-प्रदेश अध्यक्ष कुरुक्षेत्र के पेहवा के पास जोरासी खुर्द आश्रम में संत बाबा मान सिंह की अंतिम अरदास में हुए शामिल।

चंडीगढ़। कुछ दिन पूर्व चोला छोड़कर इस संसार को अलविदा कहते हुए उस परम पिता परमात्मा की गोद में जा विराजे संत बाबा मान सिंह जी की अंतिम अरदास में उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ जोरासी खुर्द, पेहवा जिला कुरुक्षेत्र पहुंचे। यहां उन्होंने बाबा जी को श्रद्धांजलि देते हुए उनके जीवन के संस्मरणों को याद करके उनका जाना समाज के लिए बड़ी क्षति बताया।

संत बाबा मान सिंह जी के जीवन व उनके सिद्धांतों को समाज के लिए मिसाल बताते हुए ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि संत महाराज ने पूरी दुनिया में घूमकर गुरमत सिद्धांतों का प्रचार किया। अमृत संचार किया और सिख इतिहास व सिख परंपराओं को दृढ़ता से लागू कराने में विशेष योगदान दिया। महाराज जी के पूरे संसार में अमेरिका, आस्ट्रेलिया, जर्मनी समेत 14 देशों में आश्रम हैं। जहां निरंतर सिख धर्म का प्रचार-प्रसार होता है।

अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि जब भी कभी पूरे भारत में या विदेशों में आपदा आई, सरकारों से पहले पहुंचकर संत जी ने दुखियों, पीडि़तों को लंगर, वस्त्र और छत का प्रबंधन किया। संत जी का महानता यह भी थी कि उन्होंने चंदा-चढ़ावा की प्रथा नहीं चलाई। अपने संसाधनों से करोड़ों लोगों को लंगर, प्रसाद छकाने का काम किया। वो चाहे गुजरात के भुज में प्राकृतिक आपदा भूकंप हो, नेपाल हो, उड़ीसा हो या फिर राजस्थान का सूखा प्रभावित क्षेत्र हो। सभी जगह पर पीडि़तों की मदद के लिए उन्होंने आगे बढ़कर मदद की। पंजाब में कारगिल युद्ध के दौरान सीमा क्षेत्र में जाकर वहां के बाशिंदों को लंगर, वस्त्र व अन्य सहायता दी। फौज को भी राशन, फर्स्ट एड पहुंचाई।

ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि उन्होंने पेहवा में एक मेडिकल कालेज, डेंटल कालेज, नर्सिंग कालेज, पब्लिक स्कूल आदि संत बाबा ईश्वर सिंह जी के नाम से चलाए। उन्होंने गुरमत की विद्या हासिल की थी। उनके नाम से बड़ा आश्रम पेहवा में सचखंड ईश्वर दरबार बनाया है, जिसमें पूरे हिंदूस्तान के सभी गुरुद्वारों से बहुत बड़ी इमारत संत बाबा ईश्वर सिंह के नाम पर की जा रही है। उन्होंने हमेशा ही गरीबों को हर तरह की मदद करने का काम किया। गुरू नानाक देव, गुरू गोबिंद सिंह के दिखाए हुए मार्ग पर चलने का उन्होंने काम किया। वे ऐसे संत प्रचारक थे, जिन्होंने पूरी दुंनिया में घूमकर लोगों की मदद की। गुरुद्वारे बनाए और गुरमत सिद्धातों का सिख धर्म में महत्व बताया।

अंतिम अरदास कार्यक्रम में उनके साथ शुगर फेड के पूर्व चेयरमैन सरदार हरपाल सिंह विशेष तौर पर शामिल हुए और संत जी को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। जिला कुरुक्षेत्र अध्यक्ष रवि, युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल राणा, सेंकडृों भाजपा कार्यकर्ता शामिल हुए। स्टेज संचालन भाई मनी ङ्क्षसह ने अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ का यहां पहुंचने पर मर्यादा में रहते हुए स्वागत किया।

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