बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम उनकी अनुपस्थिति में भी जारी।

बोधराज सीकरी की हनुमान चालीसा पाठ की मुहिम ने छुआ 130000 का आंकड़ा

गुरुग्राम। दिनांक “9-5-2023 को” श्री माँ वैष्णो देवी दरबार” गढ़ी हरसरू में “श्री हनुमान चालीसा” के पाठ का प्रारंभ बोधराज सीकरी द्वारा लिये गये संकल्प के तहत उसी कड़ी को आगे चलाते हुये डॉ. अल्का शर्मा के अनुरोध पर सायं 4:00 बजे विद्वान पंडितों के पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। परम पूजनीया पूनम माता जी जोकि मंदिर की संचालिका है उनके द्वारा पूजन किया गया व उनका साथ मंदिर की सह-संचालिका डॉ.अलका शर्मा ने दिया। मंदिर के प्रांगण में हनुमान चालीसा के पाठ का भव्य आयोजन किया गया। पूजन के पश्चात गजेंद्र गोसाई द्वारा व्यास पीठ को प्रणाम कर सर्वप्रथम गणेश वन्दना की व उसके पश्चात बोधराज सीकरी द्वारा लिये गये संकल्प के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि जो संकल्प मेरे अग्रज भ्राता ने 21-2-2023 को श्री हनुमान चालीसा के पाठ का लिया था उसकी संख्या आज के पाठ से पूर्व 1,25,000 पार कर चुकी है तो उपस्थित सभी संगत ने करतल ध्वनि से जय-जयकार किया। इसके पश्चात गोसाईं द्वारा सुंदर गायकी के साथ हनुमान चालीसा के पाठ का 21बार उपस्थित 200 से अधिक संगत के साथ बड़े ही मधुर स्वर में पाठ किया गया।

उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों में कंवर भान वधवा, राम लाल ग्रोवर, रमेश चुट्टानी, सुभाष डुडेजा, सुभाष गांधी, सुभाष नागपाल, किशोरी लाल डुडेजा, केसर दास ग्रोवर, धर्मेन्द्र बजाज, रमेश कामरा, ओम प्रकाश कालड़ा, सुरेंद्र बरेजा, द्वारका नाथ, ओम प्रकाश गाबा, श्रीमती ज्योत्सना बजाज, श्रीमती रचना बजाज, श्रीमती ज्योति वर्मा उपस्थित रहे।

इसके पश्चात सर्वप्रथम कंवर भान वधवा जी ने सभी उपस्थित लोगों को संबोधन किया और उन्होंने अपने संबोधन में बोधराज सीकरी जी के प्रति दिल से आभार व्यक्त किया कि जो कार्य समाजसेवी बोधराज सीकरी पूरे समाज के लिए कर रहे हैं वह अति सराहनीय है और हम सभी को इसमें अपना पूर्ण सहयोग देना चाहिए इसके पश्चात धर्मेंद्र बजाज ने संबोधन किया उन्होंने भी अपने वक्तव्य में कहा कि बोधराज सीकरी द्वारा जो मुहिम हनुमान चालीसा के रूप में शुरू की गई है उसकी पूरे गुरुग्राम में चर्चा है और इस बात के लिए कई संस्थाओं ने और कई संस्थाओं के पदाधिकारियों ने बोधराज सीकरी से स्वयं जाकर संपर्क किया कि इस प्रकार के आयोजन हमारे यहां भी किए जाएं।

इसके पश्चात रामलाल ग्रोवर ने अपने विचार रखे। उन्होंने अपने वक्तव्य में हनुमान चालीसा में छिपे रहस्यों के बारे में बताया। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आज इस सभागार में बोधराज सीकरी के न होने से पूरी सभा अधूरी लग रही है जिनका की सतत प्रयास रहता है कि वह हमेशा समाज के प्रति सजग रहते हैं इसके पश्चात केंद्रीय श्री सनातन धर्म सभा के प्रधान सुरेंद्र खुल्लर ने सभा को संबोधित किया और उन्होंने भी अपने संबोधन में सीकरी साहब के बारे में कहा कि आज समाज को ऐसे ही व्यक्तित्व की आवश्यकता है जो पूरे समाज को साथ लेकर चले और सभी के हित की बात करें यह सभी योग्यताएं बोधराज सीकरी में समाहित है उन्होंने यह भी कहा कि बोधराज सीकरी जैसे व्यक्तित्व ही समाज की सेवा कर सकते हैं इसके पश्चात पूजनीया पूनम माताजी ने सभी को अपना शुभ आशीर्वाद दिया व उन्होंने बोधराज सीकरी के प्रति एवं वहाँ आई हुई संगत को आशीर्वाद दिया तत्पश्चात मंदिर की सह-संचालिका डॉ अलका शर्मा ने भी सभा को संबोधित किया।

सर्वप्रथम उन्होंने पूजनीया माता जी को यह कहकर संबोधित किया कि यह मेरी माँ भी है और मेरी गुरु माँ भी है और मैंने जो कुछ भी पाया है इनके आशीर्वाद से पाया है और आज मैं जो कुछ भी हूं इन्हीं के आशीर्वाद से हूं।उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि हमें अपने कर्म अच्छे रखने चाहिए क्योंकि कर्म यदि हमारे ठीक होंगे तो समाज भी हमारा ठीक होगा। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि हमें अच्छे संस्कारों को अपनाना चाहिए और जो आज युवा वर्ग चाहे वह स्त्री हो या पुरुष वह संस्कार विहीन हो रहे हैं और इसके लिए जो बोधराज सीकरी जी ने मुहिम छेड़ी है उस के लिये मैं उन्हें शत-शत नमन करती हूं।

बोधराज सीकरी किसी महत्वपूर्ण काम से मुंबई गये हुए थे परन्तु फिर भी उन्होंने संगत को फ़ोन पर संबोधित किया और अपने मन के विचार प्रकट किए।

माता मंदिर के अतिरिक्त हनुमान चालीसा का पाठ सुशांत लोक मॉर्निंग वॉकर और जामपुर शिव मंदिर में भी चला। नौ तारीख़ को तीन स्थानों की संख्या लगभग पाँच हज़ार रही। इस प्रकार कुल संख्या अभी तक की 130000 हो गई है।

तत्पश्चात आरती और प्रसाद का वितरण किया गया व सभी संगत के लिए मंदिर की ओर से लंगर का प्रबंध भी किया गया। सभी ने अंत में एक ही स्वर में बोधराज सीकरी का आभार व्यक्त किया।

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