– ग्रामीणों ने नायब तहसीलदार को सौंपा राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम ज्ञापन – हिसार 24 अप्रैल : हिसार के ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार कंवरदीप आज तलवंडी राणा बाईपास पर दिए जा धरने पर ग्रामीणों का ज्ञापन लेने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे। ग्रामीणों ने रोड बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट ओ.पी. कोहली की अध्यक्षता में नायब तहसीलदार को महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु, उप राष्ट्रपति माननीय जगदीप धनखड़ व हरियाणा के राज्यपाल माननीय बंडारू दत्तात्रेय के नाम ज्ञापन सौंपे। ज्ञापन के माध्मय से ग्रामीणों ने हिसार से तलवंडी राणा के लिए स्थायी सडक़ मार्ग जल्द से जल्द से दिए जाने की मांग उठाई व ग्रामीणों को हो रही परेशानियां बताई। धरने के 77वें दिन समिति के अध्यक्ष ओ.पी. कोहली ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से ग्रामीणों ने अपनी समस्याएं व मांग माननीयों के समक्ष रखी। इस मौके पर आस-पास के गांवों के अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि ज्ञापन में बताया गया कि हिसार के विकास के लिए एयरपोर्ट का निर्माण सराहनीय कदम है परंतु इसके चलते हिसार से तलवंडी राणा-बरवाला सैकड़ों वर्ष पुराना रोड बंद किया गया है जिससे बरवाला रोड पर पडऩे वाले दर्जनों गांव की दूरी चार से पांच गुणा तक बढ़ चुकी है तथा तलवंडी राणा, बीड़ बबरान की एक हजार एकड़ से ज्यादा जमीनें जो रोड के नजदीक होने के कारण प्राईम लोकेशन हैं जिसमें करीबन 250 दुकानें, लघु उद्योग, फैक्ट्रीयां, डेयरियां व अन्य कारोबार चलते हैं सब ठप होने के कगार पर हैं। इसी सडक़ मार्ग पर दो युनिवर्सिटी, दो कॉलेज व दर्जन भर स्कूल भी हैं जिससे इन शिक्षण संस्थानों में शिक्षण का कार्य प्रभावित हो रहा है। पुराने सडक़ मार्ग से महिला कॉलेज की दूरी गांव से मात्र 4-5 किलोमीटर ही थी जिससे छात्राएं साइकिल व स्कूटी इत्यादि से कॉलेज चली जाया करती थी लेकिन अब यह रोड बंद हो जाने से उनकी शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हो रही है और उन्हें कई किलोमीटर घूमकर परेशान होते हुए अपने शिक्षण संस्थानों तक पहुंचना पड़ रहा है। छात्र-छात्राओं की शिक्षा इस रोड के बंद हो जाने से बहुत अधिक प्रभावित हुई है। वहीं गरीब मजदूर तबका जो फल, सब्जी, दूध इत्यादि की बिक्री के लिए शहर जाता है उस पर भी बहुत अधिक आर्थिक भार बढ़ चुका है। इसके अलावा रोजाना शहर जाने वाले कर्मचारी, दिहाड़ी मजदूर, दूध विक्रेता, किसान, व्यापारी व अन्य लोगों पर इसका बहुत विपरीत प्रभाव पड़ा है। गांव की आबादी व आसपास के प्रभावित क्षेत्रों की हजारों आबादी उजडऩे के कगार पर है। रोड बंद हो जाने से यहां जमीनों की कीमतों में भी भारी गिरावट आई है। क्षेत्र के दुकानदार व व्यापारियों के काम धंधे फेल हो चुके हैं। जो सडक़ हर समय गुलजार रहती थी वह अब वीरान, सुनसान हो चुकी है। पहले गांव की दूरी शहर से पांच किलोमीटर थी तथा हिसार बस स्टैण्ड से 5-7 कि.मी थी जो अब 4 से 5 गुणा बढक़र 25-30 कि.मी. हो गई है। इस समय बरवाला रोड पर पडऩे वाले सभी गांव बेहद परेशानी के दौर से गुजर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि बरवाला विधानसभा क्षेत्र वर्तमान रोड बंद हो जाने से मिलगेट, सातरोड़, कैंट सहित अन्य क्षेत्रों से पूरी तरह से कट चुका है और इसके बीच एयरपोर्ट की दीवार खड़ी हो गई है। यह रोड बंद हो जाने से न केवल बरवाला हलका बल्कि हिसार, चंडीगढ़ तथा अन्य राज्यों के लाखों लोग परेशान हैं और प्रभावित हैं। हम सब ग्रामीणों की मांग है कि हमें सरकार द्वारा एयरपोर्ट की बाहरी दीवार के साथ-साथ स्थायी सडक़ मार्ग जिस पर सरकार ने कार्यवाही शुरू की हुई है जल्द से जल्द बनवाकर देने की कृपा करें ताकि हम ग्रामीणों की परेशानियां दूर हों। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट की दीवार के साथ के स्थायी सडक़ मार्ग की पहले वाले रोड़ की बजाय थोड़ी दूरी तो बढ़ेगी लेकिन इसका लाभ चंडीगढ़ तक जाने वाले लोगों को होगा। Post navigation कृषि मंत्री जेपी दलाल ने नारनौंद व हांसी अनाज मंडी का किया औचक निरीक्षण दौरा घोटाले और चुनाव का संगम ?