गुरुग्राम, 14 जून। होम्योपैथिक चिकित्सालय दौलताबाद में विश्व रक्तदान दिवस के उपलक्ष में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इसमें होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नितिका शर्मा ने लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया व रक्तदान से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने के लिए जानकारी दी। जैसे रक्तदान से रक्त प्रदाता को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। यह उनके लिए काफी फायदेमंद है। जैसे-इससे शरीर तमाम बीमारियों से बचा रहता है और दिमाग एक्टिव होता है,ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, दिल की सेहत में भी सुधार होता है, वजन कंट्रोल में रहता है और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम होता है। इमोशनल हेल्थ में भी सुधार ये करता है।और सबसे जरूरी कि ब्लड डोनेट करके आप किसी जरूरतमंद की जान बचा सकते हैं। इसके अलावा अगर कुछ समय पहले मलेरिया हुआ था तो 3 महीने तक ब्लड डोनेट न करें। हाल ही में टाइफाइड से ठीक हुए हैं, तो अगले 12 महीने तक ब्लड डोनेट न करें। टीबी पेशेंट को इलाज पूरा होने के बाद 2 साल तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए। कोई बड़ी सर्जरी हुई हो, वो 12 महीने तक और छोटी सर्जरी के बाद 6 महीने तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए। महिलाओं को पीरियड्स के दौरान ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए। अबॉर्शन यानी गर्भपात कराने के बाद 6 महीने तक ब्लड डोनेट नहीं करना चाहिए। बच्चा जब तक मां का दूध पीता है, मां ब्लड डोनेट नहीं कर सकती है रक्तदाता को ऐसी कोई बीमारी नहीं होनी चाहिए, जो ब्लड ट्रांसफ्यूजन से फैल सकती हो। एक्यूट रेस्पिरेटरी बीमारी हैं तब भी ब्लड डोनेशन से बचें। नाइट शिफ्ट करने के दूसरे दिन रक्तदान न करें। शराब या किसी भी तरह का नशा करने के बाद रक्तदान न करें। इस स्वास्थ्य जागरूकता शिविर में लगभग 100 मरीजों ने स्वास्थ्य लाभ लिया व जानकारी हासिल की। Post navigation अपने-पराए के भेद से उठकर समाज की भलाई का कार्य करें लोक सेवक : मनोहर लाल ध्यान रहे रक्त की कमी से किसी का जीवन खतरे में ना पड़े: नवीन गोयल