खट्टर सरकार है, ‘‘युवाओं के लिए अभिशाप’’!
भाजपा-जजपा ने युवाओं के भविष्य की ‘भ्रूण हत्या की’!
दुष्यंत-मनोहर की जोड़ी – लाखों युवाओं की किस्मत फोड़ी!

चंडीगढ़ – आज हरियाणा देश का ‘‘बेरोजगारी हब’’ बन गया है। प्रदेश के युवाओं को तबाही की राह पर धकेलकर मुख्यमंत्री, श्री मनोहर लाल खट्टर राहगिरी कर रहे हैं। भाजपा-जजपा सरकार हरियाणा के युवाओं के लिए अभिशाप बन गई है।

हरियाणा के लाखों गुणी युवा दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं, न सरकारी नौकरी है, और न ही प्राईवेट सेक्टर में नौकरी की उम्मीद। कुछ है तो 40 से अधिक परीक्षाओं के पेपर बेचने वाला ‘‘पेपर लीक माफिया’’। आईये, भाजपा-जजपा द्वारा हरियाणा को बेरोजगारी के अंधकार के गर्त में धकेलने का सिलसिलेवार ब्यौरा जानें।

(I) बेरोजगारी में हरियाणा देश में लगातार नं. 1 है। CMIE के जनवरी 2023 के आँकड़ों के मुताबिक हरियाणा में बेरोजगारी की दर 37.4 प्रतिशत है। पिछले कई सालों से बेरोजगारी दर 20 प्रतिशत से 25 प्रतिशत से अधिक है।

भाजपा-जजपा निर्मित ‘‘बेइंतहाशा बेराजगारी’’ का सबूत तीन तथ्यों से ही साबित हो जाता हैः-

(i)         अकेले सीईटी के पेपर के लिए 11,22,000 युवाओं ने फॉर्म भरा। 

(ii) 7,72,000 युवाओं ने कच्ची नौकरी के लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम में रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसमें पीएचडी, एमएससी, एमटेक और एमबीए पास बेरोजगार भी शामिल हैं।

(iii) हरियाणा के सरकारी विभागों व बोर्ड तथा निगमों में क्लास 3 व क्लास 4 के 60,000 पदों की भर्ती के लिए 1000,000 से ज्यादा युवाओं ने दरखास्त दी है। आलम यह है कि हरियाणा में न कच्ची नौकरी है, और न पक्की।

(II) CET अब युवाओं के लिए बना “Common Exploitation Test”!

साल 2019 से CET के नाम पर हरियाणा के युवाओं को बेवकूफ बनाने की साजिश की जा रही है। साल 2019 वाली सारी भर्तियाँ CET में दे दी गईं। साल 2021में ग्राम सचिव का पेपर लीक हो गया। उसे भी CET में दे दिया गया।

रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हरियाणा के 11,22,200 युवाओं ने CET के लिए दरख्वास्त दी। इनमें से CET के एग्ज़ाम के लिए आखिर में चार शिफ्टों में CET का पेपर 5 व 6 नवंबर, 2022 को लिया। इसका रिज़ल्ट 10 जनवरी, 2023 को आया। पर उसे ‘‘पब्लिक डोमेन’’ में जारी नहीं किया गया। हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब 29 जून, 2023 को रिज़ल्ट पब्लिश किया गया है, जिसमें 3,59,146 युवा CET पास दिखाए गए हैं, हालाँकि हाईकोर्ट ने खट्टर सरकार व HSSC ने सीईटी पास होने वाले युवाओं की संख्या 2,92,000 बताई थी।

CET का तथाकथित रिवाईज़्ड रिज़ल्ट हरियाणा के नौजवानों से एक भद्दा मजाक है। युवाओं की ज़िंदगी से सीईटी के नाम पर हो रहे नाकाबिलेमाफी खिलवाड़ के कुछ पहलू देखिएः-

(1) केवल चार गुना उम्मीदवार बुलाने की अजीबोगरीब शर्त लगा दी। पहले CET ले लिया गया और अब पास हुए 3,59,000 युवाओं को कहा जा रहा है कि केवल एडवरटाईज़ पोस्ट के 4 गुना उम्मीदवार ही बुलवाए जाएंगे। तो बाकी कहाँ जाएंगे? उत्तर प्रदेश में इस प्रकार से बुलाए जाने वाले उम्मीदवारों की संख्या 15 गुना है और राजस्थान में भी 15 गुना (संलग्नक A1-UP और संलग्नक A2- Point No 5 राजस्थान)। हालाँकि भारत सरकार में CET नहीं होता पर एसएससी, रेलवेज़, व बैंकिंग इत्यादि के पदों में भी 10 से 12 गुना उम्मीदवार बुलाए जाते हैं। तो फिर खट्टर सरकार इन्हें चार गुना तक सीमित कर युवाओं की जिंदगी से छल क्यों कर रही है?

(2) अलग-अलग योग्यता वाली सारी श्रेणियों के लिए एक ही CET क्यों? इंजीनियरिंग, जेईई, सिस्टम इंजीनियर, व अनेकों ऐसी टेक्निकल पोस्ट हैं, पर उनका अलग CET नहीं लिया गया। इसी प्रकार से 12वीं और ग्रेजुएट्स का CET भी एक ही है। अलग-अलग योग्यता रखने वाले यानि 12वीं से मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग तक योग्यता वाले युवाओं का आकलन एक ही CET से कैसे किया जा सकता है?

(3) CET के पेपर में 63 ग्रुप्स (12 वीं पास, ग्रेजुएट्स, इंजीनियर आदि) व 401 कैटेगरी (ALM, JEE, JSC) इत्यादि हैं। जब 63 ग्रुप्स और 401 कैटेगरी का CET रिज़ल्ट कॉमन है, तो फिर इनकी अलग-अलग छंटनी कर 4 गुना उम्मीदवार खट्टर सरकार कैसे बुलाएगी? जब रिज़ल्ट की प्रक्रिया में ही सालों लग गए, तो इस छंटनी और पेचीदगी में तो कई महीने और साल और लगेंगे।

(4) CET का रिज़ल्ट अपने आप में त्रुटिपूर्ण है। अनेकों उम्मीदवारों ने ‘‘सोशो इकॉनॉमिक कैटेगरी – SEC के अंक हटाने के लिए दरखास्त दी, पर CETरिज़ल्ट में वो नहीं हटाए गए। हजारों से अधिक उम्मीदवारों ने SEC के नंबर जोड़ने के लिए दरखास्त दी, पर वो नहीं जोड़े गए। कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जहाँ ‘‘नो गवर्नमेंट जॉब’’ के 5 नंबर दिए हैं, और नौकरी में तजुर्बे के भी 5 नंबर दिए हैं, जो अपने आप में विरोधाभासी है।

(5) CET के रिज़ल्ट में सैकड़ों-हजारों EWS, Ex-serviceman कैटेगरी के उम्मीदवारों को जनरल कैटेगरी में दिखा गया गया है, व उसे दुरुस्त भी नहीं किया जा रहा।

CET के प्रश्नों के ही अनेकों जवाब गलत थे। ‘आंसर की’ के आधार पर ₹100 प्रति सवाल जमा करवाकर सैकड़ों-हजारों उम्मीदवारों ने ऐतराज दर्ज किए, पर CETके 29 जून, 2023 के नतीजे में न उसकी सुनवाई हुई, न भरपाई। अब खट्टर सरकर व HSSC का कहना है, कि ऐतराज सुने ही नहीं जाएंगे। इसके चार उदाहरण A3संलग्न हैं। ऐसे में पूरी CET की प्रक्रिया ही गलत है, व सवालों के घेरे में है। प्रक्रिया तथा नतीजे पर अदालत में सवाल उठना वाजिब है। तो हरियाणा के युवाओं के भविष्य का क्या होगा?

(III) हरियाणा सरकार में करीब 200,000 पद खाली पड़े हैं, पर साल 2019 से 2023 के बीच कोई बड़ी भर्ती नहीं की गई। युवा दर-दर की ठोकरें खाते हैं, और भाजपाई व जजपाई सत्ता की मलाई उड़ाते हैं। असली हालात इस प्रकार हैंः-

हज़ारों भर्तियों का या तो नतीजा नहीं निकाला, या फिर वो रद्द कर दी गईं, और या फिर गलत नीति बना कोर्ट के पचड़े में उलझा दी गईं। इसे सिलसिलेवार देखेंः-

(i) साल 2018, HSIIDC, Senior Manager (Estate) व Senior Manager (Utility) की डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन साल 2021 में हुई। पर आज तक न इंटरव्यू और न नतीजा आया।

(ii) साल 2020-21, स्टाफ नर्स, पोस्ट- 275, रिवाईज़्ड पोस्ट – 307। सालों तक प्रक्रिया लटकी रही और डॉक्युमेंट वैरिफिकेशन के समय हाई कोर्ट के मुकदमे में उलझ गई।

(iii) साल 2019, Harco Bank पोस्ट संख्या 978, क्लर्क व जूनियर अकाउंटैंट इत्यादि। आज तक भी नतीजा नहीं निकल पाया।

(iv) साल 2019 (एडवरटाईज़मेंट नं. 6/2019) में विधानसभा चुनाव से पहले 6,500 पुलिस कॉन्सटेबल की भर्तियाँ निकालीं। विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें कैंसल कर दिया। साल 2020 (एडवरटाईज़मेंट नं. 4/2020) में फिर 6600 पुलिस कॉन्सटेबल की भर्ती निकाली (पुरुष 5500, महिला, 1100)। अगस्त 2021 में भर्ती पेपर लीक हो गया। फिर नवंबर-दिसंबर 2021 में दोबारा पेपर लिया गया। बगैर प्रक्रिया पूरी किए 17 जून, 2022 को रिज़ल्ट निकाला गया। मामला हाई कोर्ट में गया और 2413 पुरुष पुलिस कॉन्सटेबल और 1100 महिला पुलिस कॉन्सटेबल की भर्ती पर रोक लग गई।

(v) साल 2019, आरोही स्कूलों में टीचिंग्स/नॉनटीचिंग पोस्ट, पोस्ट संख्या 895। सालों तक भर्ती लटकी रही और फिर रद्द कर दी गई।

(vi) हज़ारों अन्य ऐसी नौकरियाँ हैं, जिनका इश्तेहार निकाला, युवाओं से पैसा भरवाया, तैयारी का करोड़ों रुपया खर्च करवाया, और बाद में उन्हें रद्द कर दिया गया। कुछ उदाहरण हैं – ग्राम सचिव (एडवरटाईज़मेंट नं. 9/2019) – पोस्ट – 697, पटवारी (एडवरटाईज़मेंट नं. 7/2019) – पोस्ट 530, कैनाल पटवारी (एडवरटाईज़मेंट नं. 8/2019) – पोस्ट 1100, महिला सुपरवाईज़र/इंस्पेक्टर (एडवरटाईज़मेंट नं. 15/2019) – पोस्ट 920, फायर ड्राईवर (एडवरटाईज़मेंट नं. 1/2019) – पोस्ट 1,780, कृषि विभाग की पोस्ट (एडवरटाईज़मेंट नं. 2/2020) – पोस्ट 740, जूनियर लेक्चरर असिस्टैंट, जेएलई (एडवरटाईज़मेंट नं. 11/2017) – पोस्ट 61,पीजीटी संस्कृत (एडवरटाईज़मेंट नं. 4/2015) – पोस्ट 626, टीजीटी संस्कृत (एडवरटाईज़मेंट नं. 7/2015) – पोस्ट 664, इलेक्शन तहसीलदार+ आईटीआई (एडवरटाईज़मेंट नं. 1/2020)। पहले पेपर लीक हुआ, फिर दोबारा एग्ज़ाम हुआ। 17 जून, 2022 को आनन-फानन में रिज़ल्ट निकाला।

(vii) हाल में ही 2 दिसंबर, 2022 को PGT व TGT श्रेणी में 2,069 अध्यापकों की भर्ती हुई। अब उन सबको बगैर कारण बताए खारिज कर दिया गया।

(viii) PGT अध्यापकों के 4600 पदों के साथ भी फुटबॉल बना लगातार खिलवाड़ हो रहा है। साल 2019 में PGT अध्यापकों की पोस्ट HSSC के माध्यम से निकाली गई। बाद में उस भर्ती प्रक्रिया को कैंसल कर साल 2022 में HPSC को ट्रांसफर कर दिया गया। कई बार criteria बदलने के बाद अब 25 मई, 2023 को 8 विषयों के 3,863 PGT पद व 613 मेवात काडर के PGT पदों की भर्ती खारिज कर दी गई। अब फिर इश्तेहार निकला है और फिर नई भर्ती का नाटक होगा।

(IV) खट्टर सरकार की मनमानी का आलम यह है कि जहाँ भर्ती हो पाती है, वहाँ भी हरियाणा से बाहर के युवाओं को ही रोजगार दिया जाता है। हरियाणा की माटी के सपूत ठगे हुए से खड़े-खड़े देखते रहते हैं। इसके अनेकों उदाहरण हैंः-

(i) साल 2019 SDO बिजली विभाग भर्ती में 80 पदों में मात्र 2 उम्मीदवार ही हरियाणा के भर्ती हुए। फिर वह भर्ती कैंसल करनी पड़ी।

(ii) साल 2019 HCS भर्ती – एक तिहाई उम्मीदवार हरियाणा से बाहर के भर्ती हुए। साल 2020-21 में SDO के 180 पदों में मात्र 22 हरियाणा के युवाओं की ही भर्ती हो पाई। फिर यह भर्ती भी कैंसल करनी पड़ी।

(iii) साल 2019 में असिस्टैंट प्रोफेसर पॉलिटिकल साईंस की भर्ती में 18 में से 11 उम्मीदवार बाहरी थे, व 7 हरियाणवी थे। एग्रीकल्चर डेवलपमेंट ऑफिसर की जनरल कैटेगरी के 23 पदों में 16 बाहरी व केवल 7 हरियाणा के युवाओं की ही भर्ती हो पाई।

(iv) साल 2021 में टेक्निकल एजुकेशन लैक्चरर के पदों में जनरल कैटेगरी की श्रेणी में 157 पदों में 106 बाहरी व्यक्तियों की भर्ती हुई, व केवल 51 हरियाणा के युवाओं को मौका मिल पाया।

(v) हरियाणा अकेला ऐसा प्रांत है जहाँ स्टाफ नर्स व वेटेरिनरी की पोस्ट के लिए हरियाणा नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउंसिल व हरियाणा वेटेरिनरी रजिस्ट्रेशन काउंसिल का पंजीकरण अनिवार्य नहीं, जबकि दूसरे प्रदेशों में प्रांतीय काउंसिल का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है। नतीजा यह है कि बाहर के युवा हरियाणा में नर्सिंग व वेटेरिनरी में भर्ती हो रहे हैं और हरियाणा के युवाओं को न हरियाणा में जगह मिलती और न बाहर।

अब हरियाणा के युवाओं के सामने एक ही रास्ता बचा है। हरियाणा से भाजपा-जजपा सरकार को उखाड़कर फेंक दें। अब आमूलचूल सत्ता परिवर्तन का संघर्ष ही युवाओं का रास्ता है।

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