भारत सारथी

रेवाड़ी । जिले के नया गांव निवासी बेसहारा 71 वर्षीय बुजुर्ग ने सीएम मनोहरलाल को अजीबोगरीब पत्र लिख कर गुहार लगाई है कि “या तो मेरे अकेले का परिवार पहचान पत्र बना दीजिये या फिर मेरा ब्याह करवा दीजिये ताकि हम दोनों का पहचान पत्र बन सके”

दरअसल बुजुर्ग सतबीर का कोई नहीं है वह अकेला रहता है, जिस कारण उसका परिवार पहचान पत्र नहीं बन पाया।

परिवार पहचान के बिना न तो उसकी बुढापा पेंशन बन रही है न ही उंसके मकान की मरम्मत के लिए कोई अनुदान मिल पा रहा है। सभी सरकारी दफ्तरों में चक्कर लगाने के बाद वह जिला न्यायालय में एडवोकेट कैलाश के पास पहुंचा व अपनी आप बीती सुनाई। बुजुर्ग की समस्या देख एडवोकेट कैलाश चंद ने सहायता करते हुए हरियाणा सरकार के सचिव, सिटीजन रिसोर्स इन्फॉर्मेशन विभाग चंडीगढ़, डायरेक्टर सोशल वेलफेयर विभाग हरियाणा, जिला उपायुक्त रेवाड़ी, एडीसी रेवाड़ी व समाज कल्याण विभाग रेवाड़ी को पत्र भेजकर मांग करते हुए बताया कि सतबीर 71 वर्षीय बुजुर्ग है, उसकी पत्नी का स्वर्गवास 6 वर्ष पहले हो गया, अब वह अकेला है, परिवार में ओर कोई भी सदस्य नही है।

अकेले होने के कारण हरियाणा सरकार ने आजतक उसका परिवार पहचानपत्र नही बनाकर दिया है। सरकार का कहना है कि अकेले इंसान का परिवार पहचानपत्र नही बनाया जाएगा। बिना परिवार पहचान पत्र के उसकी व वृद्धावस्था पेंशन भी नही बन पा रही है ओर उसका मकान जो कि मकान के नाम पर सिर्फ दीवारे खड़ी है, छत पर लोहे की टिन है जो जंग के कारण बिंल्कुल गल चुकी है, न ही उसके पास बिजलीं कनेक्शन है, खाना बनाने के लिये गैस कनेक्शन भी नही है, ओर न ही शौचालय है।

पीड़ित ने ईमेल से भेजे पत्र के माध्यम से परिवार पहचान पत्र बनाने, वृद्धावस्था सम्मान पेंशन बनाने ओर अन्य सरकारी स्कीमो को दिलवाने के आग्रह किया है। इसके अलावा पीड़ित बुजुर्ग सतबीर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को भी अलग से एक पत्र ईमेल से भेजकर व जिला उपायुक्त रेवाड़ी के मार्फ़त भेजकर आग्रह किया कि आपने नियम बनाया की अकेले इंसान का परिवार पहचानपत्र नही बनेगा, मै अपने परिवार में अकेला हु, या तो मेरा पुनः विवाह करवाओ ताकि पत्नी के साथ परिवार पहचान पत्र बन सके नही तो फिर मेरे अकेले का ही पहचान पत्र बनाकर दिया जाए।

अब देखना होगा हरियाणा सरकार पीड़ित की समस्या का समाधान कब तक कर पाएगी।

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