गुरूग्राम, 15 अप्रैल। शिक्षा आज देश के प्रमुख व्यवसायों में से एक “शिक्षा का अधिकार शब्द” आज समझ से परे है!जबकि सरकारी शिक्षा व्यवस्था चरमरा कर टूट सी गई है ,बल्कि तोड़ दी गई है! अप्रैल से नया सैशन 2023-24 शुरू हो चुका है,शिक्षा के निजी संस्थानों में अभिभावकों के लूट की दुकानें सज चुकी हैं! फॉर्म 6 के नाम पर नियमों की धज्जियाँ उड़ाई जाती हैं,शिक्षा निदेशालय चुप्पी साधे रहते हैं,जिला शिक्षा अधिकारियों की भला बिसात ही क्या! पहले से ही उसी विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों पर पुनः दाखिले के बोझ आना शुरू हो चुका है,मतलब हर साल एडमिशन व भारी अन्नुअल डेवेलपमेंट फीस वह भी बढ़कर फीस में वृद्धि अलग जबकि “कोरोना काल” की मार के असर से अभी आमजनमानस बाहर नहीं निकल पाया है ! विकासशील देश में गरीब व मध्यमवर्गीय अभिभावकों पर हर साल महंगी पब्लिकेशन की बुक्स खरीदने का भार बदलाव सिर्फ एक दो चेप्टर के दिखावटी बदलाव के साथ! यूनिफॉर्म भी स्कूलों की दुकानों से ही लेनी होगी,महंगे दामों पर! जूते से मोजे तक हर साल बदलाव ज्यादातर स्कूलों में जो हर साल नई खरीदने का बोझ बना रहे! शिक्षा का गिरता हुआ स्तर शिक्षण संस्थानों का ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता से ज्यादा ज्यादा वसूली पर है! शिक्षकों का मान-सम्मानताक पर रखकर आज उन्हें गेट पर दरबान से लेकर स्कूलों का घर-2 जाकर प्रचार भी करना है, मामूली तनख्वाह में शोषण! शिक्षा के संसाधनों की न कोई जाँच न लगाम, सालाना सही तरह से ऑडिट या बैलेन्स शीट बनती नहीं हैं,बल्कि स्कूल हमेशा घाटे में ही दिखाए जाते हैं! एक स्कूल से अनेक स्कूल लूट की खुली छूट का खेल क्या कभी खत्म होगा! वेदों के ज्ञाता ऋषि मुनियों व गुरुकुलों का देश भारत अपनी शिक्षा के स्तर को सुधार कर अपने नागरिकों को “नेताओं व कॉरपोरेट जगत” के चंगुल से निकाल कर सस्ती शिक्षा मुहैया करा पायेगा! देश के ज्यादातर निजी संस्थान आज इसी रास्ते पर चल रहे हैं! पश्चिमी देश पूर्व के विश्व गुरु भारत के वेदों व ग्रंथों को अंगीकार अपने देशों में सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया करा रहे हैं!आधुनिक विज्ञान यह मान चुका है! भारत फिर से विश्व गुरू बन पाएगा,कैसे..आज यह सवाल मुँह बाएं खड़ा है! माननीयों जरा सोचिए!क्रमशः… Post navigation गुरुग्राम में सुरक्षित नहीं महिलाए सैक्टर-17C में दिनदहाड़े युवती से घर के बाहर से छीनी चैन, सीसीटीवी में कैद जिला गुरुग्राम की निपुण हरियाणा मिशन का विश्लेषण व DPIU (जिला परियोजना कार्यान्वयन इकाई) मार्च माह मीटिंग सम्पन्न