गुरूग्राम, 17 मई।  आज आयुष विभाग के द्वारा सब सेंटर कार्टरपुरी में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस के उपलक्ष में आयुष चिकित्सा एवं जानकारी शिविर का आयोजन किया गया।

इसमें होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नितिका शर्मा ने मरीजों से बात करते हुए रक्तचाप की संपूर्ण जानकारी दी कि उच्च रक्तचाप क्या है,क्यों होता है और किस तरह से बचा जा सकता है।

उच्च रक्तचाप
सामान्यतः रक्तचाप की सामान्य स्थिति 120/80 एमएमएचजी माना जाता है लेकिन यह निम्नलिखित कारकों पर आधारित होता है।
अगर रक्तचाप 150/90 एमएमएचजी से ज्यादा हो जाए तो उस स्थिति को उच्च रक्तचाप कहते है।

उम्र,लिंग,शारीरिक संरचना के आधार पर मोटे लोगों का रक्तचाप दुबले पतले की तुलना में उच्च रहता है।
खाने के बाद,नींद के दौरान,कुछ रोगों की स्थिति में भी रक्तचाप का स्तर बढ जाता है जैसे हृदय रोग,ट्यूमर,किडनी की बीमारियां,थायराइड ग्रंथि की बीमारी,डायबिटीज और कुछ दवाइयां जैसे कॉन्ट्रासेप्टिव ड्रग,एंटीडिप्रेसेंट इत्यादि।

उच्च रक्तचाप के लक्षण
वैसे तो रक्तचाप एक साइलेंट बीमारी है लेकिन इसमें आमतौर पर निम्नलिखित लक्षण देखे गए जैसे:
-अत्यधिक सर में दर्द होना – छाती में दर्द या दबाव – स्पष्ट दिखाई न देना -बेचैनी या घबराहट होना

-साँस फूलना – शरीर का तापमान बढ़ जाना -कभी कभी मूत्र में रक्त आना -थकान महसूस होना

उच्च रक्तचाप के रोकथाम के उपाय

अपनी जिंदगी को अनुशासित बनाकर हम इस बीमारी से बच सकते हैं।

उचित सुपाच्य भोजन ग्रहण करके, मानसिक तनाव को कम करके, शारीरिक एक्सरसाइज करें।

खाने में नमक का उपयोग कम से कम करें,अच्छी नींद लें,उच्च रक्तचाप की स्थिति में डॉक्टर के द्वारा दी गई दवा के साथ साथ रात को सोने से पहले सादे गुनगुने पानी में 15 मिनट के लिए अपने पैरों को डूबा कर बैठे, फिर पैरों को तोलिए से पौछ के सो जाएं,इसे कुछ महीनों तक लगातार करें आपका रक्तचाप सामान्य स्थिति में आना शुरू हो जाएगा।

उच्च रक्तचाप के लिए होम्योपैथिक उपचार
बेलाडोना, एकोनाइट, क्रेटेगस क्यू, नक्स वॉमिका ,सल्फर, ओरम मैटेलिकम, पल्सेटिला, एलियम सताइवा क्यू ,टर्मिनलिया अर्जुन क्यू व अन्य दवाईयो का सेवन होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह से करें।

होम्योपैथिक दवाइयों का शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं होता है।

शिविर में सीएचओ अनीता,जोगिंदर जी योगाचार्य ने रक्तचाप नियंत्रित करने में उपयोगी आसनों के बारे में जानकारी दी। शिविर में एएनएम राजेश कुमारी, वंदना , यशवंती ,पूजा,उदय का विशेष सहयोग रहा।

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