आनलाइन ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर रोङवेज कर्मचारीयों में दहशत का माहौल। दोदवा

चण्डीगढ, 15 मई:-हरियाणा रोङवेज कर्मचारी एकता युनियन के राज्य प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने ब्यान जारी करते हुए बताया कि ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर रोङवेज कर्मचारीयों में भारी दहशत का माहौल बना हुआ है तथा हर कर्मचारी
असमंजस में हैं कि आखिर होगा क्या? आज तक कर्मचारी ये ही नहीं समझ पाये हैं कि पॉलिसी का आधार क्या है, क्योकि परिवहन विभाग ने आज तक ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर कोई भी हिदायत या ड्राफ्ट रूल जारी नहीं किए हैं जिसके आधार पर कर्मचारी अपना ट्रांसफर करवा सके।

प्रान्तीय प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने बताया कि आज से लगभग 6 महिने पहले परिवहन विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी का लिंक जारी करके ट्रांसफर करवाने के इच्छुक कर्मचारियों से Yes/No के आप्शन मांगे थे जो कर्मचारीयों ने भर दिये।
इसके बाद लिंक बन्द कर दिया गया।

दोदवा ने बताया कि अब विभाग ने ट्रांसफर पॉलिसी का लिंक जारी करके कर्मचारीयों से स्टेशन मांगे हैं लेकिन मजे की बात यह है कि जो कर्मचारी जिन डिपों में ट्रांसफर करवाना चाहते थे वो स्टेशन ही नहीं खुले और कर्मचारी स्टेशन भरने से वंचित रह गया। अब समझने वाली बात यह है कि विभाग ने कर्मचारीयों से Yes/No आप्शन के साथ-साथ स्टेशन क्यों नहीं भरवाए। आखिर इसके पीछे विभाग की क्या मंशा थी।

इसका सीधा सा एक ही मतलब था कि Yes का आप्शन करवाकर कर्मचारी को फंसा लिया जाये और फिर बाद में अपनी मर्जी से उसका ट्रांसफर कर दिया जाए। अगर विभाग ने ऐसा करके कर्मचारी को ठगने का काम किया तो विभाग में अफरा-तफरी का माहोल पैदा होगा और बसों का संचालन सुचारू रूप से चलाने में भी बाधा आएगी,क्योंकि एक तो यह ट्रांसफर बेमोसमी हो रहे है और दुसरा अगर कर्मचारी की इच्छा के विरूद्ध हुआ तो पारिवारिक संतुलन बिगङेगा तथा कर्मचारी को काफी परेशानी का सामना करना पङेगा। क्योंकि सभी कर्मचारी अपने स्टेशन के अनुसार अपने बच्चों के दाखिले स्कूल व कॉलेजों में करवा चूके हैं। दोदवा ने बताया कि विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि परिवहन निदेशक की अध्यक्षता में 16 मई को सांझा मोर्चा की बुलाई गई बैठक का मुख्य उद्देश्य भी ट्रांसफर पॉलिसी पर सहमती लेना है।

इसलिए युनियन मांग करती है विभाग दोबारा से लिंक जारी करके सभी डिपों के स्टेशन खोले जांए ताकि कर्मचारी अपनी इच्छानुसार स्टेशन भर सके। अगर ऐसा न करके कर्मचारीयों को ठगने का काम किया तो रोङवेज कर्मचारी इसका कङा विरोध करेंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार व परिवहन विभाग के उच्च अधिकारियों की होगी।

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