भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक

गुरुग्राम। विश्व में हरियाणा की पहचान बनाने वाला गुरुग्राम सफाई व्यवस्था में वर्तमान में बदहाल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबसे पहला अभियान था स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत। और हरियाणा में सबसे अधिक राजस्व देने वाला जिले गुरुग्राम में इस अभियान को पलीता लगा रहा है। कारण क्या, शायद यह जानने का प्रयास भी नहीं कर रहे मोदी के अनुयायी।

सफाईकर्मी लंबे समय से हड़ताल पर चल रहे हैं और वर्तमान में तो सफाई की स्थिति गुरुग्राम में बहुत दयनीय हो गई है। सफाई के लिए धारा 144 लगानी पड़ रही है और यह स्थिति तब है जब मुख्यमंत्री के अति विश्वसनीय ओएसडी जवाहर यादव यहीं निवास करते हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का भी निवास यहीं हैं। गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला या निगम क्षेत्र में आने वाले बादशाहपुर के विधायक राकेश दौलताबाद का भी कोई ब्यान नहीं है। इसी प्रकार गुरुग्राम में निवास कर रहे भाजपा पर्यावरण सचिव का भी इस विषय पर कोई कथन नहीं सामने आया है, जबकि पर्यावरण को शायद सबसे अधिक नुकसान गंदगी पहुंचाती है।

अब सफाईकर्मी निगम में आते हैं तो निकाय मंत्री कमल गुप्ता का भी कोई ब्यान नहीं आया है, जबकि वह गुरुग्राम के निगम चुनाव के प्रभारी भी हैं। इसी प्रकार गुरुग्राम की कष्ट निवारण समिति के चेयरमैन मंत्री जेपी दलाल का भी इस बारे में कोई ब्यान नहीं आया है। अभी तो हम बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार करने वाले शासन में हिस्सेदार और उनके भक्तों का। 

अब हम बात करेंगे मुख्यमंत्री विपक्षी दल होने का दावा करने वाली पार्टी कांग्रेस की तो उनकी तरफ से भी कहीं इस बारे में कोई ब्यान नहीं आया है, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा में कांग्रेस की बागडोर संभाल रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा आजकल वाल्मीकि समाज से लगातार मिल उनके हितैषी होने का दावा कर रहे हैं।

इसी प्रकार आप पार्टी के किसी नेता का भी इस बारे में कोई कार्य तो छोड़ो ब्यान भी नहीं आया है। जजपा तो भाजपा का सहयोगी दल है। अत: वह भाजपा की कमी क्यों बताएगी लेकिन सफाई की जिम्मेदारी तो प्रत्येक व्यक्ति की है। 

स्वच्छ भारत-स्वस्थ भारत अभियान को पूरा करने की नैतिक जिम्मेदारी सभी राजनैतिक दलों और जनता की है लेकिन कहीं कोई जिम्मेदारी से कार्य करता नजर आ नहीं रहा। 

जिस समय गुरुग्राम स्वच्छ था, उस समय अनेक नेता झाडू लेकर सफाई कराते हुए तस्वीरें खिंचवाकर मीडिया में लगवाते रहते थे परंतु आज जब वास्तव में आवश्यकता है तो न तो भूतपूर्व मेयर टीम, न कोई पार्षद, न कोई विधायक, न कोई सत्ता पक्ष का नेता सफाई की ओर उस प्रकार अग्रसर होता नजर आ नहीं रहा। तो क्या यह समझें कि वे जो तस्वीरें खिंचवाते थे वह केवल अपने प्रचार के लिए थीं? या सफाई की तरफ भी उनका ध्यान था? यदि ध्यान था तो अब वह कहां है?

हम तो यही कहना चाहते हैं कि गंदगी गुरुग्राम के माथे पर कलंक तो है ही लेकिन गुरुग्राम के सभी निवासियों की सेहत के ऊपर भी संकट है। ऐसी स्थिति में सबसे अधिक जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की बनती है कि इसका हल शीघ्र से शीघ्र निकाला जाए।

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