मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर के यही जनसंवाद है तो सत्ता हनक के दरबार क्या होते है ? विद्रोही

पहले भिवानी जिले, फिर पलवल जिलेे, फिर कुरुक्षेत्र जिलेे और अब सिरसा जिले में चल रहे कथित जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने आचरण, बोलो से खुद ही साबित कर दिया है कि ये जनसंवाद नही अपितु सत्ता अहंकार से ग्रस्त एक राजा के दरबार है। विद्रोही
सिरसा जिले में तो मुख्यमंत्री के इन कथित जनसंवाद में पुलिस लाठिया भी चल रही है। सवाल पूछने व शिकायत रखने वालों को डिटेंड भी किया जा रहा है : विद्रोही

15 मई 2023 – स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष एवं हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता वेदप्रकाश विद्रोही ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के कथित जनसंवाद कार्यक्रम आमजनों से संवाद करके उनकी समस्याओं का समाधान करने के कार्यक्रम न होकर स्वयंसेवक के भेष में अपने अपने को राजा समझने वाले मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर जी के सत्ता हनक का दरबार है। विद्रोही ने कहा कि पहले भिवानी जिले, फिर पलवल जिलेे, फिर कुरुक्षेत्र जिलेे और अब सिरसा जिले में चल रहे कथित जनसंवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने आचरण, बोलो से खुद ही साबित कर दिया है कि ये जनसंवाद नही अपितु सत्ता अहंकार से ग्रस्त एक राजा के दरबार है। इन दरबारों में कौन बोलेगा और क्या बोलेगा, यह भी जनता की बजाय राजा साहब मनोहरलाल खट्टर व उनके प्रशासनिक-पुलिस अधिकारी तय करते है। भाजपा समर्थकों को आमजन बताकर उनसे प्रायोजित शिकायते व सवाल करवाये जाते है और मुख्यमंत्री खट्टर जी इन शिकायतों व सवालों के पहले से तय जवाब, समाधान करते है। मुख्यमंत्री के कथित जनसंवाद कार्यक्रम में आमजन की शिकायते नही सुनी जाती। 

विद्रोही ने कहा कि कोई आमजन यदि किसी तरह अपनी शिकायत मुख्यमंत्री के सामने रखने का प्रयास भी करता है तो पहले तो अधिकारी व पुलिस आमजन को शिकायत नही रखने देते। कोई किसी तरह शिकायते रखने में सफल भी हो जाता है तो भाजपा-संघ कार्यकर्ता उसे शिकायत रखने नही देते। यदि कोई खडा होकर शिकायत रखता भी है तो मुख्यमंत्री खुद सत्ता अहंकार में उसे धमका देते है और विपरित सवाल होने पर विपक्ष का बहकाया व्यक्ति बताकर डांटकर चुप करवा देते है। ऐसा ही आचरण मनोहरलाल खट्टर ने भिवानी, पलवल जिलों के जनसंवाद कार्यक्रमों में किया और अब यही सिरसा जिले में भी दोहरा रहे है।

विद्रोही ने कहा कि सिरसा जिले में तो मुख्यमंत्री के इन कथित जनसंवाद में पुलिस लाठिया भी चल रही है। सवाल पूछने व शिकायत रखने वालों को डिटेंड भी किया जा रहा है। यदि मुख्यमंत्री खट्टर जी के यही जनसंवाद है तो सत्ता हनक के दरबार क्या होते है? विद्रोही ने कथित जनसंवादों में मुख्यमंत्री मनेाहरलाल खट्टर का आचरण, आमजन से बरते जा रवैये, पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों का शिकायत रखने वाले का दमन करने की कठोर आलोचना करते हुए कहा कि सत्ता अहंकार के इन कथित जनसंवादों को कोई औचित्य नही है। 

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