लिपिकों की हड़ताल को विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक, कर्मचारी व महिला संगठनों का समर्थन मिलने से मजबूती मिल रही 

रेवाड़ी-23 जुलाई –  लिपिकों द्वारा अपने वेतनमान बढ़ाने की मांग को लेकर की जा रही प्रदेशव्यापी हड़ताल आमजन के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है वही सरकारी खजाने पर भी भारी पड़ रही है। पिछले 19 दिनों से क्लेरिकल एसोसिएशन वेलफेयर सोसायटी के बैनर तले चल रही लिपिकों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के कारण कार्यालयों में सरकारी कामकाज सुचारू रूप से नहीं हो पा रहे है तथा अनेक तरह के कार्य लंबित पडे़ हुए है। जिसके चलते जनता को भी भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। इसके बाद भी प्रदेश सरकार लिपिकों की मांग को पूरा करने को लेकर गंभीरता नहीं दिखा रही है। मांगे न जाने के बाद भी लिपिकों का जोश कम होने की बजाय दोगुना होता जा रहा है और हड़ताल में कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है।       

रविवार को भी हड़ताल के 19वें दिन विभिन्न विभागों के लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों ने हड़ताल में बढ़-चढ़कर भाग लिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। राज्य कार्यकारिणी के दिशा-निर्देशानुसार रविवार को भी विभिन्न विभागों के 5 लिपिकीय वर्ग के कर्मचारियों रामनिवास बेनीवाल, बिजेंद्र रंगा, विजयपाल सिंह, हरपाल व सजन बागड़ी ने अपना मुंडन करवाकर भूख हड़ताल पर बैठकर सरकार के खिलाफ कड़ा रोष जताया और कहा कि सभी लिपिकीय वर्ग के कर्मचारी अपनी मांग पर पूरी तरह से अडिग है तथा जब तक सरकार उनकी वेतनमान बढ़ोतरी की मांग को पूरा नहीं करेगी तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।       

हड़ताल में आए दिन विभिन्न सामाजिक, शैक्षणिक, कर्मचारी व महिला संगठनों का समर्थन मिलने से मजबूती मिल रही है। रविवार को सीआईटीयू से संबंधित मिड-डे-मील वर्क्स यूनियन, हरियाणा की जिला इकाई ने जिला प्रधान मीनाक्षी व उपप्रधान हेमलता के नेतृत्व में दर्जनों महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हड़ताल में शामिल होकर लिपिकों की वेतनमान बढ़ाने की मांग का पूर्ण समर्थन किया। हड़ताल के दौरान डीसी कार्यालय की महिला लिपिक ललिता ने मंच का संचालन किया। वहीं रविवार को लिपिक एसोसिएशन के जिला प्रधान विकास यादव व महासचिव मधुसूदन अपनी जिला कार्यकारिणी टीम के साथ जींद में आयोजित राज्य कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद रहे।       

रविवार को लिपिक एसोसिएशन के जिला कोषाघ्यक्ष वीर सिंह यादव ने हड़ताल को संबोधित करते हुए कहा कि महंगाई के इस दौर में आज लिपिकों को अपने मूलवेतन 19900 रूपये से परिवार की आजीविका चलाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। आज लिपिक कार्यालयों में डायरी, डिस्पेच तक ही सीमित नहीं है। लिपिकों पर विभिन्न प्रकार के पोर्टल चलाने, आरटीआई, कोर्ट केस संबंधी जवाब तैयार करने, टेंडर, फाईल मॉनिटरिंग, एचआरएमएस, सीएफएमएस, सैलरी बिल बनाने, ई-ऑफिस सहित विभिन्न तरह के तकनीकी कार्यो के संचालन का प्रभार है। कई बार तो लिपिकों को अपनी डयूटी पूरी होने के बाद तथा अवकाश वाले दिन भी अपने घर से ही कार्यालय के कार्य निपटाने पड़ते है। इसलिए सरकार को बिना किसी देरी के लिपिकों को भी कार्य समीक्षा के आधार पर 35400 रूपये का मूलवेतन देने की मांग को पूरा करना चाहिए। अन्यथा लिपिकीय वर्ग की अनिश्चितकालीन हड़ताल आगे भी जारी रहेगी और वे अपने हकों के लिए संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे।       

धरने में रविवार को एसोसिएशन के उपप्रधान राज सिंह, हेमसा के ब्रहमप्रकाश, रिटायर्ड डीईओ धर्मबीर बल्डोदियां, रोड़वेज विभाग के रिटायर्ड ऑडिटर कैलाशचंद, बीर सिंह, हेमंत टाईगर, किसान विकास संगठन के कुलदीप सिंह, शिक्षा विभाग अनिता, बिजेंद्र यादव, मंजू, संजय शर्मा, पूर्व पार्षद नरेंद्र सिंह, अक्षय यादव आदि ने संबोधित करते हुए कहा कि लिपिकों की वेतनमान बढ़ाने की मांग पूरी तरह से जायज है तथा वर्षाे तक उन्हें उनके असली हक काम के आधार वेतनमान से वंचित रखा जा रहा है। लेकिन अब समय आ गया है कि लिपिकों के वेतनमान 35400 रूपये की मांग को सरकार जल्द से जल्द पूरा करें।

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