भिवानी और नांगल चौधरी सभाओं के मायने
एक दूसरे के वर्चस्व को चुनौती

अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासत इन दिनों तेज हो गई है. प्रदेश में राजनीतिक बयानबाजियां चरम पर है। ऐसे में कभी बीजेपी-जेजेपी के गठबंधन को लेकर चर्चाएं तेज हो रही हैं, तो कभी विपक्ष में कांग्रेस की गुटबाजी को लेकर राजनीतिक घमासान देखने को मिल रहा है।

हरियाणा में जैसे-जैसे चुनाव का समय नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे चुनावी सरगर्मियां भी रफ्तार पकड़ रही है। साथ ही कांग्रेस में लगातार गुटबाजी भी बढ़ती जा रही है। भाजपा रैलियां कर रही है, कांग्रेस के प्रोग्राम पर प्रोग्राम चल रहे हैं। आम आदमी पार्टी भी पूरी एक्टिव हो चुकी है। अभय चौटाला पदयात्रा पर चल रही हैं। राहुल गांधी धान बो रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि चुनाव हरियाणा में पहले ही हो जाएंगे खैर रविवार के दिन कई कार्यक्रम हुए हैं। रणदीप सुरजेवाला का एक कार्यक्रम था जींद में, भाजपा प्रभारी विप्लव देव का एक कार्यक्रम था कलायत में, किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी का कार्यक्रम नांगल चौधरी में था और भूपेंद्र हुड्डा का विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम चौधरी बंसीलाल की नगरी भिवानी में था।

अगर रणदीप सुरजेवाला के कार्यक्रम की बात की जाए तो उनका पूरा फोकस दुष्यंत चौटाला पर था। अब भाजपा के प्रोग्राम की बात करें तो भाजपा प्रभारी विप्लव देव के निशाने पर हुड्डा पिता पुत्र रहे हैं लेकिन वो ये भी साफ बोलकर गए हैं कि 2024 में हरियाणा में भाजपा जजपा का चुनावी गठबंधन नहीं होगा। नांगल चौधरी में किरण चौधरी और श्रुति चौधरी का प्रोग्राम था। प्रोग्राम भी ठीक ठाक रहा था उनका मकसद था हुड्डा को ये दिखाना कि वो अपनी लडाई को जारी रखेंगी तब भी जब भिवानी के विपक्ष आपके समक्ष प्रोग्राम में उनको बुलाया ही ना गया हो।

अब आते हैं विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम में जो भिवानी की नई अनाज मंडी में था और भूपेंद्र सिंह हुड्डा और दीपेंद्र हुड्डा ने अपना पूरा जोर इस कार्यक्रम के लिए लगाया हुआ था। रैली काफी लंबी चली थी लेकिन इसने कई संकेत देने के काम किए हैं। पहला तो ये है कि अगर भूपेंद्र सिंह हुडडा की चली तो कांग्रेस की लोकसभा टिकट वो श्रुति चौधरी की बजाय राव दानसिंह को दिलाने की कोशिश करेंगे। पूरे कार्यक्रम का प्रभारी राव दानसिंह को बनाया गया था और वैसा वैट भी दिया गया। हालांकि भिवानी महेंद्रगढ में हर तरफ ही राजनीति अलग तरह से चल रही है। यहां से जजपा से दिग्विज्य चौटाला अपनी संभावनाएं तलाश रहे हैं। चौधरी बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी दो बार चुनाव हार चुकी हैं लेकिन चौधरी बंसीलाल का नाम उनके साथ है ये कोई छोटी बात नहीं है इसलिए तीसरी बार भी वो कोशिश करेंगी ही करेंगी। ओमप्रकाश धनखड और सुधा यादव भी सुनने में आया है कि वहां से टिकट की कोशिश में हैं। हालांकि ये सब सूरतें साफ होने में अभी काफी वक्त लगना है ओर काफी वक्त पडा भी है।

दूसरा संकेत ये मिलता है कि तोशाम में भी किरण चौधरी को घेरने की रणनीति बनाई गई है। चौधरी बंसीलाल के बेटे अनिरूद्ध चौधरी ने पूरा जोर ये दिखाने में लगाया कि अब वो तोशाम में एक्टिव हो गए हैं। उनका तोशाम में एक्टिव होने का मतलब है कि किरण चौधरी को तोशाम में ही घेरना। हालांकि वे इसमें कितना सफल होते हैं ये तो वक्त ही बताएगा लेकिन राजनीति में कोशिशों का अपना महत्व होता है। कांग्रेस की टिकट तो किरण चौधरी के कटने के फिलहाल अनुमान नहीं लगाना समझदारी की बात नहीं है ऐसे में भाजपा अनिरूद्ध के पास भाजपा ही विकल्प बचता है और अंदरखाते मदद किरण चौधरी के सारे विरोधी कर दें। बंसीलाल परिवार को तोशाम में चुनौती केवल तभी मिली है जब सारे विरोधी एक कंडीडेट का साथ दें। खैर, अनिरूदध अमित शाह के बेटे जय शाह के भी नजदीकी हैं क्रिकेट में तो आने वाले समय में क्या होगा ये भी देखने लायक होगा।

भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र जाट व अहीरवाल बहुल इलाका है। इस इलाके में या तो चौ. बंसीलाल या फिर राव राजा वीरेंद्र सिंह का वर्चस्व रहा है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा का अब से पहले इलाके में ज्यादा प्रभाव नहीं देखा गया। यही कारण है कि आज की रैली को लेकर हुड्डा समर्थक काफी सचेत थे और इसे कामयाब बनाने के लिए उन्होंने जी जान लगा दिया था। हुड्डा समर्थक इसे पूर्व सीएम की प्रतिष्ठा से जोड़कर देख रहे थे।

हुड्डा समर्थकों का मानना है कि इस जाट व अहीरवाल बहुल क्षेत्र में अपनी पैठ मजबूत करने व अपने विरोधियों को यह अहसास करवाने की वे केवल जाटलैंड तक ही सीमित नहीं हैं, हुड्डा ने रैली की बागडोर भी अहीरवाल के कद्दावर नेता राव दान सिंह व सांसद दीपेंद्र हुड्डा को सौंपी थी। अहीरवाल के कद्दावर नेता राव दान सिंह पर भी पूर्व सीएम ने पूरा विश्वास व्यक्त किया। परिणाम स्वरूप अहीरवाल में एक बड़ा संदेश देने में भूपेंद्र हुड्डा कामयाब होते दिखाई दिये।

जानकारों के अनुसार भूपेंद्र सिंह हुड्डा के राजनीतिक कार्यकाल में यह पहला अवसर है, जब उन्होंने इस क्षेत्र में लोकसभा क्षेत्र स्तर की रैली का आयोजन किया। रैली की कामयाबी से न केवल हुड्डा का अहीरवाल में कद बढ़ा है बल्कि वे कांग्रेस हाईकमान को भी यह संदेश देने में कामयाब रहे है कि उनकी दक्षिण हरियाणा की जनता में भी पकड़ मजबूत है। पूर्व सीएम ने अपने विरोधियों को जता दिया कि मुख्यमंत्री की रेस में वे उनसे आगे हैं। उनके विरोधी चाहे वो उनकी पार्टी के हों या फिर विपक्ष के मुख्यमंत्री पद को लेकर दावे करते हैं वे उनको बताना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री की गद्दी तो वे 18 वर्ष पहले ही जीत गए थे, अब उनकी लड़ाई प्रदेश में बेरोजगारी, महंगाई, अपराध व नशाखोरी के खिलाफ है।

लोकसभा व विधानसभा चुनाव से ठीक पहले जाट व अहीरवाल बहुल क्षेत्र में कांग्रेस की बड़ी रैली से जहां पार्टी नेताओं का मनोबल बढ़ना स्वाभाविक है, वहीं पिछले दो लोकसभा व दो विधानसभा चुनाव में अधिकांश सीटों पर जीत दर्ज करने वाली भाजपा के लिए यह रैली चेतावनी साबित होगी।

रैली में हुडडा ने कई बार चौधरी बंसीलाल का नाम लिया है और विकास में भिवानी को एक दौर में सबसे अच्छा बताया है इस बात के भी अपने मायने हैं । हुड्डा ने क्लर्कें की हडताल का भी जिक्र किया है जो पूरे प्रदेश में चल रही है। इसके साथ ही पांच वादे भी किए हैं जिन्हें छह हजार बुढापा पेंशन भी है। हालांकि ब्याह के गीत सारे सच्चे नहीं होते हैं लेकिन चुनावी रैलियों में नारों औश्र वादों में जनता बह ही जाती है।

रैली में मुझे बवानीखेडा के तीन बार के विधायक रहे रामकिशन फौजी भी दिखाई दिए हैं तो मतलब साफ है कि मैडम किरण चौधरी के खेमे में अब वो नहीं हैं। पीले पटके वाले काफी लोग दिखाई दिए हैं पता करने पर जानकारी मिली कि बलराज कुंडू की तरह पैसा फूंक तमाशा देख राजनीति करने वाले लोहारू हलके के उम्मीदवार राजबीर फरटिया ने अपने लोगों के लिए ये ड्रेस कोड अलग से बनाया हुआ था जिसने हुड्डा की रैली में हजकां का दौर ताजा कर दिया।

पहली बार दीपेंद्र हुड्डा ने किसी कार्यक्रम में अपनी हार को भाजपा की साजिश करार कर देते हुए अपनी हार को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है।

उधर भिवानी मैं चौधरी बंसीलाल परिवार की चर्चित नेत्री किरण चौधरी व श्रुति चौधरी ने अपना दमखम दिखाने के लिए जाट, अहीर और गुर्जर बैल्ट नांगल चौधरी को चुना। भिवानी रैली का निमंत्रण मिलने पर उन्होंने भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के नांगल चौधरी कार्यक्रम आयोजित कर हुड्डा के साथ-साथ कांग्रेस हाईकमान को भी संदेश दिया कि वह हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठेगी।