योग – स्वस्थ शरीर, वृक्षारोपण – स्वस्थ वातावरण के लिए अति आवश्यक : बोधराज सीकरी
ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए हम सबको वृक्षारोपण करने की जरूरत : बोधराज सीकरी

गुरुग्राम। ओ३म् योग संस्थान ट्रस्ट शाखा गुरुग्राम, पंजाबी बिरादरी महा संगठन गुरुग्राम, जी.ए.वी स्कूल समूह तथा दैनिक जागरण के संयुक्त तत्वावधान में जीवीए इंटरनेशनल स्कूल सेक्टर 7 एक्सटेंशन गुरुग्राम के प्रांगण में आयोजित निःशुल्क संगीतमय योग एवं ध्यान साधना शिविर में आज वर्षा के बावजूद योग साधकों की सराहनीय उपस्थिति योग के महत्व को दर्शाती है। शिविर की शुरूआत योगीराज ओमप्रकाश महाराज ने परमात्मा के निज मुख्य और सर्वश्रेष्ठ नाम “ओ३म्” के उच्चारण के साथ की। वर्षा के कारण मंच पर ही श्रद्धेय योगीराज ने आए हुए सभी योग साधकों का उत्साहवर्धन करते हुए संगीत की धुनों के साथ पहले अनुलोम विलोम प्राणायाम शीतली, सीत्कारी, उज्जायी एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास कराया। स्वरचित गीत के साथ उन्होंने कपालभाति, अग्निसार क्रिया का अभ्यास भी करवाया। मंच पर ही सभी साधकों को बैठा कर ध्यान की विशेष क्रिया प्राण साधना का अभ्यास कराया। यह सभी के लिए एक नया अभ्यास था। योगीराज महाराज ने बताया कि इस साधना से शरीर के विकार जहां खत्म होते हैं, वही मन के विकार भी दग्ध बीज होकर आत्मा उन्नत हो जाती है। अतः आत्मा के विकास के लिए ध्यान साधना जितनी जरूरी है उतना ही मन को निर्मल करने के लिए चित्त एवं प्राण साधना की भी आवश्यकता है।

योगीराज महाराज ने कहा कि ध्यान साधना योग का एक महत्वपूर्ण अंग है जिसके द्वारा हम अपने तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ रख सकते हैं और उच्च रक्तचाप व हृदय रोगों से छुटकारा पा सकते हैं।

शिविर की मुख्य अतिथि श्रीमति कला रामचन्द्रन (पुलिस कमिश्नर, गुरुग्राम) का स्वागत पंजाबी बिरादरी महा संगठन के प्रधान माननीय बोधराज सीकरी, रमेश मुंजाल, ओ पी कालरा जी, सुरेंद्र खुल्लर, यदुवंश चुग, एम के कुमार, रामलाल ग्रोवर, अनिल कुमार , रमेश कुमार, ज्योत्सना बजाज, ज्योति वर्मा, रचना बजाज, राजपाल आहूजा, प्रमोद सलूजा, धर्मेंद्र बजाज, संजय, सुभाष गाबा जी, किशोरी लाल डुडेजा, नरेश चावला, रमेश कामरा, ओ पी कालरा, रवि मनोचा, अशोक नासा, चन्द्रप्रकाश, धर्मपाल कटारिया, राजेश आर्य, मधु आर्य, सुषमा आर्य, मीनाक्षी मुंजाल और अन्य ने पुष्प गुच्छ, पौधा, शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट करके किया।

दीप प्रज्वलन के बाद बोधराज सीकरी ने पर्यावरण के महत्व पर आध्यात्मिक दृष्टि कौन से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि संपूर्ण विश्व आज ग्लोबल वार्मिंग से जूझ रहा है। इससे बचने के लिए हम सबको अधिक से अधिक मात्रा में वृक्षारोपण करने की जरूरत है। जिससे एक तरफ जहां ग्लोबल वार्मिंग से छुटकारा मिलेगा वहीं वर्षा समय पर व सही मात्रा में होने से भूजल का स्तर भी ठीक बना रहेगा।

मुख्य अतिथि श्रीमती कला रामचंद्रन महोदया ने कहा कि बरसात में भी लोगों का योग करने के लिए आना उनका योग के प्रति समर्पण भाव को दिखाता है उन्होंने कहा यदि हम समर्पित भाव से कर्म करने का प्रयास करते हैं तो निश्चित ही हमें उसमें सफलता मिलती है। उन्होंने विष्णु सहस्त्रनाम के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए बताया यदि हम अपने कर्मों को ईश्वर के प्रति समर्पण भाव से करें तो हम किसी भी हाल में बुरे व गलत कर्म नहीं करेंगे और बुराई व अपराध बोध से छूट जाएंगे।

विशिष्ट अतिथि श्री गिरिराज (ध्यानचंद अवॉर्डी) डिप्टी डायरेक्टर युवा मामले एवं खेल विभाग, गुरुग्राम, हरियाणा सरकार का भी शॉल ओढ़ाकर व पुष्पगुच्छ भेंट करके स्वागत किया गया।

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