-एडीसी ने कहा, औद्योगिक प्रतिष्ठान अपरेंटिस एक्ट के तहत अपने यहां निर्धारित संख्या में अप्रेंटिसशिप रखना सुनिश्चित करें

गुरुग्राम, 08 जून। एडीसी हितेश कुमार मीणा ने निर्देश दिये कि जिला के औद्योगिक प्रतिष्ठान अपरेंटिस एक्ट 1961 की अनुपालना करते हुए अपने कुल कर्मचारियों कि संख्या का ढाई से पन्द्रह प्रतिशत तक आईटीआई पास विद्यार्थियों को अप्रेंटिसशिप रखना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि इस पूरी प्रक्रिया में प्रतिष्ठानों को यदि कोई असुविधा होती है तो जिला प्रशासन द्वारा उसका प्रमुखता से निवारण किया जाएगा। एडीसी आज विकास सदन स्थित मीटिंग हॉल में आयोजित जिला अप्रेंटिशिप आत्मनिर्भर कमेटी की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में जिला के विभिन्न औद्योगिक प्रतिष्ठानों के 35 प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

एडीसी मीणा ने बैठक में कहा कि आईटीआई युवाओं को निजी क्षेत्रों में अधिक से अधिक रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिये उद्योगों की मांग के अनुरूप नये कोर्स तैयार किये जाये। इसके अलावा ओद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में प्रतिष्ठित उद्योगपतियों द्वारा लेक्चर का आयोजन किया जाये ताकि युवाओं को सरकारी विभागों के साथ साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार के लिये प्रेरित किया जा सके। उन्होंने आईटीआई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे ओद्यौगिक संस्थानों के साथ बैठक कर आधुनिक तकनीक को देखते हुये उद्योगों की मांग के अनुरूप नये कोर्स शुरू करने की संभावनायें तलाशे। उन्होंने कहा कि आज सरकारी के साथ साथ निजी क्षेत्र में भी रोजगार की अपार संभावनाएं है और अपने कौशल के दम पर युवा निजी कंपनियों में कार्य कर बेहतर सैलरी प्राप्त कर सकते है।

एडीसी ने कहा कि युवाओं का निजी क्षेत्र की ओर रूझान बढ़ाने के लिये आईटीआईज द्वारा युवाओं को विभिन्न ओद्योगिक संस्थानों में दौरा करवाया जाए ताकि वे जान सके कि ओद्योगिक क्षेत्र में उनके लिये रोजगार की क्या क्या संभावनाएं हैं । उन्होंने कहा कि इससे युवाओं का मनोबल भी बढ़ेगा और वे पढ़ाई के साथ साथ उद्योगों की कार्य प्रणाली को भी बारीकी से जान सकेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि कक्षाओं में विद्यार्थियों को अपनी ट्रेड के साथ साथ अन्य तकनीकी ज्ञान भी दिया जाए ताकि वे ओद्यौगिक संस्थानों की मांग को पूरा कर सके।

इस दौरान राजकीय आई.टी.आई. गुरुग्राम के प्रधानाचार्य जयदीप सिंह कादियान द्वारा इस स्कीम की प्रमोशन के लिए तैयार की गई पीपीटी द्वारा गतिविधियों को विस्तार से समझाया और प्रतिष्ठानों की शंकाओं का समाधान भी किया गया।

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