अशोक कुमार कौशिक

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में किसान सड़कों पर हैं. एक बार फिर प्रदर्शनकारी किसानों ने सोमवार को दिल्ली-चंडीगढ़ हाइवे को जाम कर दिया. हरियाणा के किसान लंबे समय से सूरजमुखी के बीज की एमएसपी पर खरीद की मांग पर कर रहे हैं.

सोमवार को ही इस मांग को लेकर किसानों ने कुरुक्षेत्र में महापंचायत भी की थी. ये महापंचायत भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने NH-44 के पास आयोजित की थी.

इस महापंचायत के बाद किसानों ने हाइवे पर ट्रैक्टर खड़े कर दिए और उसे ब्लॉक कर दिया. पुलिस और प्रशासन देर रात प्रदर्शनकारियों को मनाने में लगे रहे, लेकिन बात नहीं बनी. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक जाम जारी रहेगा.

सोमवार को क्या-क्या हुआ?

सोमवार को बीकेयू (चढ़ूनी) की ओर से ‘एमएसपी दिलाओ, किसान बचाओ’ महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों ने हिस्सा लिया.

इस महापंचायत में किसान नेता करम सिंह मठाना ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने भरोसा दिलाया था कि उनकी मांगों पर चर्चा करने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मीटिंग करवाई जाएगी. लेकिन अब ये कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री करनाल चले गए हैं.

कुरुक्षेत्र के एसएसपी एसएस भोरिया ने सोमवार शाम को बताया कि ब्लॉकेज की वजह से हाइवे पर ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा. चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा.

कुरुक्षेत्र के डीसी शांतनु शर्मा ने न्यूज एजेंसी को देर रात बताया कि किसान अब भी हाइवे पर बैठे हुए हैं. हम उनसे बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वो चाहते हैं कि पहले उनकी मांगें पूरी की जाएं.

लेकिन मांगें क्या हैं?

कुरुक्षेत्र में प्रदर्शन कर रहे किसानों की दो मांगें हैं. पहली मांग ये कि सूरजमुखी के बीज की एमएसपी पर खरीद हो. दूसरी कि गिरफ्तार किए किसान नेताओं को तुरंत रिहा किया जाए.

किसानों का दावा है कि सरकार सूरजमुखी के बीज को एमएसपी पर नहीं खरीद रही है. उनका कहना है कि वो अपनी फसल चार हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से निजी खरीदारों को बेचने पर मजबूर हैं, जबकि सूरजमुखी के बीज पर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी तय है.

प्रदर्शनकारी किसान सूरजमुखी के बीज को भावांतर योजना में शामिल करने का भी विरोध कर रहे हैं. इस योजना के तहत, अगर फसल एमएसपी पर नहीं बिकती है तो सरकार हर एक क्विंटल पर एक हजार रुपये का मुआवजा देगी.

किसानों की रिहाई की मांग क्या?

6 जून को भी बीकेयू (चढ़ूनी) की अगुआई में कुरुक्षेत्र में किसानों ने प्रदर्शन किया था. उस समय भी किसानों ने कई घंटों के लिए NH-44 को ब्लॉक कर दिया था.

किसानों को हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया था. इसके साथ बीकेयू (चढ़ूनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी समेत 9 किसान नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था.

सोमवार को प्रदर्शन कर रहे किसानों ने इन सभी नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग भी की है.

महापंचायत में शामिल हुए किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को सूरजमुखी के बीज को एमएसपी पर खरीदना चाहिए. साथ ही गिरफ्तार किए नेताओं को भी रिहा करना चाहिए.

टिकैत ने महापंचायत से ऐलान किया कि सरकार ने एमएसपी पर कानून का वादा किया था, अगर वो पूरा नहीं होता है तो देशव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा. – अम्बाला से आए किसान भूपिंदर सिंह ने न्यूज एजेंसी से कहा कि सरकार ने किसानों की ताकत को कम आंका है, लेकिन वो गलत हैं और जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक हाइवे से धरना खत्म नहीं होगा.

सूरजमुखी के बीज का गणित

कीमत में गिरावटः एक साल में सूरजमुखी के बीज की कीमत में काफी गिरावट आई है. निजी संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) के मुताबिक, मई 2022 में सूरजमुखी के बीज की कीमत 6,116 रुपये प्रति क्विंटल थी, जो मई 2023 में गिरकर 3,983 रुपये प्रति क्विंटल हो गई.

दूसरा सबसे बड़ा उत्पादकः सबसे ज्यादा सूरजमुखी के बीज का उत्पादन करने के मामले में कर्नाटक के बाद हरियाणा दूसरे नंबर पर हैं. देशभर में सूरजमुखी के बीज का जितना उत्पादन होता है, उसमें से लगभग 11 फीसदी हरियाणा में होता है.

एमएसपी ही तो मांग रहेः किसान सूरजमुखी के बीज की एमएसपी पर खरीद की मांग ही कर रहे हैं. ये एमएसपी केंद्र सरकार की ओर से ही तय की गई है. 2022-23 में सरकार ने सूरजमुखी के बीज पर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी तय की थी. 2023-24 में ये एमएसपी 6,760 रुपये प्रति क्विंटल है. – पैदावार का 2% भी खरीद नहींः आंकड़े बताते हैं कि हर साल देश में सूरजमुखी के बीज की जितनी पैदावार होती है, उसका 2% भी एमएसपी पर नहीं खरीदा जाता. 2021-22 में ही सूरजमुखी के बीज की जितनी पैदावार हुई, उसमें से महज 1.6% की ही एमएसपी पर खरीद हुई.

सरकार का क्या है कहना?

खट्टर सरकार का कहना है कि बाकी राज्यों में किसानों को सूरजमुखी के बीज का जो भाव मिल रहा है, उससे कहीं ज्यादा हरियाणा में दिया जा रहा है.

हरियाणा में 36,414 एकड़ पर सूरजमुखी की खेती होती है. रविवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 8,528 किसानों के खाते में 29.13 करोड़ रुपये का अंतरिम मुआवजा दिया.

सरकार का कहना है कि 12 जून को हरियाणा में सूरजमुखी के बीज का भाव 4,900 रुपये प्रति क्विंटल था. इसके साथ ही सरकार ने भी एक हजार रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मुआवजा दिया है. इस तरह से किसानों को 5,900 रुपये मिल रहे हैं.

हालांकि, किसानों का कहना है कि सरकार सूरजमुखी के बीज को तय 6,400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से एमएसपी पर खरीदे.

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