कहा- धरनारत खिलाड़ी देश की धरोहर, अनदेखी पड़ेगी भारी

बृजभूषण सिंह द्वारा नामी खिलाड़ियों और सांसद दीपेन्द्र हुड्डा पर लगाये गये आरोप महज गुमराह करने का प्रयास

बाढ़डा जयवीर फौगाट,

03 मई, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिल्ली में 11 दिन से धरने पर बैठे खिलाड़ियों के मन की बात सुननी चाहिये। यह बात अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय संयुक्त समन्वयक राजू मान ने उपमंडल के गांव भांडवा में ग्रामीणों से रूबरू होते हुए कही। उन्होंने कहा कि धरना दे रहे पहलवान देश की धरोहर हैं और उन सबने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम ऊंचा किया है। ऐसे में पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर जो गंभीर आरोप लगाए हैं वो बेहद चिंतनीय हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस विषय में तुरंत संज्ञान लेने चाहिये और आरोपी को अविलंब गिरफ्तार करवाना चाहिए ताकि वो जांच को प्रभावित ना कर सके अन्यथा आने वाले समय में ये अनदेखी सरकार को भारी पड़ेगी। इससे पूर्व ग्रामीणों ने किसान नेता राजू मान की अगुवाई में खिलाड़ियों के समर्थन में और सरकार के उदासीन रवैये को लेकर रोषस्वरूप नारेबाजी की।

किसान नेता राजू मान ने कहा प्रधानमंत्री अनेक मौकों अपने मन की बात कह चुके हैं। आज देश के नामी गरामी खिलाड़ी अपने मन की व्यथा कह रहे हैं तो ऐसे में उनकी शिकायत सुनना और उस पर कड़ी कार्यवाही करवाना प्रधानमंत्री का नैतिक दायित्व बनता है। उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर जो कमेटी बनाई गई थी अगर वो सही कार्यवाही करती तो आज हमारे पहलवानों को इस तरह सड़कों पर नहीं उतरना पड़ता। उन्होंने कहा कि कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह मामले को घुमाने के लिए नामी खिलाड़ियों और कांग्रेस सांसद दीपेन्द्र हुड्डा को दोषी ठहरा रहे हैं जो महज लोगों को गुमराह करना का प्रयास मात्र है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राजनीति से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिये। हकीकत ये है कि इन खिलाड़ियों के पक्ष में लगभग आज सभी दलों के नेताओं के साथ खेल जगत से जुड़ी अनेक बड़ी हस्ती और बड़ी संख्या में लोग आये हैं और सभी इस बारे कठोर कदम उठाने की मांग कर रहे हैं। इसलिए इतना समय बीत जाने के बाद भी प्रधानमंत्री की चुप्पी आम जनमानस को अखर रही है जबकि आरोप लगाने वाली विनेश फोगाट जब ओलंपिक में मेडल जीतकर आई थी तो उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने परिवार की बेटी कहा था। वही बेटी आज न्याय की गुहार लगा रही है।

इस अवसर पर सरपंच कृष्ण सोनी, दयानंद श्योराण, बलबीर श्योराण, जगमाल श्योराण, ओमप्रकाश डीपीई, मामन जांगड़ा, मैनपाल, सुनील, सुरेंद्र, बलवान, बीजेंद्र, भीम, अशोक, सोनू, राजपाल, नवीन, सुन्दरलाल, प्रदीप, ओमबीर, राजेश, लीलाराम, कृष्ण, उमेद, बिल्लु समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे।

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