भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन हरियाणा सम्बन्धित एआईयूटीयूसी व स्कीम वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के बैनर तले शुक्रवार को जिला के आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर्स ने लघु सचिवालय पार्क नारनौल में राज्य प्रधान कृष्णा देवी की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। मीटिंग पश्चात लघु सचिवालय नारनौल में जोरदार विरोध प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला उपायुक्त कार्यालय के डिप्टी सुपरिटेंडेंट को सौंपा।

धरने को सम्बोधित करते हुए आंगनवाड़ी यूनियन की राज्य प्रधान कृष्णा देवी ने कहा कि हरियाणा प्रदेश की हम आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाएं इस ज्ञापन के माध्यम से आपको पुनः स्मरण कराना चाहती है कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2022 में आंगनवाड़ी कर्मियों के आन्दोलन में जिन मांगों को माना था, उनमें से अधिकांश को लागू नहीं किया है।

हड़ताल के दौर के वेतन में मात्र 100 रुपए कटौती की बात सरकार की ओर से बड़े अधिकारियों ने की थी। परन्तु चार महीने के मेहनताने में जोर जबरदस्ती 75 प्रतिशत की कटौती कर ली गई। साथ ही, आंगनवाड़ी कर्मियों पर विभिन्न तरीकों से काम का बोझ बढ़ाया जा रहा है। मानदेय समय पर नहीं मिलता। नतीजतन, आंगनवाड़ी कर्मियों को आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। आंगनवाड़ी केन्द्रों का किराया कई महीने से नहीं दिया जा रहा है। गैस सिलेंडर कार्यकर्ताओं को अपनी जेब से भरवाने पड़ते हैं। क्या सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से भी गरीब है।

उन्होंने अत्यन्त आश्चर्य व विक्षोभ के साथ कहा कि वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री की घोषणा पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को 1,500 रुपये और सहायिका को 750 रुपए महीना की बढोतरी की रकम का हरियाणा सरकार ने आजतक भुगतान नहीं किया है। आंगनवाड़ी कर्मियों के प्रति सरकार का यह रवैया बहुत ही उदासीन और बेपरवाह है। इन से सभी में बहुत भारी रोष है।
राज्य प्रधान ने कहा कि बहुत से सेन्टरों में नए कर्मियों की नियुक्ति नहीं की जा रही है, उनका काम भी दूसरी कार्यकर्ता व सहायिका को करना पड़ रहा है। यह भी आपकी जानकारी में लाना चाहती हैं कि ऑनलाइन काम का दबाव डाला जा रहा है जबकि घोषणा के अनुरूप मोबाइल फोन दिए नहीं गए हैं, ना ही उनका पैसा दिया गया है। ऐसी स्थिति में वर्कर और हेल्पर में असंतोष बढ़ रहा है।

ज्ञापन के माध्यम से निम्नलिखित मांगें पुनः प्रस्तुत कर इनका शीघ्र अति शीघ्र समाधान चाहती हैं। टर्मिनेशन के दौरान का पूरा मानदेय दिया जाए। आन्दोलन के दौरान की मानदेय राशि में की गई 75% कटौती का भुगतान किया जाए, महंगाई सूचकांक को मानदेय के साथ जोड़ा जाए, प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2018 में मानदेय में की गई बढ़ोतरी का बकाया समेत भुगतान किया जाए, आंगनवाड़ी कर्मियों से विभाग से बाहर के काम न लिए जाएं, जब तक मोबाइल फोन या इसके लिए पैसे और उचित ट्रेनिंग उपलब्ध न कराई जाये, तब तक ऑनलाइन काम का दबाव न डाला जाए। उम्र दराज कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन रिपोर्ट देने के लिए बिल्कुल बाध्य ना किया जाए, गैस सिलेंडर का पूरा पैसा दिया जाए या विभाग भरवा करके दे, आंगनवाड़ी सेंटरों के बकाया किराए का शीघ्र भुगतान किया जाए, सैंटरो में राशन समय पर पूरा दिया जाए,पिछले 3 साल की वर्दी के बकाया पैसे दिये जाएं, हरियाणा में आंगनवाड़ी केंद्रों में सभी खाली पदों को शीघ्र भरा जाए, पौषाहार मौसम के हिसाब से दिया जाए, गर्मी में बाजरा नहीं दिया जाए तथा प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के फार्म आफ लाइन किए जाएं, आन लाइन कार्य विभाग के डाटा ओपरटर से करवाया जाए ।

आज के धरने को एआईयूटीयूसी जिला प्रधान मास्टर सुबे सिंह, कामरेड ओमप्रकाश, बलजीत, कृष्णा कुमारी, सावित्री,कमलेश, सविता, प्रेमलता,ममता, छाजूराम रावत, मुकेश कुमार ने सम्बोधित किया। मीटिंग का संचालन जिला सचिव सन्तोष ढिल्लो ने किया। इस अवसर पर सैकड़ों आंगनवाड़ी वर्कर व हेल्पर्स उपस्थित थे।

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