भूमि जोत लगातार कम हो रही है, किसानों को आय के अतिरिक्त वैकल्पिक संसाधन खोजने की आवश्यकता है राज्य सरकार द्वारा हाई-टेक एवं मिनी डेयरी की योजनाएं चलाई जा रही है ताकि छोटे किसानों व ग्रामीण क्षेत्र में युवा अपना उद्यम स्थापित कर आत्मनिर्भर बन सके हरियाणा अपनी मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध है वर्तमान राज्य सरकार किसानों एवं पशुपालकों की सच्ची हितैषी है चंडीगढ़, 15 जुलाई – हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज महापर्व शिवरात्रि के पावन अवसर पर प्रदेश के लोगों, विशेषकर पशुपालकों को विशेष बधाई दी और भगवान शिव से प्रार्थना की है कि उनके दुधारू पशुओं को तंदुरुस्त रखे । मुख्यमंत्री आज शिवरात्रि के अवसर पर आज यहां अपने निवास स्थान संत कबीर कुटीर से ‘सीएम की विशेष चर्चा’ कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य के मिनी और हाई-टेक डेयरी मालिकों के साथ बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सांझा डेयरी की अवधारणा पर कार्य किया जा रहा है। जहां पर भी पंचायती भूमि या सरकारी भूमि होगी वहां पर सहकारिता के माध्यम से डेयरियां खोली जाएंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा को दुध उत्पादन का देश में तीसरा स्थान है। सरकार का प्रयास है कि इसे एक नम्बर पर लाया जाए यह पशुपालकों के सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता । उन्होंने कहा कि पशुपालन के व्यवसाय में महिलाओं का भी विशेष योगदान होता है। दूध उत्पादन से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुध उत्पादन में हांसी के पेड़े, रेवाड़ी की बर्फी, प्रसिद्ध है तो गोहाना का जलेब का भी नाम है। उन्होंने कहा कि देशा में देश हरियाणा जहां दूध दही का खाना वाली कहावत को हरियाणा के युवाओं ने सही मायने में चरितार्थ किया है । यहां के पहलवान व नौजवान सेना में भर्ती होते है यह दुध दही के खाने का ही प्रभाव है । उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में गाय का विशेष योगदान है। जैविक खाद के साथ-साथ हम गौ-मूत्र व इसके अन्य उत्पादों से पशुपालन अपनी आय बढ़ा सकते है। इससे गौ-संवर्धन को भी बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों और युवाओं को अपना उद्यम शुरू करने में सक्षम बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा हाई-टेक और मिनी डेयरी योजनाएं चलाई जा रही हैं। युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की योजना के तहत 10 दुधारू पशुओं तक की मिनी डेयरी खोलने के लिए 25 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। अनुसूचित जाति के लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की योजना के तहत दो या तीन दुधारू पशुओं की डेयरी खोलने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा 20 या अधिक दुधारू पशुओं की हाईटेक डेयरी स्थापित करने पर ब्याज में छूट दी जाती है। वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अब तक 13,244 डेयरियां स्थापित की जा चुकी हैं। डेयरी एक प्रभावी माध्यम है जिसके माध्यम से किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकता है उन्होंने डेयरी मालिकों से सीधा संवाद कायम करते हुए कहा कि आप न केवल हाईटेक एवं मिनी डेयरी इकाइयों के लाभार्थी हैं, बल्कि एक प्रगतिशील पशुपालक भी हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर युवाओं को गांव में ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं। उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ दुधारू पशु पालने की हमारी प्राचीन परंपरा है। पहले दुधारू पशुओं को केवल दूध की घरेलू आवश्यकता को पूरा करने के लिए ही पाला जाता था। लेकिन अब समय बदल गया है और समय के साथ जरूरतें भी बदल गई हैं। इसलिए पशुपालन को व्यावसायिक दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। चूँकि, आज भूमि जोत लगातार कम हो रही है, किसानों को अतिरिक्त आय के वैकल्पिक साधन खोजने की जरूरत है और डेयरी एक प्रभावी माध्यम है जिसके माध्यम से किसान अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं। पशुपालकों के कल्याण के लिए प्रारंभ की गई योजनाएं उनकी आय बढ़ाने में सहायक होंगी संवाद के दौरान हाईटेक और मिनी डेयरी मालिकों ने किसानों के हित में विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार किसानों की सच्ची हितैषी है और राज्य में पशुपालकों के कल्याण के लिए शुरू की गई योजनाएं उनकी आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में सहायक होंगी। बारिश प्रभावित जिलों में मवेशियों के लिए हरे या सूखे चारे की व्यवस्था करने के लिए उपायुक्तों को निर्देश जारी किये गये हाल ही में राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई भारी बारिश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अंबाला, यमुनानगर, कुरूक्षेत्र, करनाल, पानीपत और कैथल जिलों में अत्यधिक बारिश के कारण फसलों को नुकसान हुआ है। इन जिलों के उपायुक्तों को निर्देश दिए गए है कि जिन जिलों में जलभराव की समस्या नहीं है, वहां से हरा या सूखा चारा मंगवाकर पशुपालकों को उपलब्ध करवा। मुख्यमंत्री ने राज्य के पशुपालकों को पशुपालन व्यवसाय के लिए हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया ताकि राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास में भी पशुपालन का महत्वपूर्ण योगदान और बढ़ सके। हरियाणा अपनी मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध हैमुख्यमंत्री ने उच्च गुणवत्ता वाले नस्ल के मवेशियों की उपलब्धता, डेयरी इकाइयों की स्थापना के लिए पूंजी, दूध की खरीद और प्रसंस्करण की उचित व्यवस्था, आधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाएं और अनुसंधान, बीमा सुविधा और आपसी सहयोग को डेयरी उद्योग के मुख्य स्तंभ बताते हुए कहा कि यह गर्व की बात है कि हरियाणा में डेयरी इकाइयों की सफलता के लिए ये सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। राज्य अपनी मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसके अलावा हरियाणा में राठी, साहीवाल और गीर गाय भी पाली जाती हैं। पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत, किसी भी पशुपालक को बिना किसी गारंटी के 1.60 लाख रुपये का ऋण मिलता है। पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड योजना पर प्रकाश डालते हुए श्री मनोहर लाल ने कहा कि यह योजना पशुपालन के लिए पूंजी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के तहत गाय, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर पालने वाले पशुपालकों को पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड दिए जाते हैं और इस कार्ड से किसी भी पशुपालक को बिना किसी गारंटी के 1.60 लाख रुपये का ऋण मिलता है। हालांकि, इससे ऊपर के ऋण के लिए, गारंटी देनी होगी। उन्होंने कहा, बैंकों द्वारा अब तक 1.54 लाख पशुधन किसान क्रेडिट कार्ड स्वीकृत किए गए हैं। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे इस सुविधा का लाभ उठाएं और ऋण की किश्तें समय पर चुकाएं, ताकि उन्हें आगे ऋण लेने में कोई परेशानी न हो। हरियाणा में दूध खरीद के लिए 3300 सहकारी दुग्ध समितियां हैं मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में श्वेत क्रांति लाने में सहकारिता आंदोलन की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने अमूल का उदाहरण देते हुए कहा कि आज अमूल दुग्ध के उत्पाद देश के हर हिस्से में उपलब्ध हैं। हरियाणा में वर्तमान में दूध की खरीद के लिए राज्य में 3300 सहकारी दुग्ध समितियां हैं। इसके अलावा राज्य में दूध प्रसंस्करण के लिए 6 दुग्ध संयंत्र हैं, जिनकी दैनिक दूध प्रसंस्करण क्षमता 9.45 लाख लीटर है। हरियाणा के दूध उत्पादकों के लिए यह एक अतिरिक्त लाभ है कि दूध और दूध उत्पादों की बिक्री के लिए दिल्ली का एक बड़ा बाजार उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत राज्य में सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों को 5 रुपये प्रति लीटर की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाती है। प्रदेश के 5,140 दुग्ध उत्पादकों के बच्चों को 1.86 करोड़ रुपये से अधिक की राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी गई सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों के बच्चों के लिए क्रियान्वित योजनाओं की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 10वीं और 12वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने पर 2100 रुपये और 5100 रुपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में दी जाती है। इस योजना के तहत अब तक 5140 दुग्ध उत्पादकों के बच्चों को 1 करोड़ 86 लाख 24 हजार रुपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में प्रदान की गई है। पशुपालन को जोखिम मुक्त बनाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना शुरू की गई मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालन को जोखिम मुक्त बनाने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत कोई भी पशुपालक अपने बड़े पशु का बीमा दूध उत्पादन क्षमता के अनुसार 100 से 300 रुपये और छोटे पशु का बीमा 25 रुपये का प्रीमियम देकर करा सकता है। योजना के तहत 8.52 लाख पशुओं का बीमा किया गया है। मुख्यमंत्री ने किसानों से अपने पशुओं का बीमा कराने का आग्रह किया। इसी प्रकार दुर्घटना बीमा योजना के तहत सहकारी दुग्ध समितियों के दुग्ध उत्पादकों का 5 लाख रुपये प्रति व्यक्ति बीमा किया जाता है। अब यह राशि बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक 62 लाभार्थियों को 3.10 करोड़ रुपये की बीमा राशि का भुगतान किया जा चुका है। मुर्राह भैंस की नस्ल में सुधार के लिए जिला हिसार के खांडा खेड़ी में क्षेत्रीय मुर्राह विकास केंद्र स्थापित किया गया मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा अपनी मुर्राह नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध है। उन्होंने इस नस्ल के संरक्षण एवं विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस उद्देश्य से एक कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अलावा, मुर्राह भैंस की नस्ल में सुधार के लिए जिला हिसार के खांडा खेड़ी में एक क्षेत्रीय मुर्राह विकास केंद्र भी स्थापित किया जा रहा है। इसके अलावा, उच्च गुणवत्ता और अधिक दूध देने वाली मुर्राह भैंस के मालिकों को 30,000 रुपये तक का नकद प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इसी प्रकार किसानों को दूध क्षमता के आधार पर उच्च गुणवत्ता वाली हरयाना, साहीवाल और बेलाही गायों को रखने के लिए 20,000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। हमने सबसे गरीब परिवारों की आय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की है। इसके तहत पशुपालन एवं डेयरी विभाग को सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। विभाग द्वारा 60 हजार 431 आवेदन बैंकों को प्रायोजित किए जा चुके हैं। इनमें से 20 हजार से अधिक आवेदकों को स्वरोजगार के लिए ऋण दिया जा चुका है। मैं इन परिवारों को विश्वास दिलाता हूं कि आपको कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। दूध की बिक्री के लिए भी हरियाणा डेयरी विकास सहकारी प्रसंघ आपकी हर संभव सहायता करेगा। अगर फिर भी आपके समक्ष किसी प्रकार की कोई परेशानी आती है, तो आप टोल फ्री नम्बर-95001122261 पर सम्पर्क कर सकते हैं। अतिरिक्त आय के लिए किसान उत्पादक संगठन की तर्ज पर दुग्ध उत्पादक संगठन बनायें मुख्यमंत्री ने कहा कि मिनी और हाईटेक डेयरी मालिकों को केवल दूध वाले को दूध देने या बाजार में बेचने तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि उन्हें दूध का मूल्य जोड़ना चाहिए, अन्य दूध उत्पादों जैसे घी, मक्खन, पनीर और मिठाई का उत्पादन और बिक्री सीधे करनी चाहिए, इससे उन्हें अतिरिक्त आय होगी। इसके लिए उन्हें किसान उत्पादक संगठन की तर्ज पर दुग्ध उत्पादक संगठन बनाना चाहिए और अपने दुग्ध उत्पादों की ब्रांडिंग कर उन्हें बेचना चाहिए। मुख्यमंत्री ने डेयरी मालिकों से आग्रह किया कि वे सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाएं और पशुपालन और डेयरी इकाइयों की स्थापना का कार्य पूरे उत्साह और प्रतिबद्धता के साथ करें। इस अवसर पर पशुपालन एवं डेयरिंग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री अंकुर गुप्ता, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, उप-प्रधान सचिव श्री के .एम पाण्डुरंग, राजनीतिक सलाहकार श्री वी.वी. भारती तथा मीडिया सचिव श्री प्रवीण अत्रे व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। Post navigation अधिकारी बाढ़ बचाव प्रबंधों पर रखें विशेष फोकस – संजीव कौशल मुख्यमंत्री ने दो सदस्यीय हाई लेवल फैक्ट फ़ाइंडिंग टेक्निकल कमेटी बनाने के आदेश दिए