गुरूग्राम, 23 जून। महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एसजीटी यूनिवर्सिटी द्वारा ग्रामीण महिलाओं के लिए आज तीन दिवसीय ट्रैनिंग कम वर्क्शाप की शुरुआत की गई। इस कार्यशाला का आयोजन फैकल्टी ऑफ फैशन डिजाइनिंग द्वारा ‘सामाजिक विकास, एसजीटी का प्रयास’(एसवीएसपी), आउटरीच कमेटी के तहत किया गया। एसजीटी यूनिवर्सिटी द्वारा हर साल, ग्रामीण महिलाओं के लिए तीन महिने की ट्रैनिंग का आयोजन किया जाता है जिसमें उन्हें घर पर रह कर जो काम किए जा सकें, जैसे:- अगरबत्ती, दीप, धूप, बिन्दरवाल जैसी घर में उपयोग होने वाली चीजें बनाना, कपड़े सिलना, अलग अलग प्रकार के व्यंजन तैयार करना, आदि सिखाया जाता है, ताकि महिलाएँ स्वतंत्र रूप से अपने हूनर के आधार पर आय बना सकें। इसके साथ ही जो महिलाएं घर से बाहर रह कर काम करना चाहती हैं उन्हें भी यूनिवर्सिटी द्वारा प्लेसमेंट दी जाती है। एसजीटी यूनिवर्सिटी लगभग पांच सालों से महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अग्रसर है, जिसके चलते अब तक लगभग 150 से भी अधिक महिलाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है, जो आज के समय में अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आर्थिक तौर पर स्वभलंभी बन चुकी हैं। फैशन विभाग से टीम कॉर्डिनेटर गीतांजलि सोलंकी बताती हैं कि एसजीटी यूनिवेरिस्टी का यह एक अलग तरह का प्रयास है जिसमें पुराने कपड़ों को फैशन के माध्यम से नए कपड़ों में कैसे बदला जा सकता है, उसकी ग्रामीण महिलाओं को ट्रैनिंग दी जाती है। उन्होंने बताया कि इन महिलाओं को फैशन की दुनिया में आए नए बड़े बदलावों से समय समय पर रूबरू कराया जाता है। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी के एक सर्वे में पाया गया कि ग्रामीण महिलाओं को आता सब कुछ है लेकिन सिलाई में वह किन किन चीजों का इस्तेमाल कर रही हैं इसकी उन्हें पूरी जानकारी नहीं है, तो एसजीटी यूनिवर्सिटी की इस ट्रैनिंग के माध्यम से इन्हे सिलाई में निपुण किया जाएगा ताकि महिलाएँ आर्थिक तौर पर आय का जरिया बना सकें। कार्यशाला में भाग लेने वाली महिलाओं को सर्टिफिकेट भी दिए जाएंगे। Post navigation विधायक राकेश दौलताबाद ने निक्षय मित्र योजना के तहत पीएचसी दौलताबाद के 38 टीबी मरीजों को लिया गोद गुरुग्राम पुलिस का 12 जून से 26 जून तक नशा मुक्त भारत जागरूकता पखवाड़ा के तहत कार्यक्रम आयोजित