भर्ती करवाने में सबकी रहती थी अलग–अलग भूमिका
पैसे लेकर बच्चों को सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने का काम

भारत सारथी /कौशिक

नारनौल। पुलिस ने एकेडमी खोलकर पैसे लेकर भर्ती कराने के नाम पर धंधा करने वाले एक रैकेट का भंडाफोड़ किया है। इस बारे में बुधवार को पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक ने खुलासा किया। एकेडमी में गारंटी से भर्ती करवाने के नाम से बैच चलाया जाता था। इस बेच के लिए अलग से पैसे निर्धारित किए जाते थे। एकेडमी संचालक 12–15 लाख रुपए 2–3 किस्तों में लेते थे। इस बैच में एडमिशन लेने वाले बच्चों के परिवार वालों को भर्ती करवाने का पूर्ण आश्वासन दिया जाता था। एकेडमी संचालक पेपर हैकर और पेपर करवाने वाली कंपनी से संपर्क रखता था, पेपर हैक करके और पेपर में सीटर बैठाकर फर्जी पेपर करवाया जाता था।

पुलिस ने इस मामले में एक आरोपिता सरिता वासी भैहनी चंद्रपाल थाना महम हाल आबाद शास्त्री नगर रोहतक को गिरफ्तार किया गया, जिससे पूछताछ में पता लगाया कि उन्होंने दीक्षा डिफेंस एकेडमी रोहतक में खोल रखी है और आरोपित नरेश, अनिल भास्कर व प्रेमचंद भर्ती करवाने के सिलसिले से उनकी एकेडमी पर आते रहते थे। इनकी कृष्ण लैब पर ऑनलाइन भर्ती के पेपर होते थे।

पुलिस ने मामले में हरियाणा पुलिस की भर्ती के समय बच्चों के फॉर्म वगरैह और आधार कार्डों में एडिटिंग करने वाले आरोपित दीपक वासी बडराई थाना झोझू कलां को 26 अप्रैल को गिरफ्तार किया। पुलिस ने गत 26 अप्रैल को आरोपित जगदीश वासी तालु भिवानी की गिरफ्तार किया, आरोपित भर्ती के लिए बाहर से आए हुए सीटरों को रेलवे स्टेशन से लाता था और भर्ती सेंटरों पर छोड़कर आता था।

इस मामले में पुलिस ने एक सीटर को भी गिरफ्तार किया, जो पेपर में दूसरे के स्थान पर बैठता था और बदले में पैसे लेता था, जिसकी पहचान राकेश उर्फ पटेल वासी पांची शेखपुर बिहार के रूप में हुई। आरोपित रेलवे विभाग में टेक्नीशियन के पद पर लगा हुआ है। मामले में पुलिस ने लैब में फिंगर प्रिंट बदलने वाले आरोपित प्रदीप वासी भीलवाड़ा अटेली को गिरफ्तार किया, आरोपित को हरियाणा पुलिस भर्ती में फिंगर प्रिंट बदलने के लिए कमीशन मिला था, लेकिन आरोपित फिंगर प्रिंट चेंज नहीं कर सके। पुलिस ने मामले में सीटर उपलब्ध करवाने वाले आरोपित गोपाल वासी आरा थाना नवादा जिला भोजपुर को गत 30 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया।

गत 01 मई को गिरफ्तार आरोपित संदीप वासी जसौर खेड़ी थाना सदर बहादुरगढ़ और हरविंद्र उर्फ हैप्पी वासी कबूलपुर रोहतक को गिरफ्तार किया गया, आरोपित बच्चों को फर्जी तरीके से सरकारी विभागों में नौकरी लगवाने का काम करते थे। मामले में गिरफ्तार आरोपिता सीमा वासी शास्त्री नगर रोहतक एकेडमी के अकाउंट का काम देखती थी और भर्ती के लिए आए हुए रुपयों को वेस्टीज व क्रिप्टोकरेंसी इत्यादि में लगाती थी। फिंगर प्रिंट बदलवाने का काम देखने वाले आरोपित जुगल किशोर वासी नीमगांव थाना गोरधन मथुरा को भी। पुलिस ने मामले में उसे भी गिरफ्तार किया।

गत 07 मई को पुलिस ने आरोपित राजेश वासी मेघपुर थाना पचेरी को गिरफ्तार किया, आरोपित से हरियाणा पुलिस भर्ती में फिंगर प्रिंट बदलने के संबंध में बात हुई थी। आरोपित मामले में फिंगर प्रिंट बदलवाने के काम को देख रहा था।
पुलिस ने 7 मई को ही भर्ती के नाम पर पैसे दिलवाने वाले एक ओर आरोपित श्रीनिवास वासी बेरी को भी गिरफ्तार किया गया था। गत 9 मई को पुलिस ने एक ओर आरोपित नितिन वासी कलवाड़ी कनीना को गिरफ्तार किया है, आरोपित डीसी ऑफिस पंचकुला में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। आरोपित ने मामले में अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट बदलवाने के पैसे लिए थे।

पेपर हैकिंग

एकेडमी संचालक पेपर हैकर से प्रत्येक बच्चे के 2– 3 लाख रुपये के हिसाब से सैटिंग करते थे। हैकर द्वारा पेपर करवाने वाली कम्पनी से सैटिंग करके पेपर के समय से पहले लैब से एक वायर अलग से डाल दिया जाता था तथा लैब के साथ लगते स्थान पर ले जाकर अपना सेटअप लगाकर पेपर हैक करके बच्चों के पेपर करवाते थे। पेपर करवाने वाली कम्पनी से तालमेल कर लैब में अपने वर्कर की पेपर के समय ड्युटी लगवाते थे और बच्चों के पेपर करवाते थे।

सीटर के द्वारा पेपर दिलवाकर

एकेडमी संचालक बच्चों के अभिभावक से उनके बच्चे को भर्ती करवाने के पैसे लेकर हैकर से संपर्क कर फर्जी सीटर को बैठाकर पेपर करवाते थे। हैकर द्वारा पेपर करवाने वाली कम्पनी से सैटिंग कर एडमिट कार्ड की फोटो को एडिट कर असल अभ्यार्थी के स्थान पर सीटर बैठा दिया जाता था।

हरियाणा पुलिस पेपर 2021

इस मामले में एकेडमी संचालक द्वारा एकेडमी में गांरटी से भर्ती करवाने के नाम से बैच चलाया गया। जिस बैच के लिए अलग से पैसे निर्धारित किए गए। जिसमें तैयारी करने वाले बच्चों के अभिभावको को विश्वास में लेकर पूर्ण रुप से भर्ती का आश्वासन देकर उनसे 12 से 15 लाख रुपये अलग-अलग 2-3 किस्तो में लिए। आरोपित नरेश कुमार एकेडमी संचालक द्वारा अन्य साथी एकेडमी संचालक अनिल भास्कर, राजेश सांगवान व अन्य की मदद से सीटर उपलब्ध किए गए। सीटर उपलब्ध होने पर सीटर की योग्यता का पेपर लेकर उनको पेपर में बैठने के पैसे दिए गए तथा असल अभ्यार्थी व सीटर की फोटो को एडिट करवाकर सीटर को बैठाकर बच्चों के पेपर दिलवाए गए। पेपर के बाद फिंगर प्रिन्ट चेंज करवाने की सैटिंग राजेश मेघपुर से की गई, लेकिन फिंगर प्रिंट चेंज नहीं हो सके। पेपर पास होने पर बच्चो का फिजिकल टैस्ट करवाया गया। फिजिकल टेस्ट असल अभ्यार्थी के द्वारा किया गया, इस दौरान दोबारा फिंगर प्रिन्ट लिए गए थे।

इस भर्ती पेपर में बच्चो के फिजिकल टेस्ट व शारिरीक मापदण्ड के लिए अलग-अलग तारीख दी गई थी, लेकिन इस बात का एकेडमी संचालको को पता नहीं था। असल अभ्यार्थी द्वारा फिजिकल टेस्ट में पास होने पर शारिरीक मापदण्ड व कागजात सत्यापन के लिए दी गई तारीख पर एकेडमी संचालको ने बच्चों को उपस्थित नहीं होने दिया, क्योंकि बच्चो के फिंगर प्रिन्ट बदलने का काम नहीं हो पाया था। बच्चे भर्ती नही होने पर अभिभावको के द्वारा पैसे मांगने पर नरेश कुमार एकेडमी संचालक से विवाद हो गया था।

इस मामले में काफी एकेडमियों के संचालकों की संलिप्ता पाए जाने पर उन्हें भी गिरफ्तार किया गया, जिनमें सांगवान एकेडमी रोहतक, दीक्षा एकेडमी रोहतक, विजेता एकेडमी रोहतक, भास्कर एकेडमी रोहतक, गुरुकुल एकेडमी चरखी दादरी, शेखावटी एकेडमी सिंघाना, यूएसए एकेडमी बड़ी पचेरी शामिल हैं।

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