पुलिस जांच पर सवाल, क्या पुलिस वाले की पुलिस वालों के खिलाफ निष्पक्ष जांच करेंगे भारत सारथी कौशिक नारनौल। महेंद्रगढ़ में होम्योपैथिक फार्मासिस्ट सुसाइड केस में एसपी ने सदर थाना प्रभारी और जांच अधिकारी को लाइन हाजिर कर दिया है। वहीं मामले की जांच डीएसपी को सौंपी गई है। मृतक ने अपने सुसाइड नोट में दोनों पुलिस कर्मचारियों का भी नाम लिखा था। जानकारी के अनुसार, गांव खेड़ा निवासी होम्योपैथिक फार्मासिस्ट अशोक कुमार का पिछले काफी दिनों से अपने चाचा के लड़के महिपाल के साथ जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। 23 अप्रैल को दोनों पक्षों के बीच जमीन को लेकर झगड़ा हो गया था। दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी एमएलआर कटवाई गई थी। शनिवार को अशोक ने अपने कार्यालय में उसी विवाद के चलते फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सुसाइड नोट में 2 पुलिस कर्मचारियों, महिपाल व उसके परिवार पर आरोप लगाया था। इस मामले में अशोक की पत्नी की शिकायत पर शहर थाना में सदर थाना प्रभारी संतोष कुमार, जांच अधिकारी रणवीर सिंह समेत 7 लोगों पर केस दर्ज किया था। इस पर संज्ञान लेते हुए एसपी ने संतोष कुमार और रणवीर सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। साथ ही मामले की जांच डीएसपी रणवीर को दी गई है। गांव वालों ने पुलिस के डीएसपी से जांच कराने की बजाय सेवानिवृत्त जज से करवाने के पक्षधर हैं। उनका मानना है कि कोई भी अधिकारी अपने अधीन रहे पुलिस कर्मचारी का अहित नहीं करता। बता दें कि शनिवार को देर शाम को फार्मासिस्ट अशोक महान ने छुट्टी होने के बाद कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी थी। देर शाम मृतक के भाई के आने के बाद शहर थाना प्रभारी देवेंद्र की देखरेख में पुलिस द्वारा शव को उतारकर शवगृह में रखवा दिया था। रविवार को परिजनों ने पुलिस द्वारा कार्रवाई न करने पर बालाजी चौक पर आधे घंटे जाम लगाकर नारेबाजी कर रोष व्यक्त किया था। मृतक का भाई कर्ण बालाजी चौक पर लेट गया था। पुलिस को दी शिकायत में मृतक की पत्नी ने लगाए गंभीर आरोप पुलिस को दिए बयान में गांव खेड़ा निवासी मृतक अशोक महान की पत्नी मंजेशलता ने बताया कि 23 अप्रैल को उसके पति व महिपाल सिंह के बीच झगड़ा हो गया था। इसके बारे में उसके पति ने सदर थाना महेंद्रगढ़ में 28 अप्रैल को एक शिकायत दर्ज करवाई थी लेकिन पुलिस द्वारा उक्त मामले में कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि पुलिस ने दूसरे पक्ष से साजबाज होकर उसके पति के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद 2 मई को केस दर्ज करके उपरोक्त महिपाल से साज-बाज होकर उसके पति को जांच अधिकारी रणबीर व सदर थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बुरी तरह प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उसके पति ने जांच अधिकारी को बदलने के लिए एक शिकायत उपायुक्त को 9 मई को दी थी। महिपाल उपरोक्त का परिवार आपराधिक प्रवृति का है। मृतक ने यह लिखा सुसाइड नोट में मृतक अशोक महान द्वारा सुसाइड नोट में लिखा है कि महिपाल, धनपति, जगमाल, शकुंतला निवास खेड़ा व महिपाल का साला राजू हमारे घर पर फरसी व कुल्हाड़ी लेकर आते थे और हमारे परिवार को टुकड़े-टुकड़े करके काटने की धमकी देते थे। कहते थे कि पुलिस को हमने खरीद रखा है। कानून हमारा क्या बिगाड़ लेगी। जिसकी वजह से वह तथा उसका परिवार भयभीत थे। मुझे बार-बार कहते थे कि ऐसी जिंदगी से मरना ही भला इसे अच्छा तो हम आत्महत्या ही कर लेते है। लेकिन पत्नी ने समझाया तो कानून का सहारा लेना चाहिए। जब मुकदमों की जांच में शामिल होने आए तो जांच अधिकारी रणबीर व थाना प्रभारी संतोष कुमार ने उससे बिना पढ़ाए कुछ कागजात पर हस्ताक्षर करवा लिए और जब उसने पढ़ने के लिए कहा तो उन दोनों ने उसे मारा-पीटा और बुरी तरह से जलील किया था। उसके बाद विजय कुमार, गांव खैराना, विक्रम जाडरा रेवाड़ी भी उसके साथ सदर थाना महेंद्रगढ़ गए थे। उस समय जांच अधिकारी रणबीर सिंह व सदर थाना प्रभारी ने उसे बुरी तरह प्रताड़ित किया और कहा कि महिपाल से राजीनामा कर ले वरना तेरे इतने जूते मारेंगे कि तुम थाना की तरफ मुंह भी नहीं करेगा। उन्होंने बताया कि उसके पति ने महिपाल, जांच अधिकारी, सदर थाना प्रभारी से प्रताड़ित व परेशान होकर आत्महत्या की है। जिसका हवाला अशोक ने सुसाइड नोट में दिया है। उसकी मौत के जिम्मेदार महिपाल, धनपति, जगमाल, शंकुतला, राजू महिपाल का साला, जांच अधिकारी व सदर थाना प्रभारी महेंद्रगढ़ है। सभी दोषियों खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। वहीं मृतक ने अपनी मां का जिक्र करते हुए कहा कि मां आपका बेटा जा रहा है आपके पैरों को छूना चाहता है। फोन बजा तो साथी कर्मचारी को लगा घटना का पता गौरतलब है कि नागरिक अस्पताल में शनिवार शाम को अज्ञात कारणों चलते होमियोपैथिक फार्मासिस्ट ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। अस्पताल की छुट्टी होने बाद 3 बजे सभी लोग चले गए थे। जब एक कर्मचारी उस और जा रहा था तब उसने फोन की आवाज सुनाई दी। उसने देखा कि कमरे बाहर गेट के ताला लगा हुआ है और फोन बज रहा है। जब उसने जंगले में झांककर देखा तो गांव खेड़ा निवासी अशोक महान ने फंदा लगा रखा था। मौके पर पहुंची पुलिस ने उसके भाई का इंतजार किया। रात को जब उसका भाई कर्ण गुरुग्राम से आया तब शव को फंदे से उतरवाकर शवगृह में रखवा गया। मृतक अशोक के एक लड़का और एक लड़की है। इन पर हुआ मामला दर्ज पुलिस ने रविवार को मृतक की पत्नी मंजेशलता के बयान पर शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने महिपाल, धनपति, जगमाल, शकुंतला, राजू महिपाल का साला, जांच अधिकारी रणबीर व सदर थाना प्रभारी संतोष के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। मृतक की पत्नी द्वारा पुलिस को शिकायत दी गई थी। शिकायत के आधार पर सात लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस मामले में शीघ्रता से जांच पूरी करने का प्रयास करेगी। जांच के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। -विक्रांत भूषण पुलिस अधीक्षक महेंद्रगढ़। Post navigation मूलोदी में विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली का 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