टूटी सड़के , गहरे गड्ढे , स्ट्रीट लाइट के अभाव में लोगों का जीना हुआ मुहाल 
लोगों में स्थानीय विधायक मंत्री के खिलाफ पनप रहा है रोष , बजट के अभाव से शहर की छोटी सरकार हुई विवश

भारत सारथी कौशिक 

नारनौल। महेंद्रगढ़ रोड़ स्थित हाउसिंग बोर्ड कालोनी के लोग मूलभूत सुविधाओं के अभाव से नरकीय जीवन जीने पर विवश हैं , लेकिन यहां के लोगों की व्यथा सुनने वाला कोई नहीं है। विगत सात दिनों से लगातार दिन रात धरने पर बैठे स्थानीय लोगों को इस बात का मलाल है कि शहर की छोटी सरकार कहती है कि इसके पास बजट नहीं है और प्रदेश सरकार सबका साथ सबका विकास का नारा देते लोगों को अंधेरे में जीवन यापन करने पर विवश कर रही है । हालात यह बन चुके हैं कि यहां वार्ड पार्षद के घर के सामने ही सड़क की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि यहां से गुजरने वाले को खुद शहर के विकास की असल परिभाषा का अहसास होते तनिक भी समय नहीं लगता।

मालूम हो कि नारनौल शहर की सबसे पुरानी सरकारी आवासीय परियोजना के रूप में विकसित की है इस कालोनी को बने दशकों वर्ष हो चुके और बसासत के हिसाब से यह कालोनी अब हुड्डा सेक्टर के बाद दूसरे पायदान में शुमार रखती है। शहर की नामी हस्तियां यहां निवास करती हैं , लेकिन कालोनी के हालात यह बने हैं कि यहां आने वाला यही सोचेगा कि यदि शहर का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है तो वह हाउसिंग बोर्ड कालोनी ही है । यहां की अधिकांश सड़के इतनी जर्जर हो गई हैं कि बरसात में तालाब के हालात बन जाते हैं । सफाई व्यवस्था का यहां मानो जनाजा ही निकल चुका है। स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था यहां नदारद है । शहर के नवीनकरण के नाम पर यहां गड्ढों की खुदाई कर छोड़ दिया जाता है , लेकिन इन गड्ढों को लेवलिंग करने की जेहमत नहीं उठाई जाती।

इन हालातों से  परेशान यहां के लोगों ने अनेकों बार नगर परिषद , मंत्री और उच्च अधिकारियों की चौखट पर गुहार लगाई , लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात वाला रहा , कोई सुनवाई नहीं हुई। हार कर कालोनी निवासियों ने यहां अनिश्चित कालीन धरना देने का निर्णय लिया, परिणामस्वरूप कालोनीवासियों का धरना आज सातवें दिन भी बदस्तूर जारी है। अफसोस यह है कि धरने को सातवां दिन है , लेकिन अभी तक प्रशासन या कोई सरकार का चुनींदा प्रतिनिधि यहां लोगों की समस्या के समाधान को लेकर मुलाकत के लिए नहीं आया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि वैसे तो प्रदेश सरकार सबका विकास सबका साथ का नारा देते नहीं हिचकिचाती, वहीं दूसरी तरफ शहर की नामी सरकारी कालोनी के लोग अपनी जायज मांग को लेकर अनिश्चित कालीन धरना देने पर विवश है। स्थानीय लोगों की दलील है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होंगी , तब तक यह धरना । मौसमी आपदाओं का सामना करते यथावत जारी रहेगा ।

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