हरियाणा में दुष्यंत चौटाला से पिंड छुड़ाना चाहती है बीजेपी? निर्दलीयों से आस, क्या हरियाणा में गिर जाएगी खट्टर सरकार? निर्दलीयों को साथ लेकर चलने की योजना, गोपाल कांडा ने भाजपा प्रभारी से की मुलाकात नयनपाल रावत दिल्ली में मिलेंगे, रणजीत की भी होगी बैठक राष्ट्रीय नेता राजद का कुनबा बढ़ाने मे, प्रादेशिक नेता तकरार में अशोक कुमार कौशिक हरियाणा में पिछले करीब साढ़े तीन साल से जजपा के सहयोग से सत्तासीन भाजपा अब अपने लिए नयी संभावनाएं तलाश रही है। सत्तारूढ़ भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार में चल रही रस्साकसी और सियासी बयानबाजी के बीच निर्दलीय विधायकों की ‘वैल्यू’ बढ़ गई है। शुक्रवार शाम हरियाणा के बीजेपी प्रभारी बिप्लब देब जब चंडीगढ़ के सीएम आवास संत कबीर कुटीर पहुंचे तो हरियाणा से लेकर दिल्ली तक सियासी अटकलों का दौर शुरू हो गया। उधर हरियाणा में भाजपा और जजपा गठबंधन को लेकर चल रह बयानबाजी और उठापठक के बीच जननायक जनता पार्टी ने साथ लगते राजस्थान में सक्रियता बढ़ा दी है। हरियाणा की गठबंधन सरकार के बीच खटास की खबरों और पिछले दो तीन दिनों से जारी मेल-मुलाकातों का ये तीसरा राउंड था, जिसने राजनीतिक गलियारों की धड़कनें बढ़ा दीं। संत कबीर कुटीर में शाम 7 बजे शुरू हुई सीएम एमएल खट्टर और प्रदेश प्रभारी बिप्लब देब के बीच करीब तीन घंटे तक बैठक हुई। इस दौरान कृषि मंत्री जेपी दलाल भी मौजूद रहे। इसलिए माना जा रहा कि सूरजमुखी की एमसपी को लेकर चर्चा हुई होगी। लेकिन एक कयास है कि इस बैठक में गठबंधन सरकार को लेकर भी चर्चा हुई होगी। उचाना से उपजी ‘कसक’ से दोनों दलों के रिश्तों में ‘खटास’ महसूस होने लगी है। दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेताओं की ओर से शुरू हुई बयानबाजी ने हरियाणा की राजनीति को गरमा दिया है। जिस तरह के राजनीतिक घटनाक्रम हो रहे हैं, उनसे संकेत भी मिल रहे हैं कि आने वाले कुछ दिनों में हरियाणा की राजनीति में बड़ा ‘धमाका’ हो सकता है। बेशक, निर्दलीय विधायकों का समर्थन पहले दिन से भाजपा के साथ है, लेकिन अब जिस तरह से निर्दलीयों के साथ भाजपा ने ‘प्रेम’ बढ़ाना शुरू किया है, उससे नये राजनीतिक समीकरणों के संकेत साफ दिख रहे हैं। अगर यह कहा जाए कि भाजपा अब अपनी आगे की राह निर्दलीयों के सहारे पूरी करने की योजना बना रही है तो इसमें अतिश्योक्ति नहीं होगी। दूसरी ओर, गठबंधन सहयोगी जजपा भी इस मुद्दे पर ‘मौन’ रहने की बजाय मुखर होकर पलटवार कर रही है। बृहस्पतिवार को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देव ने 4 निर्दलीय विधायकों सोमबीर सांगवान, राकेश दौलताबाद, धर्मपाल गोंदर और रणधीर सिंह गोलन से नयी दिल्ली में मुलाकात की थी। शुक्रवार को सुबह सिरसा से हलोपा विधायक व पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने भी प्रभारी के साथ मुलाकात कर लंबी गुफ्तगू की। निर्दलीय विधायक नयनपाल रावत को भी शुक्रवार की रात देव से मुलाकात करनी थी, लेकिन बिप्लब कुमार देव अचानक चंडीगढ़ पहुंच गए। चंडीगढ़ एयरपोर्ट से वे सीधे यहां मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचे। सीएम के साथ उनकी लंबा मंत्रणा हुई। सीएम और प्रदेश प्रभारी के बीच हुई इस बातचीत को सीधे तौर पर गठबंधन को लेकर चल रही उठापठक से ही जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश प्रभारी से रानियां से निर्दलीय विधायक तथा बिजली एवं जेल मंत्री चौ़ रणजीत सिंह को भी बातचीत के लिए बुलाया है। बीजेपी के हरियाणा प्रभारी बिपल्ब कुमार देव से मुलाकात के बाद कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला का बयान आया है । उन्होंने कहा है कि बीजेपी के प्रभारी के साथ ब्रेकफास्ट पर चर्चा हुई है। चर्चा के दौरान 2024 के चुनाव और सरकार कैसी है इस पर बातचीत हुई है। राजनीतिक विषय पर चर्चा हुई है आगामी चुनाव की रणनीति पर भी बातचीत हुई है रणजीत सिंह चौटाला ने कहा कि प्रभारी के साथ एक सरकार के एसेसमेंट को लेकर भी बातचीत हुई । विप्लव कुमार देव अनुभवी नेता है उन्होंने अपना एसेसमेंट दिया मैनें अपना असेसमेंट रखा है। सरकार के साथ मैंने अपना अनुभव उनके साथ साझा किया है। मैं निर्दलीय विधायक के तौर पर सरकार के साथ हूं मुझसे मेरी परफॉर्मेंस और सरकार के कामकाज को लेकर चर्चा हुई। मेरे और बीजेपी के बीच के सामंजस्य को लेकर बातचीत हुई है तथा आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई है। गठबंधन के सवाल पर रणजीत सिंह चौटाला का बयान उन्होंने कहा कि गठबंधन पर मैं कुछ टिप्पणी नहीं कर सकता।मैंने कहा है गठबंधन को लेकर फैसला दिल्ली ने करना है लेकिन हरियाणा में गठबंधन में साढ़े तीन साल से सरकार अच्छी चल रही है। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू के साथ अब तक बात नहीं होने की सूचना है। भाजपा से जुड़े अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि निर्दलीयों के सहारे सरकार चलाने की स्थिति अगर बनती है तो उस सूरत में भाजपा कुंडू को भी साथ लेकर चलने की कोशिश करेगी। बेशक, बहुमत का आंकड़ा भाजपा ने 6 निर्दलीयों व गोपाल कांडा के सहारे पहले ही जुटाया हुआ है। फिर भी पार्टी की यह कोशिश रहेगी कि सभी 7 निर्दलीय सरकार के साथ नजर आएं। बेशक, अधिकांश निर्दलीय विधायकों को सरकार ने बोर्ड-निगमों की चेयरमैनी देकर एडजस्ट भी किया हुआ था। अब अधिकांश का कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसी भी सूचना है कि उनके कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाया गया है। पिछले सप्ताहभर से गठबंधन को लेकर चल रही ‘सियासी जंग’ के बीच निर्दलीय विधायकों ने भी खुलकर अपने मन की बात कहनी शुरू कर दी है। भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी चार निर्दलीय विधायकों व सिरसा से हलोपा विधायक गोपाल कांडा से मुलाकात कर चुके हैं। उनकी इन मुलाकातों को सामान्य नहीं माना जा सकता। बताते हैं कि अधिकांश निर्दलीय विधायकों ने प्रदेश प्रभारी के सामने बातचीत में स्पष्ट कहा है कि वे सरकार के साथ समर्थन आगे भी ऐसे ही जारी रखेंगे। बशर्ते अब भाजपा को जजपा के साथ गठबंधन तोड़ देना चाहिए। बंद कमरे में हुई इस बातचीत के बाद दो विधायकों ने तो सार्वजनिक तौर पर कह दिया है कि गठबंधन टूटना चाहिए। दुष्यंत ने किया पलटवार डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने गठबंधन को लेकर चल रही बयानबाजी पर एक बार फिर पलटवार किया है। भाजपा प्रभारी बिप्लब कुमार देव ने बयान दिया था कि जजपा ने समर्थन देकर कोई अहसान नहीं किया है। बदले में हमने सरकार में साझेदार बनाया है और जजपा के मंत्री बनाए हैं। इसके जवाब में दुष्यंत ने कहा कि किसी का किसी पर कोई अहसान नहीं है। दोनों दलों में सरकार बनाने को लेकर अमित शाह के घर पर बातचीत हुई थी। निर्दलीय विधायकों के साथ भाजपा प्रभारी द्वारा की जा रही बैठकों पर दुष्यंत ने कोई टिप्पणी नहीं की। एक-दूसरे पर टिप्पणी बड़ी बात नहीं : गजेंद्र शेखावत भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देव और केंद्रीय मंत्री संजीय बाल्याण के बयानों से उलट केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गठबंधन को लेकर नया बयान दे दिया है। सिरसा में मीडिया ने जब भाजपा-जजपा गठबंधन के बीच प्रेम कम होने को लेकर उनसे सवाल किया तो शेखावत ने कहा, ‘गठबंधन को लेकर न तो प्रेम कम हुआ और न ही स्थिति असहज है। जिस जगह में स्वस्थ एवं पारिवारिक परंपरा हो, वहां एक-दूसरे के बारे में टिप्पणी करना कोई बड़ा विषय नहीं है। भाजपा बड़े दिल के साथ 55 साल तक अकाली दल के साथ गठबंधन का धर्म निभा सकती है तो ये विषय चर्चा के लिए हो ही नहीं सकता।’ बबली द्वारा मोदी की तारीफ के मायने भाजपा-जजपा गठबंधन में चल रही बयानबाजी के बीच जजपा कोटे से विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने खुलकर मोदी सरकार की तारीफ की है। केंद्र सरकार द्वारा धान सहित खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की गई बढ़ोतरी को उन्होंने ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि यह अब तक की सबसे अधिक बढ़ोतरी करने वाला फैसला है। बबली ने कहा कि फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों के आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी और वे और आत्मनिर्भर और समृद्ध बनेगें। उन्होंने कहा कि धान (सामान्य) के न्यूनतम समर्थन मूल्य 2040 रुपये प्रति क्विंटल में 143 रुपये की बढ़ोतरी कर 2183 रुपये प्रति क्विंटल किया है। इसके अलावा, मूंग, मूंगफली, सूरजमुखी, सोयाबीन, कपास, बाजरा, रागी, मक्का, अरहर, तिल, ज्वार का एमएसपी बढ़ाया गया है। हरियाणा की सियासी अटकलबाजियां बैठक हुई, चर्चा चली और सियासी अटकलबाजियां शुरू हुईं तो जेजेपी नेता और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी खुलकर बोले । मीडिया के सवालों पर सवाल किया। उन्होंने कहा कि मिलना-जुलना कोई अपराध है क्या? हमने कौन समर्थन छोड़ा है? बता दें कि कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज की रही। उन्होंने कहा कि बिप्लब देब हमेशा मिलते रहते हैं। वे निर्दलीय विधायकों से भी मिलते हैं। सबसे मुलाकात करते हैं। दुष्यंत चौटाला के बयान से अटकलें तेज अटकलों का क्या है वो तो समय-समय पर किसी भी गठबंधन सरकारों का हिस्सा रही हैं। हालांकि, दुष्यंत चौटाला के एक और बयान ने ही अटकलों को तेज किया। जिसमें उन्होंने कहा था कि गठबंधन सरकार बनाकर कोई भी एक-दूसरे पर अहसान नहीं किया है। अमित शाह के नेतृत्व में दोनों दल साथ थे , नहीं थी कोई विवशता । हालांकि, दुष्यंत चौटाला को लगता है कि फिलहाल गठबंधन सरकार में कोई दरार नहीं है। वैसे तो गठबंधन सरकार को लेकर बयानबाजियां पिछले कई दिनों से जारी है। लेकिन इसको तब और बल मिल गया जब बीजेपी प्रदेश प्रभारी शुक्रवार को निर्दलीय विधायक गोपाल कांडा से मिले और इससे एक दिन पहले 4 निर्दलीय विधायकों से दिल्ली में मुलाकात की। बीजेपी जेजेपी गठबंधन में मतभेद? हरियाणा में बीजेपी जेजेपी गठबंधन की सरकार में मतभेद सामने आ चुके हैं। अब बीजेपी को गठबंधन तोड़ देना चाहिए क्योंकि सभी निर्दलीय विधायक सरकार के साथ हैं। अब बिना गठबंधन से बीजेपी को फायदा होगा। इन विधायकों में रामपाल गोंदर, राकेश दौलताबाद, रणधीर सिंह और सोमवीर सांगवान शामिल रहे। निर्दलीय विधायकों से घटती दूरी ने ही इस चर्चा को हवा दे दी है कि बीजेपी अंदरखाने सब कुछ सेट कर लेना चाहती है। हरियाणा में बहुमत का गणित दरअसल, हरियाणा विधानसभा की मौजूदा स्थिति का आकलन करें तो तस्वीरें कुछ इस तरह नजर आती है. विधानसभा में फिलहाल बीजेपी के 41 विधायक है जबकि सहयोगी पार्टी जेजेपी के 10 और हरियाणा लोकहित पार्टी के गोपालकांडा एकमात्र विधायक हैं। इसी तरह कांग्रेस के 30 विधायक, आईएनएलडी के 1 और निर्दलीय 7 विधायक हैं। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। इस तरह से बहुमत के लिए 46 सीटें चाहिए। लेकिन राहत की बात ये है कि बीजेपी और जेजेपी दोनों ने ही साफ कर दिया है कि फिलहाल गठबंधन सरकार चलती रहेगी। वैसे राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह एनडीए के कुनबे को फिर से बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है उसको देखकर यह कहा जा सकता है कि अभी गठबंधन नहीं टूटने वाला क्योंकि दोनों दलों को एक दूसरे की जरूरत है। चुनाव में यह गठबंधन सीटों के बंटवारे को लेकर रहेगा या नहीं यह देखने के लिए चुनावों का इंतजार करना होगा। आत्मविश्वास से भरी जजपा की राजस्थान में तैयारी इसी बीच जजपा राजस्थान में एक दर्जन से अधिक विधानसभा सीटों पर खुद के लिए माहौल तैयार करने में जुटी है। जजपा नवंबर में होने वाले राजस्थान विधानसभा के चुनाव लड़ने की इच्छुक है। जजपा के वरिष्ठ नेता इसकी घोषणा भी कर चुके हैं। हालांकि जजपा सुप्रीमो और पूर्व सांसद डॉ़ अजय सिंह चौटाला तो यहां तक कह चुके हैं कि राजस्थान में भी जजपा, भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। वहीं हरियाणा में हालात उलट से नज़र आ रहे हैं। इस बीच, जजपा प्रधान महासचिव दिग्विजय सिंह चौटाला ने राजस्थान में जनसंपर्क अभियान शुरू कर दिया है। शुक्रवार को उन्होंने जयपुर से लेकर सालासर तक जनसंपर्क अभियान किया। इस दौरान राजस्थान यूनिट के नेता भी उनके साथ मौजूद रहे। दिग्विजय ने कहा, राजस्थान में जजपा वैकल्पिक तौर पर नहीं बल्कि प्रदेश की जनता के हित में एक मजबूत ताकत बनेगी। हमारा प्रयास है कि राजस्थान के लोगों की सेवा के लिए किसान परिवार से एक बेहतर मुख्यमंत्री मिले और इसके लिए जेजेपी प्रदेश में ऐसी परिस्थितियां बना देगी कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा किसान को घोषित करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान में जेजेपी मजबूत संगठन बना रही है और निरंतर पार्टी के साथ राजनीति से जुड़े मजबूत लोग और मेहनती कार्यकर्ता जुड़ रहे है। उन्होंने कहा कि पार्टी द्वारा संगठन निर्माण का सिलसिला जारी और मजबूत साथियों को अहम जिम्मेदारियां दी जा रही है। दिग्विजय ने कहा कि जेजेपी यहां चुनाव लड़ेगी और इसकी तैयारियां निरंतर जारी है। दिग्विजय चौटाला ने कहा कि इस बार छात्र संघ चुनाव में भी जेजेपी की छात्र इकाई इनसो ने राजस्थान में अच्छा प्रदर्शन किया था और आगामी छात्र संघ चुनाव में भी ज्यादातर विश्वविद्यालयों और कालेजों में इनसो के प्रत्याशी उतारे जाएंगे। दिग्विजय ने यह भी कहा कि हमारा राजस्थान से पुराना नाता है। उन्होंने कहा कि उनके परदादा जननायक चौधरी देवीलाल ने अपनी राजनीति की सबसे ऊंची उड़ान सीकर से सांसद बनकर भरी थी क्योंकि वे उस समय देश के उपप्रधानमंत्री बने थे। इसी तरह उनके पिता डॉ़ अजय सिंह चौटाला दातारामगढ़ और नोहर विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। उन्होंने कहा, राजस्थान के साथ हमारा सदैव विशेष लगाव रहा है और प्रदेश की जनता ने भी सदा हमें स्नेह दिया है। Post navigation हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की अध्यक्षता में हिसार में जिला लोक संपर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक आयोजित गठबंधन है और रहेगा, कोई दिक्कत नहीं है- मुख्यमंत्री