अहीरवाल में मुख्यमंत्री के सात गांवों के कथित जनसंवाद स्टेज मैनेज्ड प्रायोजित कार्यक्रम थे : विद्रोही

सत्ता बल पर सरकारी संसाधनों से किये गए इन कथित जनसंवाद कार्यक्रमों में किसी भी आमजन की बात नही सुनी गई : विद्रोही
मुख्यमंत्री ने अपना चुनावी भाषण पेला और सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के नाम पर लोगों पर एहसान लादकर अप्रत्यक्ष रूप से वोट मांगने के इन कार्यक्रमों में सबकुछ पूर्व निर्धारित व प्रायोजित था : विद्रोही
जब जनता की बात सुननी ही नही थी और केवल अपनी बात करनी थी, प्रशासन-भाजपा नेताओं द्वारा चिन्हित व तय किये गए लोगों को ही इन कथित जनसंवाद में एक-दो मिनट तक पूर्व निर्धारित बात ही रखने का मौका दिया, तब इन कार्यक्रमों को जनसंवाद बताना, कहना ही जनता के साथ क्रूर मजाक व धोखा है : विद्रोही

30 जुलाई 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि अहीरवाल में मुख्यंमत्री मनोहरलाल खट्टर के रेवाडी व महेन्द्रगढ़ जिले के 7 गांवों में हुए कथित जनसंवाद कार्यक्रम न होकर भाजपा की चुनावी सभाएं बनकर रह गई। विद्रोही ने कहा कि सत्ता बल पर सरकारी संसाधनों से किये गए इन कथित जनसंवाद कार्यक्रमों में किसी भी आमजन की बात नही सुनी गई। मुख्यमंत्री ने अपना चुनावी भाषण पेला और सरकारी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के नाम पर लोगों पर एहसान लादकर अप्रत्यक्ष रूप से वोट मांगने के इन कार्यक्रमों में सबकुछ पूर्व निर्धारित व प्रायोजित था।

रेवाडी जिले के खंडोडा, जड़थल, संगवाडी, धारूहेडा, गंगायचा अहीर, मामडिया आसमपुर तथा महेन्द्रगढ़ जिले के सुन्दरह व कनीना में हुए कथित जनसंवाद कार्यक्रमों के घटनाचक्र का गहराई से अध्ययन करने व सम्बन्धित गांवों के आमजनों से इस संदर्भ में व्यक्तिगत जानकारी लेने के बाद विद्रोही ने कहा कि उनका दृढ़ मत है कि अहीरवाल में मुख्यमंत्री के सात गांवों के कथित जनसंवाद स्टेज मैनेज्ड प्रायोजित कार्यक्रम थे जिसमें क्या होना है, किसने क्या बात कहनी है, मुख्यमंत्री को विकास के नाम पर क्या घोषणा करनी है, यह सबकुछ पहले से ही तय था। सवाल उठता है कि जब सबकुछ पहले ही पूर्व निर्धारित था तो यह जनसंवाद कार्यक्रम कैसे था? जब जनता की बात सुननी ही नही थी और केवल अपनी बात करनी थी, प्रशासन-भाजपा नेताओं द्वारा चिन्हित व तय किये गए लोगों को ही इन कथित जनसंवाद में एक-दो मिनट तक पूर्व निर्धारित बात ही रखने का मौका दिया, तब इन कार्यक्रमों को जनसंवाद बताना, कहना ही जनता के साथ क्रूर मजाक व धोखा है। 

विद्रोही ने कहा कि जहां भी प्रशासन व भाजपा नेताओं को आशंका थी कि कथित जनसंवाद कार्यक्रमों में लोग अपने-अपने गांवों की समस्यााएं उठा सकते है, प्रशासन, अधिकारियों, भाजपा नेताओं की झूठ-लूट की पोल सार्वजनिक रूप से खोल सकते है, ऐसे लोगों को पुलिस ने पहले ही इन कार्यक्रमों से दूर रखने का पुख्ता प्रबंध कर रखा था। वहीं मुख्यमंत्री के समक्ष पहले से तय किये लोग व तय की गई बात के अलावा अन्य बात उठे ही नही, इसका भी प्रशासन, पुलिस व स्थानीय भाजपा नेताओं ने पुख्ता व्यवस्था कर रखी थी, फिर किस बात का जनसंवाद हुआ, यह समझ से परे है।

विद्रोही ने कहा कि मुख्यमंत्री दावा कर रहे है कि विगत नौ सालों में उनकी सरकार बिना भेदभाव काम कर रही है, फिर वे इस बात का जवाब क्यों नही देते कि अहीरवाल के विकास प्रोजेक्ट विगत नौ वर्षो से आधे-अधूरे क्यों पड़े है? यदि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार नही है तो भाजपा राज में बने सभी भवन, सड़के जर्जर क्यों हो गए? धारूहेडा में गंदे पानी में गाडी में बैठकर चलने की नौटंकी करने वाले मुख्यमंत्री बताये कि विगत नौ साल से भिवाडी से आ रहे रयासनयुक्त पानी का समाधान क्यों नही हुआ? विगत नौ सालों से केवल दावे व कठोर कदम उठाने का राग अलापकर लोगों को ठगा क्यों जा रहा है? रेवाडी शहर में पीने के पानी की राशनिंग 8 सालों से क्यों हो रही है?

विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपने तीन दिन के अहीरवाल क्षेत्र के प्रवास में दक्षिणी हरियाणा के किसी भी सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक सरोकारों पर एक शब्द भी नही कहा। लोगों के मन की बात सुनने की बजाय अपनी हांककर व सत्ता बल पर अपना प्रायोजित महिमामंडन करवाकर खुद मुंह मिया मिठ्ठू बनकर चलने बने। 

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