खाप पंचायते एकजुट, सरकार को चेतावनी कहा: खिलाड़ियों की मांगे पूरी करें अन्यथा आर-पार की लड़ेंगे लड़ाई चाहे जो भी देनी पड़े कुर्बानी — खाप पंचायतों की नसीहत; पहलवान बहनों का साथ दे बबीता फौगाट चरखी दादरी जयवीर फौगाट, 28 अप्रैल, देश की राजधानी दिल्ली के जंतर-मंतर पर बैठे खिलाड़ियों के समर्थन में खाप पंचायते ने अब दिल्ली में डेरा डालना शुरू कर दिया है। आज जिला चरखी दादरी से भी जंतर-मंतर पर बैठे खिलाड़ियों के समर्थन में खाप पंचायते दिल्ली के लिए काफिले के साथ रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत करते हुए कहा सरकार को सीधे रूप से चेतावनी, कहा कि सरकार खिलाड़ियों की मांगे पूरी करें अन्यथा खाप पंचायते एकजुट होकर आर-पार की लड़ाई का रूख करेंगी, इसके लिए हमें कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। साथ ही उन्होंने हरियाणा महिला बाल विकास निगम की चेयरमैन को भी इस्तीफा देकर पहलवान बहनों का साथ दे की नसीहत दी। खाप पंचायते लड़ेगी आर-पार की लड़ाई;बता दें कि फौगाट खाप ने सर्वखाप पंचायत बुलाकर दिल्ली कूच करने का निर्णय लिया था। इसी कड़ी में फौगाट खाप के प्रधान बलवंत सिंह फौगाट नंबरदार की अगुवाई में सांगवान, पंवार, फौगाट, सतगामा खाप के साथ ही जिले की सभी खाप पंचायतों सहित किसान, सामाजिक व कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी ने दादरी में एकजुट हुए। दादरी से गाड़ियों के काफिले के साथ दिल्ली रवाना होने से पहले खापों ने सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। साथ ही कहा कि कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पर एफआईआर दर्ज हो और सरकार उनको तुरंत बर्खास्त करें। खिलाड़ियों द्वारा लगाए आरोपों की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच करवाकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएं। अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी तो पूरे हरियाणा की खाप पंचायते एकजुट होकर खिलाड़ियों की मांगों को मनवाने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ेंगी। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने तक दिल्ली में डालेंगे डेरा ,फौगाट खाप के प्रधान बलवंत सिंह फौगाट नंबरदार, सांगवान खाप सचिव नरसिंह डीपीई ने संयुक्त रूप से खिलाड़ियों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि खाप पंचायतों के साथ हमसब एकजुट होकर खिलाड़ियों के साथ हैं। हमारी बेटियों के साथ-साथ देश के लिए मेडल जीतने वाली खिलाड़ियों का शोषण शर्मनाक है। निष्पक्ष जांच करवाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने तक दिल्ली में डेरा डालेंगे। वहीं फौगाट खाप के सचिव सुरेश फौगाट ने कहा कि बबीता फौगाट को राजनीति से हटकर धरने पर बैठी अपनी बहन खिलाड़ियों के पक्ष धरने पर बैठना चाहिए। बबीता भी पहलवान रही है, ऐसे उसे राजनीति की बजाए खिलाड़ियों की मांगों के साथ आना चाहिए। Post navigation सरकार की शिक्षा विरोधी नीतियों को लेकर चरखी दादरी के अध्यापकों ने क्रमिक अनशन में लिया भाग गुरु वचन में रहोगे तो भक्ति के रास्ते से सुगम कोई और रास्ता नहीं है : कंवर साहेब