महाराष्ट्र के वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वीकार किया कि हरियाणा अपने नागरिकों को सेवाओं का समय पर निपटान सुनिश्चित करने में अन्य राज्यों से काफी आगे है चंडीगढ़, 30 जून – महाराष्ट्र राज्य सेवा का अधिकार आयोग के मुख्य आयुक्त श्री बलदेव सिंह ने कहा कि हरियाणा सरकार ने सुशासन और उत्तरदायी प्रशासनिक तंत्र के माध्यम से लोगों में नई उम्मीद जगाई है। प्रदेश सरकार हरियाणा के सर्वांगीण विकास की गति को तेज करने और लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए समर्पण और निष्ठा के साथ कड़ी मेहनत कर रही है। सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली में किए गए सुधारों का अध्ययन करने के लिए महाराष्ट्र से 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल हरियाणा के दौरे पर है। इसी कड़ी में प्रतिनिधिमंडल ने आज पंचकूला में यूएचबीवीएन, एचएसवीपी और उपायुक्त कार्यालय का दौरा किया। दौरे के दौरान संबंधित विभाग के अधिकारियों ने आरटीएस आयोग के दायरे में आने वाली सेवाओं के बारे में अवगत करवाया। प्रतिनिधिमंडल ने शिकायतों के निवारण की मजबूत प्रणाली की सराहना की। प्रतिनिधिमंडल ने सबसे पहले यूएचबीवीएन कार्यालय, पंचकूला का दौरा किया। इस दौरान बताया गया कि यूएचबीवीएन की 26 सेवाएं सेवा का अधिकार अधिनियम, 2014 के तहत अधिसूचित हैं जो फेसलेस, कैशलेस और पेपरलेस हैं। प्रतिनिधिमंडल को बताया गया कि आरटीएस आयोग के सक्रिय हस्तक्षेप के बाद वित्त वर्ष 2017-18 से 2021-22 तक नए कनेक्शन की डिलीवरी का औसत समय 57 दिन से घटकर 19 दिन हो गया है। उन्हें इस बात से भी अवगत करवाया गया कि एक समर्पित बिजली आपूर्ति शिकायत टीम बनाई गई है जोकि तीन शिफ्टों में चौबीसों घंटे कार्य करती है। इसके बाद, प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) कार्यालय का दौरा किया, जिसमें बताया गया कि आरटीएस आयोग के दायरे में 42 सेवाएं अधिसूचित हैं। कब्जा प्रमाण पत्र जारी करना, अतिक्रमण हटाना जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को सेवा के अधिकार के साथ अधिसूचित किया गया है। इसके अलावा, लोगों के दैनिक जीवन पर प्रभाव डालने वाली कुछ महत्वपूर्ण अधिसूचित सेवाओं की डिलीवरी की समयसीमा भी काफी कम कर दी गई है जैसे कि मृत्यु के मामले में स्थानांतरण अनुमति पत्र जो पहले 45 दिनों में वितरित किया जाता था, उसे घटाकर 4 दिन कर दिया गया है। प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त डॉ. प्रियंका सोनी के साथ बैठक की, जिसके दौरान सेवा का अधिकार आयोग के दायरे में प्रदान की जाने वाली ऑनलाइन सेवाओं के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त कार्यालय के परिसर में स्थित सरल केंद्र का दौरा भी किया और इसकी कार्यप्रणाली और नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं का मूल्यांकन किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि हरियाणा की कुछ अनूठी सुशासन प्रथाएं हैं, जिन्हें लोगों की सुविधा के लिए महाराष्ट्र में भी लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिजिटल सेवाओं के कार्यान्वयन में हरियाणा अन्य राज्यों के लिए एक रोल मॉडल है। Post navigation पहली बारिश में ही बदहाल सड़कों ने खोली सरकारी दावों की पोल – दीपेन्द्र हुड्डा देश की हेल्थ और वेल्थ के लिये सीए समुदाय कर्तव्यनिष्ठा और नैतिकता से देते रहें योगदान: मुख्यमंत्री मनोहर लाल