-माहिरा बिल्डर के खिलाफ फ्लैट खरीदारों ने रेरा कार्यालय पर किया प्रदर्शन
-राजनीतिक पहुंच के चलते बिल्डर पर कार्रवाई नहीं करने के आरोप

गुरुग्राम। सेक्टर-104 में माहिरा बिल्डर के अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में अपने सपनों का घर खरीदने वाले लोगों के खून-पसीने की कमाई को बिल्डर ने लूट लिया है। बुकिंग के डेढ़ साल बाद भी फ्लैट बनाने के नाम पर अब तक निर्धारित साइट पर सिर्फ गड्ढे ही खोदे गए हैं। इसके विरोध में बुधवार को फ्लैट बुकिंग कराने वालों ने यहां रेरा कार्यालय पर काली पट्टियां बांधकर प्रदर्शन किया।

माहिरा होम्स 104 बायर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे एसोसिएशन के प्रधान कमल भारद्वाज, उपाध्यक्ष रमनदीप ने बताया कि दिसम्बर 2021 में उन्होंने सेक्टर-104 के माहिरा होम्स अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट में उन्होंने अपने फ्लैट बुक कराए थे। इस प्रोजेक्ट में 1483 फ्लैट हैं। बिल्डर द्वारा तय किए गए नियमों के अनुसार भी उन्होंने पेमेंट का भुगतान किया। अब तक बिल्डर लोगों ने 25 प्रतिशत से भी अधिक पेमेंट ले चुका है। बिल्डर ने 1.5 साल में लोगों से 125 करोड़ रुपये जमा करा लिए हैं। इतनी पेमेंट लेने के बाद भी बिल्डर ने साइट पर कोई काम शुरू नहीं किया है। गुरुग्राम से लेकर चंडीगढ़ तक भटक चुके हैं, लेकिन कहीं से भी न्याय नहीं मिला। फ्लैट बुकिंग कराने वाले लोगों का कहना है कि माहिरा होम्स का मालिक समालखा के विधायक धर्म सिंह छोकर का बेटा सिंकदर छोकर है। अपने राजनीतिक प्रभाव से वह 125 करोड़ रुपये का गबन कर चुका है, लेकिन कहीं से भी उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि जब बड़े-बड़े बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है तो फिर इस बिल्डर पर मेहरबानी क्यों हो रही है। बिल्डर की ओर से फ्लैट बनाना तो दूर उनके फ्लैट की बुकिंग रद्द करने की धमकियां दी जा रही हैं। बिल्डर के खिलाफ कई एफआईआर तक दर्ज हैं, फिर भी ना तो पुलिस उनका कुछ कर पा रही है और ना ही रेरा ने ही कोई एक्शन लिया है। डीटीपीसी भी बिल्डर को संरक्षण दे रहा है। दो महीने पहले केस की सुनवाई करने के बाद रेरा ने फैसला भी नहीं सुनाया। लोगों ने कहा कि न्याय में देरी करना भी अन्याय है। सबको आवास देने के दावे करने वाली सरकार को कुछ तो एक्शन लेना चाहिए। इस तरह से जनता की खून-पसीने की कमाई को लुटवाकर सरकार चैन की नींद सो रही है।

इस मामले में रेरा एक्सपर्ट एवं पीडि़त बायर्स के वकील अभय जैन एडवोकेट ने कहा कि रेरा ने अगस्त 2022 में बिल्डर को आदेश किए थे कि उसने इस फंड को डायवर्ट किया है, उसे वापिस इसी प्रोजेक्ट में ट्रांसफर किया जाए। अभय जैन ने बताया कि बैंक गारंटी के नाम पर भी बिल्डर ने धोखा किया है। किसानों के साथ भी फ्रॉड किया गया। उन्होंने यह भी बताया कि केस रेरा कोर्ट में चल रहा है, ऐसे में बिल्डर को यूनिट कैंसिल करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने रेरा से भी मांग की कि इस प्रोजेक्ट से संबंधित फैसले को जल्द से जल्द दें, ताकि फ्लैट खरीदारों को राहत मिल सके।

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