मु.न. 288 दिनांक 01.09.2018 धारा 420, 467, 468, 471,120 बी भा.द.स.व 13 पी.सी. एक्ट 1988 थाना खेडकी दौला, गुरुग्राम बारे

गुरूग्राम 21 अप्रैल, 2023 – मीडिया की कुछ रिपोर्टों में अनुमान लगाया गया है, कि मु.नं 288 दिनांक 01.09.2018 धारा 420, 467, 468, 471, 120बी भा.द.सं. व 13 पीसी एक्ट थाना खेडकी दौला गुरूग्राम की जांच के लिए गठित एस.आई.टी. द्वारा ‘क्लीन चिट’ दे दी गई है तहसीलदार मानेसर द्वारा दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दिनांक 18.09.2012 (वसीका नं. 1435 ) को स्काईलाईट हॉस्पिटैलिटी द्वारा 3.5 एकड़ जमीन 58 करोड़ रुपये में डी.एल.एफ. कम्पनी को बेची है उसमें Indian Registration Act 1908 के नियमों की कोई अवहेलना नहीं हुई है। तहसीलदार की इस रिपोर्ट को कुछ समाचार पत्रों ने ‘क्लीन चिट’ के रूप में प्रस्तुत किया है, जो सर्वथा अनुचित है।

माननीय पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा जनप्रतिनिधियों (सांसद व विधायक) के विरुध दर्ज मुकदमों की निरन्तर निगरानी की जा रही है । CWP-PIL No. 29 of 2021 titled as Court on its own motion V/s State of Punjab and others में हरियाणा पुलिस द्वारा समय – 2 पर प्रदेश में ऐसे दर्ज मुकदमों की प्रगति बारे न्यायालय में रिपोर्ट दाखिल की जा रही है। मु.नं.‌ 288/2018, थाना खेडकी दौला, गुरुग्राम में प्रगति रिपोर्ट भी इस मामले में राज्य द्वारा दायर व्यापक जवाब का एक हिस्सा थी। जिसमें एस. आई. टी. द्वारा कहीं भी आरोपियों को‘क्लीन चिट’ देने का जिक्र नहीं है।

यह स्पष्ट किया जाता है कि उक्त मुकदमे के अनुसंधान का दायरा बहुत विस्तृत है। इस केस में छानबीन की जा रही है कि क्या जानबूझकर कुछ विशेष लोगों को अनुचित लाभ देने के लिए एक आपराधिक षडयंत्र के तहत नियमों को तोडा-मरोड़ा गया है तथा क्या यह मामला Quid Pro Quo का है ? इस सन्दर्भ में विभिन्न बिन्दूओं पर तफ्तीश तथा इस प्रकरण से जुड़े व्यक्तियों को शामिल तफ्तीश किया जा रहा है।

मुकदमें में अब तक हुई तफ्तीश की उच्च पुलिस अधिकारियों द्वारा गहन समीक्षा की गई है। तत्पश्चात तफ्तीश में तेजी लाने के उद्देश्य से एस.आई.टी. को पुनर्गठित किया गया है। चूंकि यह मामला राजस्व व टाउन एंड कन्ट्री प्लानिंग विभाग से जुड़ा है, इसलिए आरोपों की तफ्तीश में मदद हेतु उक्त विषयों के जानकार व अनुभवी 02 उच्च प्रशासनिक अधिकारियों को भी एस.आई.टी. के साथ जोड़ा गया है ।