नीरपुर में पहले अवैध कब्ज़े हटवाने चाहियें और फिर खुली बोली लगानी चाहिए

भारत सारथी/कौशिक

नारनौल । नगर परिषद् नारनौल ने परिषद् में नए शामिल किये गांवों में कृषि योग्य भूमि की बोली के लिए इश्तिहार जारी किया है। जिसके अनुसार 14 जून, बुधवार को नगर परिषद् कार्यालय में 10 बजे खुली बोली पर कृषि भूमि पट्टे पर छोड़ी जाएगी।

गांव नीरपुर के लोगों का कहना है कि परिषद् बिना ज़मीनी हकीकत जाने ही बोली के लिए बार-बार इश्तिहार जारी कर रही है। नीरपुर से सुभाषनगर मार्ग पर परिषद् के दो प्लाट हैं, जिन्हें ग्राम पंचायत ठेके पर छोडती रही है, किन्तु अब दोनों पर ही लोगों ने इंधन और रूड़ी डालकर अवैध कब्ज़ा कर रखा है| ऐसे में इन्हें कोई बोली पर क्यों छुड़वायेगा? लोगों का कहना है कि परिषद् यदि अपनी ज़मीनों से आमदनी के प्रति गंभीर है तो पहले उसे अवैध कब्ज़े हटवाने चाहियें और फिर खुली बोली लगानी चाहिए।

बता दें कि नगर परिषद् में नए शामिल गांवों की कृषि भूमि की एक बार खुली बोली लगाईं जा चुकी है, किन्तु किरारोद अफगान, नसीबपुर, नूनी अव्वल, मीरपुर और कोजिंदा में अब भी कुछ कृषि भूमि बाकी रह गई है, जिसके लिए दोबारा बोली लगाई जानी है।

ग्रामीणों की मांग है कि पहले अवैध कब्ज़ा हटवाकर ज़मीन की पैमाइश करवाई जाए और फिर कृषि भूमि की बोली लगाईं जाए, ताकि ज़रूरतमंद किसान उसका लाभ उठा सकें।

एक साल पहले की छपवा दी बोली की तारीख

नारनौल नगर परिषद् के अधिकारी और कर्मचारी अपने कार्य के प्रति कितने लापरवाह हैं, इसका नमूना आज के समाचार पत्र में परिषद् द्वारा प्रकाशित करवाए गए विज्ञापन को देखकर लगाया जा सकता है| परिषद् ने परिषद् में नए शामिल किये गए गाँवों की कृषि भूमि को ठेके पर देने के लिए आम सूचना प्रकाशित करवाई है। जिसमें पट्टे का वर्ष 2022-23 लिखवाया गया है तथा बोली की तिथि 14 जून, 2022 लिखवाई गई है, जिसे बीते एक वर्ष हो चुका है, हालांकि वार बुधवार सही लिखा है।

इस विज्ञापन पर परिषद् ने हजारों रूपये खर्च किये हैं, किन्तु जिम्मेदारों ने तिथियां देखने की भी जहमत नहीं उठाई और गलत वर्ष प्रकाशित करवा दिए।

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