-एडीसी ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण ) अधिनियम 1989 के तहत दर्ज 08 केसों में जिला कल्याण अधिकारी द्वारा पीड़ितों को दी गई आर्थिक सहायता की समीक्षा की

गुरूग्राम, 19 जून। जिला स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी कमेटी की त्रैमासिक बैठक एडीसी हितेश कुमार मीणा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में अनुसूचित जाति व जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत दर्ज 08 केसों में जिला कल्याण अधिकारी द्वारा पीड़ितों को दी गई आर्थिक सहायता बारे समीक्षा की गई ।

बैठक में जिला कल्याण अधिकारी जगदेव से विस्तृत जानकारी लेने उपरान्त एडीसी ने कहा कि ऐसे केसों में पीड़ितों को समय पर आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाएं। उन्होंने निर्देश दिये कि कमेटी की अगली बैठक में शिकायतकर्ता को भी बुलाया जाए। एडीसी ने इस दौरान बैठक में उपस्थित कमेटी के सदस्यों से भी सुझाव मांगे।

एडीसी ने कहा कि इस एक्ट का उद्देश्य पीड़ित वर्ग को ना केवल कानूनी सहायता उपलब्ध करवाना है बल्कि उनकी आर्थिक मदद करना है। उन्होंने बैठक में उपस्थित पुलिस के अधिकारियों से कहा कि इस एक्ट की प्रभावी ढंग से पालना के लिए जरूरी है कि थाने में मामला दर्ज होते ही इसकी सूचना जल्द से जल्द संबंधित विभाग तक पहुंच जाए ताकि पीड़ित व्यक्ति की नियमानुसार सहायता की जा सके। साथ ही आगामी बैठक में पुलिस विभाग के अधिकारी एफआईआर की कॉपी व संबंधित केस में चार्जशीट किस तारीख को दाखिल की गयी है इसकी विस्तृत रिपोर्ट साथ लेकर आएं।

बैठक में जिला कल्याण अधिकारी जगदेव ने बताया कि इस स्कीम के तहत अनुसूचित जाति के पीड़ित व्यक्तियों को उनकी क्षतिपूर्ति के लिए कल्याण विभाग द्वारा 85 हजार से लेकर 8 लाख 25 हजार रुपये तक आर्थिक सहायता के रूप में दिए जाने का प्रावधान है। इस तिमाही में कुल 12 मामले प्राप्त हुए थे। जिसमें से 08 मामलों में पीड़ितों को 7 लाख 87 हजार 500 रुपये आर्थिक सहायता के रूप में उनके खाते में जमा करवाए गए है।

बैठक में पुलिस विभाग, जिला कल्याण विभाग के अधिकारी सहित अन्य गैर – सरकारी सदस्य उपस्थित रहे।

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