-बैठक में सभी 23 सोसायटीज की आरडब्ल्यूए को स्ट्रक्चरल ऑडिट की प्रक्रिया की दी गयी जानकारी -स्ट्रक्चरल ऑडिट में होने वाला खर्च संबंधित आरडब्ल्यूए व बिल्डर द्वारा बराबर के अनुपात में वहन किया जाएगा, स्ट्रक्चर में खामियां मिली तो बिल्डर को देना होगा ऑडिट का पूरा खर्च: डीसी बिल्डर ईंपैनल्ड एजेंसी के अतिरिक्त अपने स्तर पर स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने के लिए स्वतंत्र, संबंधित सोसायटी की आरडब्ल्यूए से लेनी होगी लिखित सहमति गुरुग्राम, 08 जुलाई। डीसी निशांत कुमार यादव ने शुक्रवार को विजुवल निरीक्षण के दौरान चिन्हित 23 हाउसिंग सोसायटीज की आरडब्ल्यूए व संबंधित बिल्डर्स के साथ बैठक कर उपरोक्त सोसायटीज में स्ट्रक्चरल ऑडिट को लेकर जिला प्रशासन की ओर से क्या रूपरेखा तैयार की गई है इस बारे में विस्तार से चर्चा की। लघु सचिवालय स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में आयोजित इस बैठक में एडीसी हितेश कुमार मीणा, पीडब्ल्यूडी के अधीक्षण अभियंता प्रवीण चौधरी, डीटीपी (ई) मनीष यादव सहित स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए ईंपैनल्ड एजेंसी के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। बैठक में डीसी निशांत कुमार यादव ने बताया कि जिला में विभिन्न आरडब्ल्यूए की ओर से मिली शिकायतों के आधार पर आमजन की सुरक्षा के दृष्टिगत जिला प्रशासन ने 55 हाउसिंग सोसायटीज का विजुवल निरीक्षण कराया है। निर्माण की गुणवत्ता के तहत विभिन्न मानकों पर आधारित इस निरीक्षण के उपरांत दूसरे चरण के स्टेज वन में चिन्हित 23 हाउसिंग सोसायटीज का स्ट्रक्चरल ऑडिट करवाया जाएगा। स्ट्रक्चरल ऑडिट के दौरान ऐसे कारकों की पहचान की जाएगी जो भविष्य में बिल्डिंग के स्ट्रक्चर को नुक्सान पहुँचा सकते हैं। डीसी ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए चार एजेंसी को ईंपैनल्ड किया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि संबंधित बिल्डर इन चार ईंपैनल्ड एजेंसी के अलावा अन्य एजेंसी से ऑडिट कराने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र है लेकिन उन्हें इसके लिए संबंधित आरडब्ल्यूए से लिखित में सहमति लेनी होगी। डीसी ने बताया कि स्ट्रक्चरल ऑडिट के लिए 1 रुपया 40 पैसे प्रति स्क्वायर फ़ीट का रेट निर्धारित किया गया है। ऐसे में संबंधित सोसाइटी के ओवरऑल ऑडिट का जो भी खर्च होगा वो संबंधित बिल्डर व आरडब्ल्यूए द्वारा बराबर के अनुपात में वहन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑडिट के उपरांत बिल्डर के स्तर पर किसी भी प्रकार का स्ट्रक्चरल फाल्ट मिला तो स्ट्रक्चरल ऑडिट का पूरा खर्च बिल्डर द्वारा ही वहन किया जाएगा। इस दौरान बैठक में मौजूद ईंपैनल्ड एजेंसी के प्रतिनिधि ने स्ट्रक्चरल ऑडिट के दौरान क्या प्रक्रिया रहेगी इसकी विस्तृत जानकारी भी दी। डीसी निशांत कुमार यादव ने शुक्रवार को स्ट्रक्चरल ऑडिट के पहले फेज के स्टेज दो के तहत संबंधित 15 हाउसिंग सोसायटीज के बिल्डर्स के साथ बैठक कर उन्हें आवश्यक दिशा निर्देश दिये। डीसी ने कहा कि दूसरे स्टेज के ऑडिट में यदि बिल्डर जिला प्रशासन की मध्यस्थता चाहता है तो अगले सात दिन में अपनी सहमति के साथ ऑडिट खर्च की राशि जिला प्रशासन के पास जमा कराए। और यदि बिल्डर डायरेक्ट ईंपैनल्ड एजेंसी अथवा अन्य किसी एजेंसी से स्ट्रक्चरल ऑडिट कराना चाहता है तो संबंधित सोसाइटी की आरडब्ल्यूए का सहमति पत्र व वर्क आर्डर की कॉपी डीसी कार्यालय में जमा करवाना सुनिश्चित करें। डीसी ने कहा कि स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपार्ट आने के बाद उसे संबंधित आरडब्ल्यूए के साथ सांझा किया जाएगा। Post navigation आप पार्टी के सत्ता बनाने के ख्वाब…….. धरातल पर क्या? हरियाणा उदय कार्यक्रम के तहत जिला में 09 जुलाई को ‘खेलों गुरुग्राम’ महोत्सव का होगा शुभारंभ