भूपेन्द्र हुुड्डा ने अपनी घोषणाओं से सभी वर्गो को रिझाया,………… रैली की भीड़ ने कांग्रेसी नेताओं में भरा जोश
किरण चौधरी का विरोध रहा बेअसर,……………………………. हुड्डा ने अपने को संकेतों में किया मुख्यमंत्री घोषित,
लोकसभा और विधानसभा को रैली की भीड़ करेगी प्रभावित

ईश्वर धामु

भिवानी में रविवार को हुई कांग्रेस की विपक्ष आपके समक्ष रैली ने रातनैतिक चर्चाकारोंं का गणित फेल कर दिया। रैली केे आयोजकोंं को भी शायद इतनी भीड़ आनेे की उम्मीद नहीं थी। रैली के संयोजक प्रतिपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने भी अपने भाषण में यह माना कि उनकी उम्मीदों से अधिक भीड़ आई है और रैली की व्यवस्था छोटी पड़ गई है। अगली बार जब वें रैली भिवानी में करेंगे तो व्यवस्थाओं का विशेष ध्यान रखेंगे। रैली की भीड़ देखकर हर कांग्रेसी नेता गदगद था। क्योकि किसी भी नेता को इतनी भीड़ आने की उम्मीद ही नहीं थी। स्थानीय आयोजक बड़े ही खुश नजर आ रहे थे। हुड्डा भीड़ से इस रैली को चुनावी रैली बना दिया। पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने अपने 12 मिनट के भाषण में सभी वर्ग को खुश कर दिया। उन्होने चुनाव से पूर्व ही घोषणा करनी शुरू की हुई है। उन्होने बड़े जोश से कहा कि सरकार बनने पर बुढ़ापा सम्मान और विधवा पैंंशन बढ़ा कर 6 हजार रूपए प्रति माह कर दिया जायेगा। उन्होने कर्मचारियों से कहा कि उनकी पुरानी पैंशन लागू कर दी जायेगी और पिछड़े वर्ग की आय सीमा बढ़ा कर दस लाख रूपए कर दी जायेगी। हुड्डा यहीं पर नहीं रूके। उन्होने महिलाओं को खुश करने को रसोई गैस सिलैंडर पांच सौ रूपए से अधिक का नहीं होने देंगे। किसानों को भी खुश करने में उन्होने कोई कोर-कसर नहीं छोड़़ी। उन्होने गरीबों को मुफ्त प्लाट देने का भी वादा किया। इस तरह से उन्होने हर वर्ग को खुश करने का काम किया।

उनके भाषण में उल्लेखनीय पहलु यह रहा कि उन्होने अपने भाषण के प्रारम्भ में चौधरी बंसीलाल और बनारसीदास गुप्ता को याद किया। जबकि बनारसीदास गुप्ता परिवार से कोई भी सदस्य मंच पर मौजूद नहीं था। उन्होनेे अपने भाषण में चार बार चौधरी बंसीलाल का नाम लिया। लोकसभा क्षेत्र की स्तरीय इस रैली ने आने वाले चुनाव के समीकरण बदल दिए हैं। कांग्रेस की दिज्गज कहलाने वाली नेता किरण चौधरी और उनके समर्थकों की रैली से दूरी के बावजूद हुड्डा ने यह साबित कर दिया कि भिवानी-महेन्द्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र में उनका व्यापक जनाधार है। रैली की भीड़ ने हुड्डा विरोधियों के सामने एक बड़ी लाइन खींच दी है। अब यह तो निश्चित है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भिवानी क्षेत्र की टिकट में किरण चौधरी का एकाधिकार नहीं चलने वाला है। इस बार कांग्रेस आलाकमान के आगे किरण चौधरी की जिद्द काम नहीं करेगी। ऐसे में सम्भावनाएं जताई जा रही है कि भिवानी जिला और भिवानी-लोकसभा क्षेत्र की टिकट के लिए हुड्डा का अधिमान दिया जायेगा। ऐसा होता है तो लोकसभा क्षेत्र के लिए हुड्डा अपने विश्वसनीय दक्षिण हरियाणा से जनाधार वाले नेता राव दानसिंह को अपना उम्मीदवार बनावा सकते हैं। इस बारे मेंं राव समर्थक भी संकेत दे रहे हैं। लोकसभा की टिकट के लिए दो बार हार का सामना कर चुकी किरण चौधरी की लाडली श्रुति चौधरी की टिकट पर संकट उभर सकता है।

अब चर्चा यह भी चल निकली है कि चुनाव से पूर्व वर्तमान में भिवानी से भाजपा के सांसद रेडमैन धर्मबीर सिंह भी अपनी पार्टी भाजपा का अलविदा कह सकते हैं? हालांकि अभी इस बारे में भाजपा नेता और खुद रेडमैन इंकार कर रहे हैं पर राजनीति में इंकार कभी कभी इकरार बन जाता है। अब तो चर्चाकार यह भी सम्भव मान रहे हैं कि भिवानी से विधानसभा का प्रत्याशी वही होगा, जिसको भूपेन्द्र सिंह हुड्डा का आशीर्वाद मिलेगा। दूसरी ओर किरण चौधरी ने भिवानी विधानसभा की टिकट के लिए कई लोगों को आश्वासन दिए हुए हैं। भिवानी की विपक्ष आपके समक्ष रैली से भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की पार्टी आलाकमान में शाख ओर भी पुख्ता हुई है। उन्होने किरण चौधरी के क्षेत्र में लम्बी हुंंकार भर कर साबित कर दिया है कि उनके पास प्रदेश के हर जिले में कार्यकर्ता हैं और वें पार्टी को चुनाव में जीत दिलवाने की स्थिति में हैं। पार्टी का संगठन न होने के बावजूद हुड्डा का जनाधार से साबितत हो गया है कि वें कांग्रेस के बड़े और प्रभावी नेता हैं।

भिवानी रैली की एक विशेषता यह भी रही कि हुड्डा ने भीड़ से भावुक अपील कर लोगों को अपने साथ सीधे रूप से जोडऩे का प्रयास किया। उन्होने अपनी 76 साल की उम्र का वास्ता देकर कहा कि अब व्यवस्था के खिलाफ वें यह अंतिम लड़ाई लडऩा चाहते हैं, अगर आपका सहयोग मिलता है तो इस पर भीड़ ने जोश दिखाया। भीड़ का जोश देखकर हुड्डा ने आगे जोड़ा कि आप लोगों का सहयोग मिला तो वें आपकी सरकार बनवा देंंगे। इसके बाद तो जबरदस्त नारे शुरू हो गए। दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि रैली के माध्यम से हुड्डा अपने आपको भावी सीएम घोषित कर गए।