थाना प्रभारी सहित सात पर मामला दर्ज

क्या जिले की पुलिस इतनी निरंकुश हो गई कि जिससे विवश होकर आत्महत्या करनी पड़े
मृतक ने सुसाइड नोट में पुलिस पर उठाई उंगली, क्या जांच होगी दोषी को मिलेगा दंड

भारत सारथी/ कौशिक

नारनौल। महेंद्रगढ़ जिले के गांव खेड़ा निवासी होम्योपैथिक फार्मासिस्ट 48 वर्षीय अशोक ने सुसाइड कर लिया। 14 वर्षों से महेंद्रगढ़ के नागरिक अस्पताल में कार्यरत अशोक ने शनिवार को ऑफिस की छुट्टी होने के बाद अपने कार्यालय में ही फांसी लगा लिया। रविवार को इस मामले में सदर थाना महेंद्रगढ़ के एसएचओ इंस्पेक्टर संतोष कुमार व जांच अधिकारी.रणधीर सिंह सहित 7 अन्य लोगों के खिलाफ सिटी थाना महेंद्रगढ़ में एफआईआर नंबर 145 दिनांक 14 मई मृतक अशोक पत्नी मंजेशलता वासी खेड़ा की दरखास्त पर मुकदमा दर्ज हुआ है। आज मृतक के परिजनों ने महेंद्रगढ़ में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया था।

अशोक ने सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमें अशोक ने आत्महत्या करने का कारण चचेरे भाई महिपाल व उसके परिवार के सदस्यों एवं पुलिस के जांच अधिकारी रणवीर सिंह को बताया है। पुलिस सुसाइड नोट के आधार पर जांच कर रही है।

सुसाइड नोट में लिखी 4 बड़ी बातें

चचेरे भाई के खिलाफ शिकायत दी तो मुझ ही 2 केस कर दिए
अशोक ने मरने से पहले 13 मई को 7 पेज का सुसाइड नोट लिखा। जिसमें उसने बताया कि चाचा के लड़के महिपाल ने 23 अप्रैल को मेरी मां का दांत तोड़ दिया और उसको लाठी से पीटा। उसने 28 अप्रैल को सदर थाना महेंद्रगढ़ में FIR नंबर 137 मुकदमा दर्ज करवा दिया।

पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया। जांच अधिकारी रणवीर सिंह और थाना प्रभारी दोनों ने मिलकर मोटा पैसा खा लिया, जिसके कारण उस पर ही 2 झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए। एफआईआर नंबर 141 व 142 दोनों मुकदमे 2 मई को एक ही दिन में दर्ज कर दिए।

जबरन साइन कराए, थाना प्रभारी बोला- तेरी प्रॉपर्टी अपने नाम नहीं कर रहे

जांच अफसर रणवीर सिंह ने अशोक को डांटा कि तुम पर 2 मुकदमे दर्ज हैं और उसे सदर थाना महेंद्रगढ़ बुलाया। वह कहने लगा कि तुम साइन करो, उसने कहा कि मुझे पढ़ने दो तो उन्होंने डांट मारनी शुरू कर दी तो डरकर उसने साइन कर दिया। तब उसने थाना प्रभारी साहब को बोला कि जांच अफसर ने मुझसे साइन भी करवा लिया और पढ़ने भी नहीं दिया।

तब थाना प्रभारी बोला कि हम आप की प्रॉपर्टी नाम नहीं करवा रहे हैं। महिपाल ने मेरा और मेरे परिवार का जीना मुश्किल कर दिया है। हमारी धर्मशाला पर कब्जा करता है। कभी खेतों पर कब्जा करता है।

महिपाल बदमाश किस्म का, टुकड़े-टुकड़े करने की धमकी दी।

महिपाल ने धमकी दी कि तू कभी बाहर निकलेगा तो हम तुझे बर्छी व चाकू से टुकड़े-टुकड़े कर देंगे। हमारे पास बहुत रुपए हैं। हम पुलिस को खरीद लेंगे। महिपाल व उसका परिवार बहुत खतरनाक, बदमाश व गुंडे किस्म के हैं। उसने मरने के लिए मजबूर कर दिया है। जिला उपायुक्त को भी 9 मई को एक शिकायत दी थी कि जांच अफसर रणवीर सिंह को बदला जाए और तफ्तीश के लिए एक ईमानदार जांच अफसर को भेजा जाए।

मरना नहीं चाहता लेकिन मरना पड़ रहा।

अशोक ने लिखा कि मेरे 2 बच्चे हैं, एक लड़की जो 12वीं मेडिकल में पढ़ती है और लड़का 8वीं कक्षा में पढ़ता है। मेरा हंसता खेलता परिवार महिपाल ने उजाड़ दिया। महिपाल को फांसी से बढ़कर कोई मौत हो तो वह मिलनी चाहिए और IO को भी सजा मिलनी चाहिए। मेरी मौत का कारण महिपाल व उसका परिवार है।

मां को छोड़कर जाना पड़ रहा है और पत्नी को भी। मैं मरना नहीं चाहता, पर क्या करूं मरना पड़ रहा है। महिपाल ने कह रखा है कि वह उसका वंश खत्म कर देगा। अंत में अशोक ने लिखा कि मां- आपका बेटा जा रहा है, मां आपके चरणों को छूना चाहता हूं। मेरी आत्महत्या का कारण महिपाल व उसका परिवार है।

सुसाइड नोट की पूरी कॉपी पढ़िए….

जमीनी विवाद में उठाया सुसाइड करने कदम

मृतक अशोक ने 23 अप्रैल को एक शिकायत सदर थाना पुलिस महेंद्रगढ़ में दी। जिसमें उसने लिखा कि उसका चाचा जगमाल, चाचा का लड़का महिपाल सिंह, पुत्रवधू शकुंतला, चाची धनपति, उसके ताऊ हंसराज का लड़का राजेंद्र व राजेंद्र के लड़के दिनेश व प्रहलाद सभी ने मिलकर सांझे खेत में तार बाड़ की।

जब उसे पता लगा तो वह अपनी मां सोना देवी के साथ खेत में पहुंच गया। उसे तार बाड़ करने से रोकना चाहा तो उसने कहा कि खेत के बंटवारे के लिए अदालत में केस चल रहा है। अदालत के फैसले के बाद आप अपने खेत में तार बाड़ कर सकते हैं। फिर उन्होंने उससे और उसकी मां से लाठी-डंडों से मारपीट की, जिसमें उसकी मां का दांत भी टूट गया।

मृतक ने जिला उपायुक्त को शिकायत दी

मृतक अशोक ने जिला उपायुक्त महेंद्रगढ़ को 9 मई को एक शिकायत दी, जिसमें उसने पुलिस को मामले की निष्पक्ष जांच करने की बात कही। इसमें उसने लिखा कि मैं अशोक महान गांव खेड़ा का स्थाई निवासी हूं। महिपाल निवासी खेड़ा ने 26 अप्रैल को झूठा मुकदमा पुलिस थाना सदर में मेरे खिलाफ दर्ज करवाया। इसकी एफआईआर नंबर 142 है।

थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ गांव खेड़ा में मौके पर पहुंचा। गांव में पूछताछ की तथा जांच अधिकारी रणवीर सिंह ने उसके खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया, जबकि वहां पर कोई लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ। आपसे निवेदन है कि जांच अधिकारी रणवीर सिंह की जगह कोई ईमानदार अधिकारी जांच के लिए आदेश दे और अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।

इस घटना से जिला पुलिस पर सवालिया निशान लगे हैं। जिले की पुलिस का एक चेहरा ऐसा भी हो सकता है यह बात कल्पना से परे थी। जिले की कमान संभालने वाले पुलिस अधीक्षक क्या इस मामले की तह पर जाकर मृतक के परिजनों के साथ न्याय कर पाएंगे? या यह घटना भी अन्य मामलों की तरह फाइल में दबा दी जाएगी।

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