शहर का दुर्भाग्य है मांग पूरी करवाने के लिए सड़क पर बैठना पड़ता है

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। आज नारनौल के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी नसीबपुर, वार्ड नंबर 2 की बिजली, पानी, सीवर और सफाई की ध्वस्त व्यवस्थाओं के विरोध में क्रांतिकारी सामाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व जिला संगठन मंत्री गिरीश खेड़ा और प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता ज्योति सैनी ने अनिश्चितकालीन दिन-रात का धरना आरंभ कर दिया है।

ज्योति सैनी ने कहा कि पिछले 3 साल से हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी कि स्ट्रीट लाइट बिल्कुल बंद है, जिसकी वजह से हाउसिंग बोर्ड की सड़कों पर अंधेरा रहता है। इस अंधेरे में बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग चलने में अपने आप को सहज पाते हैं। हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी की मुख्य मार्केट के पीछे जो हिस्सा है वहां तो इतना अंधेरा रहता है। वहां पर असामाजिक लोग आकर शराब पीते हैं, नशा करते हैं।

स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ना जाने कितनी बार शासन और प्रशासन से गुजारिश की परंतु शासन और प्रशासन बिल्कुल अंधा और बहरा बना हुआ है। जिसको ना तो जनता के कष्ट नजर आते हैं ना ही जनता की मांग सुनाई देती है। शासन और प्रशासन को जन सुविधाओं से कोई लेना-देना ही नहीं है। अब जब सारे रास्ते बंद हो चुके हैं तो धरने के अलावा कोई और विकल्प बचा ही नहीं। इसलिए यह धरना, हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासियों के समर्थन से आयोजित किया गया।

गिरीश खेड़ा ने कहा कि कितना दुर्भाग्य है कि कि आज जनता को अपनी हर समस्या को पूरा करवाने के लिए सड़कों पर बैठना पड़ता है। शासन और प्रशासन से अपनी मांग रखते हैं तो कभी जवाब मिलता कि फंड नहीं है, कभी कहते हैं की हाउसिंग बोर्ड अभी नगर परिषद में नहीं आया है। अब सवाल यह बनता है जो सरकार सीना ठोक कर गर्व के साथ कहती है कि इस साल रिकॉर्ड जीएसटी कलेक्शन हुआ है तो वह जनता के टैक्स का पैसा कहां जा रहा है ? सरकार जनता की जेब काट कर टैक्स तो वसूल रही है परन्तु जन सुविधाओं के नाम पर सिर्फ हाउसिंग बोर्ड ही नहीं पूरा जिला महेंद्रगढ़ नर्क बना हुआ है।

हाउसिंग बोर्ड की बात करें तो नगर परिषद् के नुमाइंदे कहते है कि हाऊसिंग बोर्ड कॉलोनी अभी नगर परिषद के अंतर्गत नहीं आया। तो कोई ये बताए कि यदि हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, नगर परिषद के अंतर्गत नही आया तो इस क्षेत्र के पार्षद और चेयरपर्सन के चुनाव क्यों करवाया गया । ऐसे में चुने हुए पार्षद के हाथ में रहा ही क्या जो वह जनता के कोई काम कर सके। आम जनता को इससे कोई सरोकार नहीं है कि बिजली, पानी इत्यादि की व्यवस्था नगर परिषद करवाएगा या हाउसिंग बोर्ड विभाग , जनता को तो बस सुविधा चाहिए। अगर शासन और प्रशासन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी की सारी स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था स्थाई रूप से दुरुस्त नही करती तो यह आंदोलन अनिश्चित काल के लिए चलता रहेगा।

प्रमुख समाज सेवी नरेंद्र राव इंजीनियर ने कहा कि नारनौल के मौजूदा विधायक,मंत्री ओमप्रकाश यादव, चेयरपर्सन नगर परिषद श्रीमती कमलेश सैनी और प्रशासनिक अधिकारियों को ये सोचना होगा कि वो सब खुद वातानुकूलित कमरों में आराम से रह रहें और ये क्रांतिकारी आंदोलन कारी तपती लू में दिन रात के धरने पर बैठ कर अपने ही अधिकारों के लिए कष्ट भोग रहें है। इसलिए जितना जल्दी, स्ट्रीट लाइट का काम करवा दिया जायेगा उतना ही कम कष्ट आंदोलनकारियों को उठाना पड़ेगा।

आंदोलन में भाग लेने वाले सुनीता, सरोज यादव, टवीता, सविता, ज्योति भटनागर, हेमंत मुनि, अजीत सिंह, ध्रुव कुमार शर्मा, याद राम, कृष्ण कुमार शर्मा, सुरेश शर्मा, अनिल कुमार, विनोद कुमार, डा. राजेंद्र सिंह, राव रोहित, नवीन यादव, रवि कुमार इत्यादि शामिल थे।

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