वें दिन शनिवार को बारिश के मौसम के बावजुद विभिन्न विभागों के लिपिकों ने भारी संख्या में एकजुट होकर मौजूदा प्रदेश सरकार के प्रति कड़ा रोष प्रकट किया। लंबे समय से चल रही लिपिकों की हड़ताल से जनसेवाओं के साथ साथ सरकार को भी राजस्व का भारी नुक्सान हो रहा है। वहीं क्रमिक भूख हड़ताल के आठवें दिन विभिन्न विभागों से 6 लिपिकीय वर्ग कर्मचारियों खजाना कार्यालय से अनिल कुमार, साहिल, सहकारिता से देवव्रत व शिक्षा विभाग से अजय कुमार व दो महिला कर्मचारियों जया, नीतू ने भूख हड़ताल पर रहकर सरकार के खिलाफ कड़ा रोष प्रकट किया।       

इस मौके पर कॉमरेड राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने कहा कि लिपिकों की 35400 रूपये मूलवेतन वेतनमान की मांग आज प्रदेश सरकार के लिए सिर दर्द बन गई है। बार-बार वार्ता करके प्रदेश सरकार पिछले कई दिनों से चल रही लिपिकों की हड़ताल को तोड़ने का प्रयास कर रही है। धरने पर लगातार कर्मचारियाें की बढ़ते जोश व एकजुटता को देखते हुए सरकार ने अब हड़ताली कर्मचारियों के लिए नो वर्क-नो पे का नियम लागू करके उन्हें डराना व दबाना शुरू कर दिया है। लेकिन लिपिकीय कर्मचारी वर्ग अपने हकों की लड़ाई के लिए निडर होकर दोगुने जोश व उत्साह के साथ आंदोलन को मजबूत करने में जुट गया है।

पिछले तीन वर्षो से अपनी मांगों के लिए संघर्षरत कर्मचारियां के लिए नो वर्क-नो पे का नियम लागू करने से पहले सरकार को समान काम समान वेतन के फार्मूला अनुसार लिपिको की जायज मांग को पूरा करना चाहिए था। बदले में सीएम के ओएसडी प्रदेश की बेहतर व मजबूत अर्थिक स्थिति होने के बावजूद वेतनमान को लेकर दूसरे प्रदेशों से अनुचित तुलना व गलत आंकडे़ प्रस्तुत करके जनता को भ्रमित करने का काम कर रहे है लेकिन जनता अब उनकी बातों में आने वाली नहीं है। उन्होंने धरनारत कर्मचारियों को हौंसला व आत्मविश्वास बनाएं रखते हुए अपनी जायज मांग को लेकर मैदान में डटे रहने का आह्वान किया।

 लिपिक एसोसिएशन के जिला प्रधान विकास यादव ने कहा कि पिछले कई दशकों से लिपिकीय वर्ग का शोषण होता रहा है। सरकार के साथ बेनतीजा हो चुकी तीन वार्ता में लिपिक एसोसिएशन पदाधिकारियों द्वारा सरकार को 35400 रूपये मूल वेतनमान संबंधी सभी प्रकार के दस्तावेज भी उपलब्ध करवा दिए गए है लेकिन सरकार जानबूझकर लिपिकीय कर्मचारियों की जायज मांग को पूरा करने में आनाकानी कर रही है। प्रदेश की जनता भी अब समझ चुकी है कि सरकार की भेदभाव पूर्ण नीतियों, मनमानी व असमानता के कारण ही लिपिकीय कर्मचारियो को हड़ताल करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। प्रदेश का लिपिकीय कर्मचारी वर्ग पिछले करीब तीन साल में सरकार से अपनी जायज मांग को पूरा करवाने के लिए कई बार गुहार लगा चुका है। लेकिन इस बार कर्मचारियों के इरादे बुलंद है और अपनी जायज मांग को पूरा करवाकर ही रहेंगे।         

भारत मजूदर संघ के जिला प्रधान सावंत सिंह ने कहा कि लिपिकों की 35400 रूपये वेतनमान की मांग को लेकर भारत मजदूर संघ पूरी तरह से अटल है। उन्होंने मुख्यमंत्री से एक बार फिर अपील करते हुए कहा कि जल्द से जल्द कर्मचारियों की जायज मांग को पूरा कर दे अन्यथा वे आमरण अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे। सीएम के ओएसडी जवाहर यादव के पंजाब, दिल्ली व हिमाचल प्रदेश संबंधी ब्यानों की भी उन्होंने कड़ी निंदा की और कहा कि यह हरियाणा प्रदेश के लिपिको के वेतनमान बढ़ाने की मांग है इसमें अन्य राज्यों का जिक्र करने की कोई जरूरत नहीं। यदि उन्हें अन्य राज्यों का शौक है वे खुद उन राज्यों में चले जाये। उन्होंने विश्वास दिलाया कि सरकार से कर्मचारियों की मांगों को मनवाने के लिए नियमित तौर पर संघ के उच्चाधिकारियों के संपर्क में है तथा सभी कर्मचारी एकजुटता बनाएं रहे, निश्चित तौर पर सरकार शीघ्र कर्मचारियों की मांग को पूरा करेगी। साथ ही उन्होंने बीएमएस की ओर से कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि यदि किसी भी विभाग के अधिकरी ने धरनारत कर्मचारी को प्रताड़ित करने का प्रयास किया तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।         

धरने में शनिवार को प्राचार्य आरके शर्मा, दीपेंद्र यादव, वीर सिंह यादव, कुलदीप सिंह, पूर्व डीईओ धर्मबीर बल्डोदिया, बिजेंद्र रंगा, लाजपत कौशिक, बीर सिंह, यशपाल सिंह, डीसी कार्यालय से ललिता, शिक्षा विभाग से मंजू, समरेंद्र सिंह, बिजेंद्र यादव, नरेश यादव आदि ने संबोधित करते हुए सरकार से बिना किसी देरी के लिपिकों के मूल वेतनमान 35400 रूपये की जायज मांग को पूरा करने की अपील की।

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